आंसू बन गए मोती – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोटे से घर में मोहन अपनी पत्नी सुनीता और दो बच्चों, रोहित और पायल, के साथ रहता था। मोहन एक किसान था, लेकिन सालों से सूखा पड़ने के कारण उसकी फसलें बर्बाद हो रही थीं। आमदनी कम होने के कारण घर चलाना मुश्किल होता जा रहा था। सुनीता एक समझदार और सहनशील … Read more

सैनिक भाई का वो आखिरी खत – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“छुटकी ! बोल न, अगर तुझे कोई लड़का पसन्द है तो  ,मैं मम्मी – पापा से बात आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश करूँगा  । अब नीलेश ने प्यार भरे मनुहार “से ज़ोर देते हुए कहा…देख दिव्या (छुटकी) फिर मत कहना भैया ने साथ नहीं दिया । “अब मेरी छुट्टियाँ कल ही खत्म होने वाली हैं … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – राजेश कुमार : Moral Stories in Hindi

क्या टका सा मुंह ले के बैठे हो सुबह सुबह। चलो उठो और पार्क में सैर करके आओ। पिता ने अपने मायूस हो रहे बेटे को कहा। क्योंकि की कल ही उसका रिजल्ट आया था और वो फिर से  कुछ मार्क से रह गया था । ये उसका तीसरा अटेम्प्ट था। पिताजी ने रात को … Read more

आँसू बन गए मोती – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

कमरे की दीवार पर टँगी तस्वीर हल्की रोशनी में चमक रही थी। अमरेश जी का चेहरा स्थिर था, लेकिन उनकी आँखें जैसे अब भी कुछ कह रही थीं—कुछ, जो अभी पूरा नहीं हो सका था। उनके ठीक सामने सुधा बैठी थी, उदास चेहरा और गीली आँखों वाली सुधा। उसी कमरे की दूसरी दीवार पर टंगा … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे कहां है आप ?कब से पुकार रही हूं।चाय है कि ठंडी हुई जा रही है।अनिका ने अपने पति अनय को आबाज लगाते हुए कहा और चाय लेकर बरामदे की तरफ आई।आप यहां चहलकदमी कर रहे हैं और मैं गला फाड़कर आपको पुकार रही थी।अनिका ने चाय की प्याली को पास की मेज़ पर रखते … Read more

टका सा मुँह लेकर रह जाना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

” अनु और सुम्मी दो सहेलियाँ थीं।दोंनो गाँव में रहती थीं।अनु के पिता बहुत बड़े जमींदार थे– पचासियों नौकर चाकर उनके यहाँ काम करते थे।धन तो पानी की तरह  खर्च होता था।अनु अकेली बेटी थी और चार भाई थे।सभी बहुत  अच्छे स्वभाव के थे– कभी किसी गरीब का निरादर नही करते हालांकि उनके पास अथाह … Read more

आँसू बन गए मोती – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“बहुत साल पहले की एक कहानी है– एक गाँव में एक छोटी सी बच्ची सोना रहती थी।सोना अकेली थी।उसका इस भरी दुनिया में कोई नही था।माता-पिता बचपन में ही उसे रोता छोड़कर एक अग्निकांड में जल गए थे। अब वो दस साल की थी– उसने अपने भाग्य को स्वीकार कर लिया था लेकिन उसकी आँख … Read more

रास्ते बदल गए – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

कई दशक पहले की बात है जब आज की तरह नौकरी को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। घर में बाग- बगीचा, खेती, कुआं, ट्यूबवेल,ट्रैक्टर जीप गाड़ी….इन सब से अमीरी  की पहचान होती थी। जयचंद्र एक पूंजीपति व्यक्ति थे।  उनकी लगभग 150 बीघा जमीन थी। कई बड़े-बड़े बाग, तालाब, बहुत बड़ी कोठी, घर में नौकर … Read more

हताशा क्यों? – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीट की परीक्षा उत्तीर्ण ना कर पाने के कारण स्वाति बहुत उदास हो गई थी। कुछ नंबर की ही कमी रह गई वरना पेपर निकल जाता। यह उसका तीसरा प्रयास था उसे पूरी उम्मीद थी कि इस बार क्वालीफाई कर लेगी। ऊपर से समाचारों में नीट की पारदर्शिता पर उठे सवालों से उसका मन और … Read more

उपहार! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

घर-आँगन केसर और बासमती चावल की खुशबू से महक रहा था! पिताजी ने माँ भगवती के आगे दीप जलाया और वणज का भोग लगाया!  आज नारळी-पौर्णिमा, रक्षाबंधन का त्यौहार! घर के सभी सदस्य आज छुट्टी मना रहे थे! हँसी के फव्वारे छूट रहे थे…हम सभी भाई-बहन छोटे भाई का इंतज़ार कर रहे थे! वह मिरज … Read more

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