बाॅयकाॅट” – ऋतु अग्रवाल

 दीवाली का त्यौहार आने में कुछ ही दिन बाकी थे। आसपास के सभी घरों में सफाई अभियान छिड़ा हुआ था। सब अपने घर की सफाई के बाद निकले हुए कबाड़ को कबाड़ वाले के पास ले जाकर बेच रहे थे। शुभा भी अपने घर के सामने से निकलते हुए कबाड़ वाले को रोकते हुए बोली,” … Read more

*श्यामली* –  नम्रता सरन “सोना : Inspirational Hindi Stories

श्यामली, अपने नाम की तरह ही खट्टी मीठी .गुदाली सी रसभरी और बरबस ही सबको आकर्षित कर लेने वाली सुदेह की मालकिन थी. बातें करती तो मानों उसके अधरों से मीठा मीठा रस टपक रहा हो. हँसती तो जैसे सैकड़ों घुंघरू एक साथ बज उठे. पलकों को उठाती तो नीली नीली झीलों सी मदभरी आँखें … Read more

पहली रसोई! – प्रियंका सक्सेना : motivational story in hindi

वात्सल्य और सुनंदा की शादी धूमधाम से सम्पन्न हो गई। सारे रस्मों- रिवाज़ के साथ सुनंदा ने घर में प्रवेश किया। कुछ दिनों तक सगे रिश्तेदार बुआ, मौसी, चाची और मामा लोग घर में रुके हुए हैं। बहू के हाथो बनी पहली रसोई का सबको बेसब्री से इंतज़ार है। पहली रसोई में सभी ने सुनंदा … Read more

तलाकशुदा- श्रद्धा निगम : Short Stories in Hindi

वो जगमगाती झिलमिलाती शाम ही तो थी,सीमा उमंग और उत्साह से रजत के बेटे के जन्मदिन में जा रही थी।महीना भर पहले से ही रजत याद दिला रहा था,पहला जन्मदिन है मनु का,याद रखना।तुम्हे जल्दी आना है। सीमा हंस कर कहती -हाँ याद है मुझे,मैं कैसे भूलूंगी ,मेरा भी तो बेटा है। -हां ,तभी तो … Read more

मेरी माँ – सुषमा मिश्रा

बात उन दिनों की है जब मैने  नयी नयी सरकारी नौकरी की शुरुआत की थी। गणित  की शिक्षिका होने के कारण मुझ पर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही था। प्रधानाचार्या जी ने मेरे कार्य को हल्का करने के लिए मुझे कक्षा छः की हिन्दी विषय अध्यापन हेतु दे दिया। सच कहूं तो वह कक्षा … Read more

शगुन* – *नम्रता सरन “सोना”

सारा घर सजा हुआ था… रंग बिरंगे फ़ूलों से और झिलमिलाती लाइटिंग से…हर तरफ़ चहल-पहल…हँसी के फ़व्वारे…. नाच गाना… पकवानों की खुशबू से वातावरण महक रहा था…. और क्यों न हो… घर के इकलौते बेटे के विवाह की बेला थी… अमन , सरोजिनी और प्रशांत का इकलौता बेटा था…. बहुत ही होनहार और आज्ञाकारी पुत्र…. … Read more

सांवली रंगत और बॉब कट हेयर –   मंजू तिवारी 

प्रेरणा का जन्म आज से लगभग 40 साल पहले एक छोटे से शहर के कस्बे में हुआ था परिवार में बेटा तथा बेटी की परवरिश में कोई भेदभाव नहीं था बल्कि बेटियों को ही अधिक प्यार किया जाता था प्रेरणा की दादी हमेशा कहती बेटियों को बड़े प्यार से रखना चाहिए पता नहीं कैसे घर … Read more

पितृ ऋण – प्रीति आनंद अस्थाना

  ******** “डैड, मेरी कम्पनी का जो नया ब्राँच खुला है न इंडिया में, मुझे उसका चार्ज दिया गया है, तो मुझे अगले हफ़्ते इंडिया जाना होगा।” “पर उत्कर्ष, अभी कुछ समय पहले ही तो एक महीना वहाँ बिता कर आए हो?” “तब मैं वहाँ कम्पनी का नया ऑफ़िस स्थापित करने गया था।” “और अब?” … Read more

बच्चे  कच्ची मिट्टी होते हैं – मीनाक्षी सिंह

रिया – मॉम ,आई एम गोइंग टू स्कूल !! बाय ! माँ – बाय, बेटा!! रिया 9वीं कक्षा में पढ़ती थी ! उसके माँ बाप दोनो नौकरी पेशा थे ! रिया का रीजल्ट बहुत खराब आया ! माँ बाप दोनो ही स्कूल की अभिवावक मीटिंग में आये ! टीचर ने कहा – मिस्टर एंड मिसेज … Read more

*मीठा आग़ाज़* – *नम्रता सरन “सोना”

“राज, एक बात कहूँ” रश्मि ने कहा। “हाँ बोलो, क्या बात है” राज ने लेपटॉप पर नज़रें गढाए हुए कहा। “पापा के गुज़र जाने के बाद मम्मा बिल्कुल अकेली रह गई हैं, हर समय उनकी फिक्र लगी रहती है कि कहीं रात बिरात उन्हें कोई तकलीफ परेशानी हो गई तो वो कैसे मैनेज करेंगी, तो..मैं … Read more

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