मैं हूँ न – प्रीति आनंद अस्थाना
***** “अरे तुमने रामेश्वर बाबू के बारे में सुना? बेचारे बहुत परेशान हैं आजकल!” रामेश्वर बाबू? ये नाम तो पुष्कर को जाना-पहचाना लग रहा था। वही तो नहीं जिन्होंने आज से दस वर्ष पहले उसकी मदद की थी? पूरी कहानी तैर-सी गई आँखों के सामने! उसका इंटरव्यू था दिल्ली में, उसके लिए उसे कुछ सर्टिफिकेट्स … Read more