भाभी – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे रत्ना जरा जल्दी कर। देख बारात दरवाजे तक आने ही वाली है। निर्मला चाची परेशान सी रत्ना से बोली। निर्मला चाची रत्ना की चचेरी सास थी। आज रत्ना की छोटी नंद विभा की शादी थी। वही रत्ना को सब कामों और रीति-रिवाजों के बारे में बता रही थी। क्योंकि रत्ना की सास का उसकी … Read more

अपना सा मुंह लेकर रह जाना – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

राधा अपने बेटे को तीन-चार बार फोन मिला चुकी थी, लेकिन उधर से कोई जवाब ही नहीं आ रहा था घंटी जरूर जा रही थी थोड़ी देर में उसने दोबारा फोन मिलाया तो उधर से राजन की आवाज आई मां आप बार-बार फोन क्यों करती रहती हो मेरी मीटिंग चल रही थी मुझे डिस्टर्ब मत … Read more

अपना सा मुंह लेकर रह जाना – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

शहर की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में साक्षी, एक सफल कॉर्पोरेट प्रोफेशनल, हमेशा अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटती रहती थी। उसे लगता था कि दूसरों की सफलता केवल दिखावा है, असली प्रतिभा तो बस उसी में है। एक दिन उसे अपनी पुरानी सहपाठी अदिति का सोशल मीडिया प्रोफाइल दिखा। अदिति ने अपने छोटे से बुटीक की … Read more

काश ऐसी सास सबको नसीब हो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ आप रो क्यों रही है…. क्या आपको भी मैं ही गलत नजर आ रही हूँ ?” नित्या अपनी सास सुशीला जी से उदास स्वर में बोली “ नहीं बहू मुझे तो अपनी बेटी पर ग़ुस्सा आ रहा है….. पर अच्छा हुआ अब वो चली गई…. उम्मीद करूँगी अब जब वो आए तो फिर … Read more

‘थैंक्यू भाभी माॅं’ – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अनु, एक पढ़ी-लिखी, सुलझे विचारों वाली खुशमिजाज महिला थी। खुश रहना और दूसरों को खुशियाँ बांटना उसका स्वभाव था। किंतु, आजकल कुछ समय से वह अपने अंदर कुछ उदासी, कुछ खालीपन महसूस कर रही थी। वह चाहकर भी खुश नहीं रह पा रही थी, मन सदा अशांत सा रहता। ऐसा नहीं था कि उसे कोई … Read more

रिश्तों की धुरी: प्यारी सास – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

विमला देवी एक साधारण गृहिणी थीं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने परिवार के लिए समर्पित कर दी थी। पति के देहांत के बाद, उन्होंने अपने दोनों बेटों अमित और मनीष को न केवल पाला , बल्कि उन्हें अच्छे संस्कार भी दिए। अमित की शादी को तीन साल हो चुके थे, लेकिन उनकी पत्नी रिया अक्सर … Read more

भाभी – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

 सबेरे के लगभग 8 बज रहे थे धीरा किचन में व्यस्त थी मोबाइल की रिंग सुनकर उसने फोन उठाया उधर से भतीजी के पति सुधीरजी का फोन था बीबी अम्मा की तबियत बहुत बिगड़ गई है आप जल्दी बम्बई पहुंचिये  मैं शुचि को वहीं छोड़ आया हूं दोनों बच्चों की वार्षिक परीक्षा होने के कारण … Read more

समझदार सास – दमयंती पाठक : Moral Stories in Hindi

मुंबई के एक पॉश निधि और उनकी सास अनुराधा जी रहती हैं। अनुराधा का मनाना था कि जमाना बदल रहा है और हमें भी जमाने के साथ खुद को बदलना चाहिए। अनुराधा जी ने बेटे की शादी धूम धाम से की। प्यारी सी बहु निधि घर आई।। निधि एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थी … Read more

घट गई इज्जत – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

ममता जब से बाज़ार से लौटी थी,बहुत उदास थी,रह रह कर उसे आज की घटना का ध्यान आता और वो अपना सा मुंह लेकर रह जाती…जैसे घड़ों पानी गिर गया हो उसपर…किसी ने कुछ कहा भी नहीं उसे लेकिन अपनी हरकत, ओछी सोच याद करते ही वो लज्जित हो जाती।क्या नाम रखा था उसके पेरेंट्स … Read more

भाभी – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

करुणा अपनी आंखों में खुशियों की नई दुनिया बसाने के ढेर सारे रंगीले सपने लेकर आ गई पिया की नगरी!              तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थी करुणा। पिता एक सामान्य लिपिक थे, अतः आय सीमित ही थी। मगर संतोष और संस्कार का धन अकूत था उनके परिवार में! प्रत्येक आम पिता की … Read more

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