कौन किसके लिए कितना करता है…… – रश्मि प्रकाश

“मौसम हमेशा एक सा नहीं रहता कमला….एक दिन तेरी किस्मत में भी अच्छे दिन आयेंगे….तू चिंता क्यों करती हैं हम है ना तेरे साथ…..जाने दें तेरे पति ने जब साफ साफ कह ही दिया उसको तेरे साथ नहीं रहना,तो फिर उसको जिसके साथ जाना जाने दें…. उसको तेरे से जब प्यार ही नहीं है तो … Read more

राम तेरी गंगा मैली हो गई – सरला मेहता

विभा व अमोघ का आंगन कई मन्नतों के पश्चात बेटी की किलकारियों से गूंज उठा। चूँकि बड़े भागीरथ प्रयासों से संतान का सुख नसीब हुआ तो बेटी का नाम रखा जान्हवी। बेटी क्या आई कि जीवन  में ख़ुशी की लहर आ गई। मानो मरुभूमि में गंगा मैया की निर्मल धारा का अवतरण हो गया हो। … Read more

कुछ अनकही सी बातें – टीना सुमन

कभी-कभी कुछ चीजें आपके बस में नहीं होती ,कोशिश करते हैं आप संवारने की ,मगर चीजें कुछ ज्यादा ही उलझ जाती है ,और आप हार मान लेते हैं ।शायद  मेनें  भी  हार  मान ली थी….. अलार्म बज -बज कर खुद ही सो चुका था ,इस बार अलार्म का काम मां की आवाज ने किया- ” … Read more

त्याग की मूर्ति  – कमलेश राणा

 बड़ी खूबसूरत थी वो,, रंग एकदम गोरा, तीखे नैन नक्श, बड़ी_ बड़ी आँखें, नाज़ुक सी देहयष्टि , हर दम होठों पर विराजमान मोहक मुस्कान, भोली भाली, वंदना नाम था उसका,, जो भी एक बार देख ले उसे ,भूल ही नहीं सकता,, ऐसा कुछ था उसके व्यकित्व में,, लड़के आहें भरते कि एक नज़र तो देख … Read more

मलाल – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

नीता ने ससुर जी के देहांत के बाद नौकरी करने का फैसला किया.एक अच्छी कंपनी मे उसकी नौकरी लग गई.आफिस जाते वक्त वह अपने बच्चे को बहन के पास छोड़ जाती थी. मां थी कसक तो रहती ही है दिन भर बच्चा मां से दूर रहता है पर बहन के पास रहता है यही सोच … Read more

“समर्पण” – *नम्रता सरन “सोना”*

आज विदाई की वेला मे पाखी अपनी दोनों माँओं से लिपट कर फफककर रो रही थी…।दोनों माँओं ने उसे कलेजे से चिपका रखा था… ऐसा अद्भुत दृश्य था कि देखने वालों की आँखें भर आईं। बाईस वर्ष पूर्व मेघा बहू बनकर इस घर में आई थी।चार भाईयों के इस परिवार में वह दूसरे नंबर की … Read more

 एक वेश्या की जुबानी !! – मृदुला कुशवाहा

अमर रोज ऑफिस आते-जाते एक बूढ़ी भिखारन औरत को रेलवे स्टेशन पर भीख माँगते देखता था। वह रोज देखता कि शाम को दो व्यक्ति आकर पैसे ले लेते थे उस औरत से। वह बूढ़ी औरत उन दोनों व्यक्तियों को देखते ही डरने लगती थी। अमर ने सोचा- ‘हो सकता है इनका भीख मांगना ही इनका … Read more

साथ हो तुम मेरे – विजया डालमिया  

तुमसे बिछड़ने का कोई गम नहीं है मुझे । मेरे खयालों की दुनिया में हमेशा साथ हो तुम मेरे । कनिका पार्क की बेंच पर अनमनी सी बैठी थी। उसके कानों को और कोई आवाज सुनाई ही नही दे रही थी ,सिवाय इसके कि……” लड़की पसंद नहीं “। वह खुद से ही कई सवाल करने … Read more

टुकड़े- टुकड़े जिंदगी – ज्योति अप्रतिम

आज फिर पापा मन भर कर कोस रहे थे। शायद उन्हें पता नहीं था मैं सब सुन रही थी। कोई चारा नहीं आँसू बहाने के अलावा। उफ़्फ़ !कभी सोचा नहीं था जिंदगी इतनी जोर से बैंड बजाएगी। पापा एक दम विरोध पर उतर आए हैं।एक भी मौका नहीं छोड़ते बेइज्जती करने का। और अमेय! कहने … Read more

जंग जीत ली – रीटा मक्कड़

अनिता , उसके पतिदेव और बेटा तीनो में से कोई भी पूरी रात सो नही पाए थे।बेटी पूरी रात रो रो कर उन्हें फोन करती रही और आगे से उसकी आवाज़ सुन कर अनिता भी रोने लगती।पति और बेटा दोनो को समझा रहे थे ।लेकिन बिटिया जो हर मुश्किल घड़ी में सबसे ज्यादा मजबूती से … Read more

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