ऑंसू बन गए मोती – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

  अनुभा ओ अनुभा… सास की आवाज सुनकर थकान से बोझिल ऑंखों को अनुभा ने जैसे ही खोला सामने अपनी सास को देखा। वे उसके अनुराग की निशानी को गोद मेें लिए ससुर जी के साथ खड़ी थीं। खुशी से चहक उठीं और बोलीं- देखो बेटी तुमने आज हमारे अनुराग को वापस हमारी गोद मेें देकर … Read more

ऑंसू बन गए मोती – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

अरे …… सुशीला तुम रोज रोज इतनी देर से क्यों आती हो….?  तुम तो जानती हो मुझे ऑफिस जाना है। सुशीला की मालकिन दिव्या ने कहा… सुशीला बिना कुछ कहे … जल्दी जल्दी काम में लग गई। दिव्या को लगा सुशीला कुछ परेशान हैं। दिव्या ने किचन में जाकर सुशीला से कहा…. क्या बात है … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है। – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कुसुम जी के तेवर में आज सख्ती थी।बहू रीत की मां ने सबके लिए कुछ उपहार स्वरूप कपड़े, मिठाइयां और लिफाफे भेजे थे क्योंकि रीत की पहली दीपावली थी। रीत ” तुम्हारी मां को हमारी हैसियत का बिल्कुल अंदाजा नहीं  है। ऐसे कपड़े हमलोग नहीं पहनते हैं, अगर देना है तो ढंग की चीजें भेजा … Read more

पश्चाताप – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

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कमरे की छत से पानी टपक रहा था, ज्योति कभी एक तरफ बर्तन रखती, तो कभी दूसरी ओर… न तो बारिश रूक रही थी और न ही उसके पास और बर्तन बचे थे, जिसे वो टपकते हुए पानी के नीचे लगा दे। हे भगवान! अब तो रहम करो, कब तक बरसोगे। ऐसा लग रहा हैं … Read more

वचन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बेटा ! अब इस घर में तुम्हारे लिए बचा ही क्या है जो तुम अंतिम हवन के बाद यहीं रहना चाहती हो ? अजित के कारण ही तो तुम्हारा संबंध था इन सब से ….. मम्मी प्लीज़, धीरे बोलिए….अगर माँ या बाबा ने सुन लिया तो उनके दिल पर क्या बीतेगी? ये बात सही है … Read more

ननकी बुआ और उनका पर्स – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मैं पीहू…..आज मैं अपनी ननकी बुआ की बातें आपसे करूंगी …..वैसे तो मेरी दो बुआ है ….बड़की बुआ और ननकी बुआ….. ये बड़की और ननकी बुवाओ के घर के नाम है …..पर इसी नाम से हमारी दोनों बुआ पूरे मोहल्ले में जानी जाती हैं …..हम सब बड़ी बुआ को बड़की बुआ और छोटी बुआ को … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

सोहम अपने दोस्तों के साथ गली के मोड़ पर खड़े होकर लगातार बाइक का हॉर्न बजाता रहा, “नव्या अपने छोटे भाई का हाथ कसकर पकड़ते हुए बिना इधरउधर देखे, तेज कदमों से घर की ओर जाने लगी।” क्या यार, इतनी मेहनत करने का… आधा घंटे तक तो इस चिलचिलाती धूप में खड़े, इंतजार करते रहे … Read more

टका-सा मुंह लेकर रह जाना – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आज रंगोली के नए ऑफ़िस का पहला दिन था, बहुत खुश थी वो। जाकर सबसे मिली तो लगा, वाह सभी काफ़ी अनुभवी लोग हैं,उसे सीखने को काफी कुछ मिलेगा। बातूनी और चुलबुले स्वभाव के कारण वह जल्दी ही सबसे घुल मिल गई। उन पांच लोगों की टीम में उसकी दोस्ती सबसे हो गई थी,ऊपर से … Read more

टका-सा मुॅंह लेकर रह जाना – डॉक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

प्राचीनकाल में  किसी जंगल में नदी किनारे एक जामुन  के पेड़ पर एक बंदर रहता था।बंदर उस पेड़ के मीठे-मीठे जामुन खाता और अपने दिन आराम से बिताता, परन्तु उस बंदर के दिल में एक ही मलाल था कि उस निर्जन वन में उसका कोई दोस्त नहीं था।अकेलेपन के कारण बंदर कभी-कभी उदास हो जाता … Read more

आंसू बन गए मोती – खुशी : Moral Stories in Hindi

रति एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती थी। परिवार में मां शांति , पिता श्याम लाल और दो भाई बहन नीता और अनंत ।रति कॉलेज के आखिरी साल में थी उसी के साथ पढ़ने वाले आकाश से उसकी दोस्ती थी।दोनो ही मेघावी छात्र थे।दोनो की बातों का विषय किताबें या समाजिक मुद्दे ही होते। … Read more

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