प्रायश्चित – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

उमा को आज संकेत की बहुत ज्यादा याद आ रही थी कि मैंने—— संकेत के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया, वह बच्चा मासूम था, कितना प्यार करता था, और मैं अपने बच्चों के मोह में उसको दूर करती रही——- और एक दिन किसी और को दे दिया—— आज संकेत हमारे घर होता और हमारे घर … Read more

कसूर – निरुपमा कपूर : Moral Stories in Hindi

उसकी छोटी-छोटी आँखों में नमी भर गई थी। पलकें भीग रही थीं, उसे बहुत दर्द हो रहा था। आज वह अपनी माँ के लिए बहुत बेचैन हो रही थी। माँ को सबसे ज़्यादा झकझोर कर उसे बचाने की कोशिश में लगी थी। वह दिखाना चाहती थी कि, “माँ, मैं तेरे साथ हूँ, तू टूट मत, … Read more

मैं आपकी बेटी जैसी हूं – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

आज फिर राधा जी ने ठीक से खाना नहीं खाया तभी उनका उदास चेहरा देखकर उनकी बहू रागिनी बोली मां जी क्या बात है तीन-चार दिन से आप ना ही ठीक से खाना खाती है और बहुत उदास रहती है l अगर तबीयत ठीक नहीं है तो डॉक्टर के पास चलते हैं l मैं बोली … Read more

नए साल की सौग़ात – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

टवनटी टवनटी वाला साल तो शायद कभी नहीं भूलेगा। जब से नया साल शुरू हुआ है, सबके मन में नई उंमगें हैं। पिछले साल ने जो दु:ख दिए, जो जो नुकसान हुए उन सबकी भरपाई होना इतना आसान नहीं है, और कुछ ज़ख़्म ऐसे भी मिले जो कभी नहीं भरेंगे , फिर भी कहते है … Read more

बेटियां – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे!” तीसरी भी बेटी हो गई बहू को।हे भगवान बेटे की लालच में सुनील ने ये क्या कर दिया”… कमला जी बहू की तीसरी संतान के होने का दुख मना रहीं थीं। चारों तरफ मातम पसरा था जैसे आने वाली नन्ही सी परी ने कोई गुनाह कर दिया हो।सुनील तो अपनी किस्मत को कोस रहा … Read more

सफाई कर्मचारी – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुनिता नगर महा पालिका में एक सरकारी सफाई कर्मचारी थी और अपने परिवार के पालन पोषण के लिए वो बड़ी इमानदारी से काम करती थी। उसके दो बेटे थे, कभी – कभी वो भी उसके साथ आ जाते थे। एक बार बड़े बेटे राजू ने मां की मदद के लिए झाड़ू उठा लिया तो सुनिता … Read more

नमक की नदी – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

गाँव के पश्चिम में बहती नदी का नाम था “शुक्रिया”। लोग कहते, यह नदी नमक के आँसू बहाती है, क्योंकि इसके किनारे बसे हर घर की दास्तान में कोई न कोई ऐसा था, जिसने किसी न किसी के नमक का हक चुकाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। आज भी जब नदी … Read more

अनोखा प्रायश्चित – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

 चार धाम की यात्रा पर जाने की तैयारियों में व्यस्त कामिनी जी के पैर अचानक ठिठक गए जब कमरे से आती आवाजें उनके कानों तक पहुंची “बस भैया कल घर के कागज़ों पर मां के साइन लेने हैं फिर आप अमेरिका और मैं कनाडा” छोटे बेटे ने कहा “और मांजी का क्या?” दोनो बहुएं एक … Read more

मनचाहा साथी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

       बेला के पति शेखर ने उसे बताया कि मेरा तबादला जबलपुर हो गया है तो वो खुशी-से फूली नहीं समाई,” अरे वाह! वहाँ तो मेरी सहेली प्रभा रहती है..अब तो मैं रोज उसके साथ गप्पे मारा करूँगी…।”    ” हाँ-हाँ..मारती रहना गप्पे लेकिन पहले जाने की तैयारी तो करो..।” कहकर शेखर ऑफ़िस चले गये और वो … Read more

सेल्यूट – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही मां का रो रोकर बुरा हाल था।सुमेश को शाम तक बॉर्डर पर पहुंचने का हुक्म आ गया था।सुमेश एक महीने की छुट्टी लेकर घर आया था उसकी शादी जो थी। एक हफ्ते ही तो हुए है शादी के अभी तो नववधू सुलभा  हिल स्टेशन घूमने जाने की तैयारियां कर रही थी। अभी … Read more

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