प्यार को प्यार ही रहने दो–कोई नाम ना दो – कुमुद मोहन

सुधा के पति मनीष के गुजर जाने के बाद उनका बेटा समर और बहू लीना अपने साथ लंदन ले आए। उसे बहुत याद आता अपना खुला-खुला घर,छोटा सा बगीचा पुरानी काम वाली संतो उसके बच्चे जो दादी-दादी कहते हर वक्त टाॅफी-चाकलेट और बिस्कुट के लालच में उसके आसपास मंडराते रहते थे,उसका छोटा मोटा काम खुशी-खुशी … Read more

मुझे फ़र्क पड़ता है – बेला पुनीवाला

  मेरा नाम ख़ुशी, अपने घर में सब के होठों की मुस्कान, सब के दिलो की जान। मम्मी और पापा ने मेरा नाम बड़े प्यार से रखा था, ” ख़ुशी “। जिसके जीवन में हर पल खुशियांँ ही महकती  रहे और वह सब के जीवन को ख़ुशियों से भर दे। घर में, मैं  सब की प्यारी … Read more

अपने और पराये का एहसास – पूजा अरोरा

संडे का दिन था सब सुबह देर तक सोए हुए थे।  तभी अचानक से दरवाजे की बेल बजी।  ममता जी  ने  दरवाज़ा खोला तो देखा दरवाजे पर उसकी  बेटी  मोहिनी खड़ी थी|  हाथ में सूटकेस और दोनों बच्चों के साथ,   इतने में मोहिनी के पापा विनोद जी   की आवाज़ आयी, “ममता जी  कौन आया … Read more

दिल का रिश्ता – तृप्ति शर्मा

“सुरभि,, नाश्ता ले आओ ,मम्मी मेरे कपड़े,मेरा लंच कहाँ है” रोज  सुबह ऐसा ही शोर होता सुरभि के घर। पति रोहन और बेटा पार्थ रोज अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए ऐसे ही शोर मचाते। सुरभि कभी इधर कभी उधर घूमती हुई उनकी हर जरूरतों को पूरा करती रहती। खुशी के साथ-साथ उसे कभी कभी घमंड … Read more

वर्क फ्रॉम होम – प्रीता जैन

   घड़ी देखी एक बजने को था जल्दी से गैस के तीनों बर्नर जला दाल-चावल व सब्जी एक साथ रख दिये, इधर आटा गूंथ सलाद भी सजा टेबल लगा दी| पुनीत के आने में 15-20 मिनट थे इसलिए मायके फोन लगा भाभी से बात करने की सोची, हैलो! कहते ही भाभी बोलीं बहुत लंबी उम्र … Read more

दर्द का रिश्ता – पुष्पा पाण्डेय

भागती हुई नर्स डाँ. रवि के केबिन में आई।  ” सर, वार्ड नम्बर-7 में जिसकी कल ही डिलीवर हुई थी,वो बच्चा छोड़कर न जाने कहाँ चली गयी?”  “अरे, ऐसे कहाँ चली जायेगी? खोजो, यहीं कहीं होगी। नहीं तो उसके परिजन से सम्पर्क करो।” भूख से बिलखते उस बच्चे को नर्स ने नर्सरी में भेज दिया … Read more

आई माँ – मंगला श्रीवास्तव

 शारदा आज मेरी जरूरी मीटिंग है कम्पनी में मुझको जल्दी जाना है ,  तुम सुदीप को संभाल लेना उसका ध्यान रखना दूध पिला देना काम पड़ा रहने देना बाद में कर लेना। यह कहकर अमिता जी अपने तीन महीने के मासूम बेटे को छोड़ पति नरेंद्र के साथ बाहर निकल गई थी। शारदा  घर में … Read more

दिल का रिश्ता”  – ऋतु अग्रवाल

इसे कहानी कहूँ, संस्मरण या मेरे दिल का सबसे नाजुक कोना। मैं यह निश्चित करने में नाकाम हूँ।शायद इतना प्यार कोई किसी से नहीं कर सकता जितना मैंने उससे और उसने मुझसे किया। बहरहाल, यह मेरी जिंदगी का सबसे प्यारा और पीड़ादायक हिस्सा है।         बात तब की है जब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। … Read more

गरम चिमटा – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नमिता बहुत व्यथित थी आज…..कुंठित सी हो रही थी आपने आप में… ये अक्सर मेरे साथ ही क्यों होता है….क्या सोचती हूं और क्या हो जाता है…! हर बार स्वयं को लानत भेजती हूं …हर बार ये संकल्प दुहराती हूं … कि अब किसी से कुछ नही कहूंगी जिसको जो … Read more

मेरा पति सिर्फ मेरा है –  मनीषा भरतीया

रमा और उसके पति हर साल गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के साथ कहीं ना कहीं छुट्टियां मनाने जरूर जाते थे इस साल उन्होंने ऊटी जाने का प्लान बनाया था। ऊटी जाने के लिए बच्चे भी बहुत खुश है लेकिन इस बार रमा घूमने अकेले नहीं जा रही थी बल्कि अपने सास-ससुर को भी अपने … Read more

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