अवसाद से वरदान तक – ज्योति अप्रतिम
सुनीता की जिंदगी दुखों से भर गई थी, दिशाहीन हो गई थी।आखिर वह क्या करे ?कहाँ जाए अपनी छोटी बच्ची को लेकर? आखिर क्या सोच कर पति ने खुदकुशी की ? मैं तो कारण थी ही नहीं ! किसी भी हालत में।फिर ऐसा ग़लत कदम क्यों उठाया होगा। यही सोचते हुए उसका जीवन अब अवसाद … Read more