गठबंधन – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

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“सुधा आज तो बहुत दिनो बाद मिलना हुआ…. कहां थे इतने दिन?  जब से वो मोहल्ला छोड़ा है आप तो ईद के चांद ही हो गए” सुधा की पुरानी पड़ोसन मीना ने बोला जो उसके अग्रवाल समाज की अध्यक्ष भी है और आज शिवरात्रि के दिन मंदिर में अचानक टकरा गई “अरे मीना जी …. … Read more

बहुत कुछ होते हुए भी पैसा सब कुछ नहीं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     नीमा की शादी अपने ही शहर में विराट से हुई तो उसे मां बाप से दूरी का ज्यादा अहसास नहीं हुआ। दोनों घरों में ज्यादा दूरी भी नहीं थी। नौकरी भी वहीं पर थी, विराट का आफिस तो पूना में था लेकिन ज्यादातर काम आन लाईन हो जाता या फिर वो मार्कटिंग में रहता। ससुराल … Read more

सौगात – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रौशनी बहुत इलाज करवा चुकी थी लेकिन संतान का सुख जैसे नसीब में ही नहीं था। रमन बहुत समझाता कि “कोई बात नहीं हम दोनों हैं ना एक दूसरे के लिए। मुझे नहीं चाहिए बच्चा ,तुम अपने आप को दोष देना बंद करो।” घर आंगन सूना – सूना सा लगता और एक समय के बाद … Read more

नमक का हक अदा करना – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

संतोष और उनके पति कन्हैयालाल जी , आज बड़ी ही दयनीय हालत में, एक मंदिर के सहारे बैठे हुए थे। मन अत्यधिक दुःखी था। बेचारे ! विवश थे, क्या करें ? इस उम्र में कहां जाए ? कुछ समझ नहीं आ रहा था। जिस परिवार के लिए उन्होंने रात- दिन एक कर दिया। आज वही … Read more

किर्चियाँ – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

ऑफिस के सामने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के बरामदे में रतीराम का चाय का खोखा था। ऑफिस से खाली समय मिलने पर उसकी लकड़ी की बैंच पर बैठकर एक चाय बीस मिनट में सिप करते हुए गप्पें हाँकते रहना मेरे शौक में शामिल था। बचपन के क्लास फैलो रतन गुप्ता की परचून की दुकान पर चावल … Read more

शुभ विवाह – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

पत्नीभक्त केदारनाथ जी जब से सेवानिवृत्त हुए थे, जीवन का केंद्र में बस दो ही चीज़ें थीं—सुबह की चाय पर पत्नी के साथ मोहल्ले की खबरें सुन कर उस पर टीका-टिप्पणी करना और बेटी तान्या के लिए योग्य वर की तलाश। वह चाहते थे कि तान्या का विवाह एक ऊँची पोस्ट के अधिकारी से हो—कुछ-कुछ … Read more

शुभ विवाह – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

पंडित दीनानाथ जी, बेटी के लिए लड़का ढूंढ- ढूंढ कर परेशान हुए जा रहे थे। लड़का ढूंढते हुए, उन्हें कई वर्ष हो गए, जब बेटी बाईस  वर्ष की ही थी, तभी से उन्होंने लड़का देखना आरंभ कर दिया था, सोच रहे थे -समय रहते ही, बेटी का विवाह हो जाए और वो सुरक्षित अपनी ससुराल … Read more

ऋण चुकाना ! – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

अर्जुन एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता था | दिन रात मेहनत करके उसको प्रमोशन  भी मिल गया | उसकी तरक्की देखकर उसके माता पिता  खुश होते और आशीर्वाद देते | माता पिता  अकेले गांव में रहते थे |  धीरे धीरे अर्जुन काम में इतना व्यस्त हो गया कि मां पापा से बात करना कम … Read more

पश्चाताप, बेटी मुझे माफ़ कर देना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर साहब जैसे ही आई,सी ,यू से बाहर आए पवन जी लपककर डाक्टर के पास पहुंच गए, डाक्टर साहब मेरी बेटी कैसी है । देखिए पवन जी मेरी पूरी टीम लगी हुई है आपके बेटी को बचाने के लिए । उसका स्टमक हमने क्लीन कर दिया है लेकिन प्वाइजन का असर अब भी है ।48 … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————– इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है।बचपन में संयुक्त परिवार में चाचाजी, ताऊजी हम सब एक ही घर में अलग अलग रहते थे। त्योहारों पर शहर में रहने वाली बड़ी बूआजी तो कार में जब अपने अफसर पति ,बेटे के साथ आती थी तो पूरा घर उनकी आवभगत में लग जाता था। हम … Read more

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