एहसास – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कविता आज भी तुमसे मिलने नहीं आई देव? शिखा ने पूछा तो देव थोड़ा खिसिया गया,उसे बर्दाश्त नहीं था कि कोई उसकी कविता के बारे में कुछ बात बनाए। नहीं..उसकी तबियत ठीक नहीं होगी नहीं तो वो ऐसा कभी नहीं करती…बहुत विश्वास से कहा देव ने। कल ही तो अपने फ्रेंड्स के साथ पिकनिक पर … Read more

आखिर मैं ही समझौता क्यों करूं – प्रतिभा भारद्वाज‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“बहू, कहां रह गईं थीं तुम अब तक……गौरी ने भी तुम्हें कितने फोन किए….लेकिन हर बार तुम्हारा ये उत्तर सुन सुन कर कि अभी आ रही हूं, अभी आ रही हूं…बेचारी थक गई और अब अपनी सहेली के साथ पार्लर गई है तैयार होने के लिए….पता नहीं वहां कितनी देर लगेगी….बारात निकलने में सिर्फ 1 … Read more

बच्चों का झगड़ा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

डोरबेल की आवाज़ सुनकर मैंने दरवाजा खोला तो सामने पड़ोसन की बेटी खड़ी थी। मैंने कहा “आओ बेटा बैठो, माधुरी तो अभी पार्क से खेल कर नहीं आई है। क्या तुम खेलने नहीं गईं थी?” “ नहीं आंटी मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए खेलने नही गई। वैसे मै माधुरी से मिलने नहीं आई हूँ। … Read more

समझ – खुशी : Moral Stories in Hindi

मैं शुरू से ही सास और ननद इस रिश्ते से चिढ़ती थी क्योंकि मेरी मांt को आजीवन उसकी सास और ननद ने दुख दिए एक पल भी सुख का मेरी मां को नसीब नहीं हुआ। इसलिए मेरी शुरू से ही सोच थी कि जिस घर में सास और ननद होगी मै वहां शादी नहीं करूंगी।अब … Read more

जीत लिया दिल – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

         “मीनल! यहीं आ जाओ, हम सब साथ ही खाना खाते हैं।”माधुरी, मीनल की सास ने पुकारा।            “जी!” कहकर मीनल ने अपने खाने की प्लेट भी डाइनिंग टेबल पर रख दी पर न जाने क्यों उससे खाते नहीं बन रहा था।             “खाओ न! क्या सोचने लगीं ?”माधुरी जी ने टोका तो  बेमन से मीनल खाना खाने … Read more

कच्चा चिट्ठा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

  सुमन कैसी हो उसके माँ ने हाल-चाल जानने के लिए फोन किया ।    माँ कैसे अच्छी रहूँगी । ऐसे घर में आप लोगों ने शादी कर दी मेरी । हमेशा तनाव में रहती हूँ ।    पर सुमन तुम्हारा ससुराल तो बहुत ही अच्छा है । इतने अच्छे लोग हैं । कैसे बोल रही हो । … Read more

“पत्नी तो कब की बन गई थी, पर बहू और भाभी आज बनी…” – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

रूपा की शादी को आज पूरे आठ साल हो गए थे। गांव के नज़दीक एक छोटे कस्बे में उसका ससुराल था। शादी के दिन उसे सजाकर जैसे ही विदा किया गया था, घर भर में मानो कोई देवी आई हो—सबके चेहरे पर मुस्कान थी। लेकिन ये मुस्कान रूपा की किस्मत में जिंदगी भर के लिए … Read more

समझौता अब नहीं – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

गर्मी की एक धुंधली सी शाम थी, जब सूरज ने अपनी आखिरी किरणों से धरती को जलाया था। गांव के दूर-दराज खेतों में हलवाहे काम कर रहे थे, और किसान अपने घर लौट रहे थे। यह एक सामान्य सा दिन था, लेकिन रामनाथ जी के घर में कुछ अलग हो रहा था। उनके जीवन में … Read more

कच्चा चिठ्ठा खोलना – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

बबलू आजकल गाँव की चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ था। पाँच साल पहले जो लड़का टूटी चप्पल पहनकर शहर गया था, वो अब चमचमाती गाड़ी में लौटा था। सूट-बूट, महंगे चश्मे और हाथ में मोबाइल… जैसे कोई फिल्मी हीरो। उसके पिता, रामदयाल, छाती चौड़ी करके कहते, “हमार बेटा अब साहब बन गया है! … Read more

आपने मेरे लिए क्या किया है – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

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“आपने मेरे लिए क्या किया है?” बेटे रोहन के मुंह से ऐसे कठोर शब्द सुनकर सरिता की आंखों में आसूं आ गए।जिस बेटे को इतने नाजों से पाला अपनी रातों की नीद कुर्बान की वही आज उसकी परवरिश पे सवाल कर रहा था वो भी बहु प्रिया के सामने जिसने आते ही पूरी तरह से … Read more

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