टर्निंग पॉइंट कभी भी आ सकती है – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“मैंने••• तुझे कितनी बार कहा कि•• मत खेला कर उनके साथ पर तू है की सुनती ही नहीं•••! गीता अपनी बेटी सेजल से बोली। पर मां••!” मैं क्यों नहीं खेल सकती उनके साथ•••? आखिर वो मेरे भाई-बहने हैं•••! 1४ साल की सेजल बड़ी-बड़ी आंखों को मटकाते हुए गीता से ही सवाल जड़ दिया।  एक बार … Read more

अहंकार कभी न करना – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” अंकित..खबरदार जो मनु के खिलौने को हाथ लगाया..लंदन से इसके पापा ने मंगवाया है..।तुम भी अपने पापा से..अ.रे.रे..रे..तुम्हारे पास तो ढ़ंग के कपड़े भी नहीं है..खिलौने कहाँ से..।” कहते हुए रीना व्यंग्य-से हँसी और उसने अपने जेठानी के बेटे अंकित के हाथ से खिलौना छीन लिया।        रीना के ससुर दीनदयाल जी की अचानक मृत्यु … Read more

कब तक तुम्हारा खर्चा उठाऊँ – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

“सबका करें भला भगवान। सबको रखें खुशहाल और धनवान।” इन्हीं दोनों वाक्यों को सर्वेश सामने वाली दीवार पर टंगे भगवान शिव के चित्र के समक्ष हाथों को जोड़कर दुहराये जा रहा था । अभी सुबह के सात बजे होंगे। फागुन का महीना था। मौसम सुहाना था। मंद मंद हवा बह रही थी। जो खिड़कियों से … Read more

आंखों पर चर्बी चढ़ना – डॉ रूपाली गर्ग : Moral Stories in Hindi

हर्षाली की शादी नई नई एक ऐसी परिवार में हुई जहां की परंपरा लोगों की सोच और खान-पान बिल्कुल  अलग था। इसलिए हर्षाली के लिए सब कुछ अजीब और नया था।  इसी नए माहौल में उसने कुछ और भी महसूस किया । हर बात में बेटी पर अधिक ध्यान देना उसकी हर बात सुनना ये … Read more

अपमान बना वरदान – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

राधिका का जीवन हमेशा से हिंदी भाषा और संस्कृति से जुड़ा रहा था। स्कूल, कॉलेज में पढ़ते हुए, वह जब भी कुछ महसूस करती, उसे शब्दों में ढालने के लिए हिंदी ही उसका प्रिय साधन बनती। वह अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती। हिंदी को वह अपनी आत्मा मानती … Read more

नया रिश्ता – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन पर सौरव अपना ट्रॉली बैग लेकर जल्दी से ट्रेन में चढ़ा क्योंकि ट्रेन चलने को तैयार थी l बाहर बहुत गर्मी थी एक में आकर उसने थोड़े सुकून की सांस ली l वह अपनी सीट पर बैठ गया और सामान सेट करने लगा l रात्रि के 9:00 बज रहे थे … Read more

सपने सच हुए – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ऐ रे चंपा किधर फुदक रही है… चल इधर आ मेरे साथ रसोई में हाथ तो बँटा।” अपनी भारी भरकम आवाज़ में रमिया ने कहा  “ अभी आई ताईजी कहती हुई चंपा गोद में सो रहे दो साल के अपने चचेरे भाई को बिछौने पर सुलाकर रसोई में आ गई  रमिया खुद काम कम करती … Read more

हमारे दिए संस्कारों में कोई कमी रह गई होगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

कोर्ट में कटहरे में खड़े होकर एक पिता आँखों में आँसू भरकर कह रहा था कि जज साहब शायद हमारे दिए गए संस्कारों में कोई कमी रह गई होगी इसलिए आज मेरी बेटी ने मुझे यहाँ लाकर खड़ा कर दिया है । समाज में मेरा तमाशा बना दिया है । मेरी तो इतनी ही गलती … Read more

अपनेपन की महक…. – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

बारिश का मौसम था मंद – मंद बारिश हो रही थी । रवि बालकनी में खड़ा था , बारिश की हल्की हल्की बूंदों से उसका जिस्म भीग रहा था और यादें भी , गाँव की मिट्टी की सोंधी सी ख़ुशबू बारिश की पहली बूंदों के साथ हवा में बह रही थी । उस ख़ुशबू में … Read more

स्कीम वाली दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

” बड़े भैया, छोटे भाई नीरज का अपमान करने का कोई हक नहीं है। आप पहले भी दो-तीन बार ऐसा कर चुके हैं,मैं आपसे बहुत नाराज हूं।आखिरकार आप बड़े हैं अगर आप ही ऐसा करेंगे,तो छोटों को क्या सिखाएंगे। “मीता ने अपने बड़े भाई कमल से कहा।   कमल ” तू गलत कह रही है मैंने … Read more

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