कच्चे धागे से बुने रिश्ते – संजय मृदुल

सुनो अखिल! अब तुम्हें यहां आने की जरूरत नहीं। तुम्हारे पापा है मुझे सम्हालने के लिए। जब जरूरत थी तब तुम्हे नहीं लगा कि यहां होना चाहिए तुम्हें, तो रोज यूँ आकर दिखावा मत करो। अखिल ने कुछ कहना चाहा पर माँ ने चादर ओढ़ कर करवट बदल ली। अखिल चुपचाप बाहर आ गया। पिछले … Read more

 “मन की पीड़ा ” – गोमती सिंह

——-पुष्पा बचपन से ही गुमसुम सी चुपचाप स्वभाव की लड़की थी , वह एक संयुक्त परिवार में रहती थी , अतः घर में  रिश्ते दारों का आना जाना लगा रहता था  इसके बावजूद घर में कौन आ रहे हैं, कौन जा रहे हैं इन सब  गतिविधियों में उसकी जरा सी भी रूचि नहीं थी । … Read more

बंधन – नेकराम

बात सन 1985 की है जब मैं 5 वर्ष का था यह कहानी आज से 37 वर्ष पुरानी है आज मेरी उम्र 42 वर्ष 11 दिन 10 घंटे 9 मिनट 7 सेकंड हो चुकी है दिल्ली की एक छोटी सी पुनर्वास कालोनी में हमारा एक छोटा सा कच्चा सा मकान था बरसात के दिनों में … Read more

भावनाओं का बंधन – विनोद प्रसाद : Emotional Hindi Stories

बाजार से घर लौटते ही माँ ने राधा को एक लिफाफा दिया जो थोड़ी देर पहले ही डाक से प्राप्त हुआ था। लिफाफा खोलकर पढ़ते ही वह खुशी से उछल पड़ी और माँ के सीने से लग गई। “माँ, मेरी नौकरी लग गई। तुम्हें याद है पिछले महीने मैंने जो इंटरव्यू दिया था, उसमें मुझे … Read more

चरण – अनुज सारस्वत

“विदुषी डोंट टच हिम ही इज डर्टी स्माल पीपुल “ कस्बे में अपनी माँ के यहाँ आयी ज्योति ने अपनी 8 साल की बेटी से कहा। क्योन्कि वह एक सफाई वाले से बात कर रही थी। विदुषी बोली “पर मम्मा हिज स्माइल इज सो क्यूट।एंड व्हाट इज द प्रॉब्लम?” ज्योति झल्लाकर बोली “डोंट आरगयु विद … Read more

फैसला – चेतना अग्रवाल

“मैं खुद के लिए क्यों आगे नहीं बढ़ सकती। क्या सारी जिंदगी मैं उसी गम में जीती रहूँगी। क्या मुझे कोई अधिकार नहीं है अपनी खुशियों को जीने का… आखिर कब तक मैं परिवार और सबकी जिम्मेदारियों में बँधी रहूँगी। आखिर मुझे भी अपने हिस्से की आजादी चाहिए।  जिससे मैं जो चाहे वो कर सकूँ। … Read more

हसीन यादें – भगवती सक्सेना गौड़

मेधा बहुत खुश थी, आज उंसकी परदादी जो उसके घर आ रही थी। बहुत से मेहमान आ चुके थे, मैरिज हॉल में चारो ओर रिश्तेदारों से चहल पहल थी। हो भी क्यों न, परिवार की होनहार बेटी मेधा, नाम के अनुरूप, बहुत बुद्धिमान थी। आज उंसकी शादी थी, और कल ही उसके जीवन के राजकुमार … Read more

बंधन – मधु शुक्ला

स्वाती पंद्रह वर्ष  बीत जाने के बाद कनाडा से भारत आई थी। शादी के बाद एक बार  गई तो घर आने का मुहूर्त ही नहीं बन पाया कोई न कोई व्यवधान आता ही रहा उसकी घर जाने की राह में। अभी भगवान की ऐसी कृपा हुई कि अचानक प्रोग्राम बन गया भारत आने का। पति … Read more

मानसिक तलाक –  सपना शर्मा काव्या

जी हां हमारा मानसिक तलाक हो चुका है। मेरी और नवीन की शादी को 20 साल हो गए है और शादी इस स्थिति में है की न तो हम साथ है और न दूर है मानसिक तलाक वो होता जो हमारे बीच ही नहीं पता नहीं दुनिया के कितने शादी शुदा जोड़ो के बीच अक्सर … Read more

बाॅयकाॅट” – ऋतु अग्रवाल

 दीवाली का त्यौहार आने में कुछ ही दिन बाकी थे। आसपास के सभी घरों में सफाई अभियान छिड़ा हुआ था। सब अपने घर की सफाई के बाद निकले हुए कबाड़ को कबाड़ वाले के पास ले जाकर बेच रहे थे। शुभा भी अपने घर के सामने से निकलते हुए कबाड़ वाले को रोकते हुए बोली,” … Read more

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