“खूबसूरती रिश्तों की” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

“खुशी जल्दी उठो बेटा दामाद जी का फोन है”…  “क्या मम्मी अमित यहां भी चैन से नहीं रहने दे रहे, अभी कल ही तो आई हूं, ऐसी भी क्या आफत आ गई जो सुबह सुबह फोन कर रहे है”… खुशी ने गुस्से से बड़बड़ाते हुए फोन ले लिया… थोड़ी देर अमित से बात करके खुशी … Read more

कीमत – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

श्यामा जब तीसरी बार प्रेगनेंट थी तब वह रोज भगवान से प्रार्थना करती थी कि इस बार उसके घर बिटिया को ही भेजना । पति रोहन हँसते हुए कहा करते थे कि श्यामा बेटा हुआ तो किसी को दे देगी क्या? वह कहती थी कि मज़ाक़ में भी मत कहिए कि बेटा होगा हमारे दो … Read more

क्यूं ना करूं अपनी किस्मत पर नाज़ – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“मैया, ये देखो आज हमने कितनी सुंदर पोशाक बनाई हैं….” राधिका और माला ने यशोदा जी से कहा “अरे वाह! मेरी बच्चियों बहुत सुंदर….”  “और आज के लिए ये फूलमालाएं भी तैयार हो गईं है….” इतने में अराध्या और ललिता भी कहती हुई आईं। और फिर सब गाती बजाती मंदिर अपने कान्हा के दर्शन करने … Read more

क्यों न करूं अपनी किस्मत पर नाज़ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कावेरी ने तीसरी बार बेटी को जन्म दिया है। अस्पताल में नर्स ने लेबर रूम से बाहर आकर बताया घर वालों को कि बेटी हुई है लेकिन, लेकिन क्या सिस्टर , बेटी विकलांग है एक हाथ कोहनी के नीचे से नहीं है।उसका एक हाथ आधा है ।सबके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। सभी एक दूसरे … Read more

“क्यों ना करूँ मैं अपनी किस्मत पर नाज – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

आज कोरियर से वेदा के लिए एक पार्सल आया। उसमें एक कार्ड था जिसपर धन्यवाद लिखा था, एक खूबसूरत सा पैन, एक कोरी किताब और एक पैकेट चाय का मसाला था। वेदा समझ ही नही पा रही थी कि ये किसने भेजा होगा। चाय के मसाले की खुशबू पहचानी सी थी। किताब में सिर्फ  इतना … Read more

क्यों न करू अपनी किस्मत पर नाज़ – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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दुलारी को गांव से आए करीब एक साल होने को आरहा है,इस एक साल में कितना कुछ बदल गया है कि उसे समझ नही आता कि धन्यवाद किसका करे अपनी किस्मत का या रशियन बहू का।जिसके आने से अड़ोस पड़ोस के सभी लोगों ने उसकी रशियन बहू को देख कर कहा था कि दुलारी बिचारी … Read more

अभागन… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

वट वृक्ष के नीचे महिलाओं की लंबी कतार लगी थी… सभी अपनी बारी का इंतजार करतीं… हाथों में पूजा की थाल लिए… आगे पीछे बैठी थीं… तभी एक छोटी सी डलिया हाथ में लिए… किसी के आते ही पूजा कर रही महिलाओं के बीच दबी जुबान में अलग-अलग बातें बनने शुरू हो गए… एक बोली…” … Read more

मेरी लक्ष्मीबाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

वनिता , अपनी बेटी के तौर तरीक़ों पर ज़रा ध्यान दो । वनिता की सास कांता देवी अपनी कर्कश आवाज़ में बोली । क्या हुआ ? माँ जी – वनिता कुछ सहमी सी बोली । क्या तुम्हें कुछ नहीं दिखता कि बेटी सयानी हो गई है । ये छोटे-छोटे कपड़े, बच्चों की तरह उछल-कूद, पूरा … Read more

अनमोल रिश्ते – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

कांता ओ कांता जल्दी से ऊपर जा बारिश आने वाली है । सारे कपड़े गंदे हो जाएंगे फटाफट से उतार कर लिया । क्या भाभी ? जब मैं पढ़ रही होती हूँ तभी तुम्हें सारें काम कराने होते हैं । जल्दी जाने का बोल सरला अपने पति के लिए चाय बनाने चली गई । सरला … Read more

पहचान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” क्या बात है सुगमा…आज बड़ी चहक रही है..।” अनिता ने अपनी खाना बनाने वाली से पूछा जो सब्ज़ियाँ काटते हुए गीत भी गुनगुनाती जा रही थी।    ” हाँ दीदी..आज मेरा सपना जो पूरा हुआ तो क्यूँ ना इतराऊँ…क्यूँ ना करूँ अपनी किस्मत पर नाज़।” अपने दुपट्टे से हाथ पोंछती हुई सुगमा बोली तो अनिता … Read more

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