अवसाद से वरदान तक – ज्योति अप्रतिम

सुनीता की जिंदगी दुखों से भर गई थी, दिशाहीन हो गई थी।आखिर वह क्या करे ?कहाँ जाए अपनी छोटी बच्ची को लेकर? आखिर क्या सोच कर पति ने खुदकुशी की ? मैं तो कारण थी ही नहीं ! किसी भी हालत  में।फिर ऐसा ग़लत कदम क्यों उठाया होगा। यही सोचते हुए उसका जीवन अब अवसाद … Read more

कुछ ना कहो – डा.मधु आंधीवाल

सुगुनी का विवाह अपने से बड़ी उम्र के आदमी किशना से हो गया था । किशना अच्छा पैसे वाला शख्स था  । उसका बहुत पैसा सुगुनी के बाप राम चन्द्र  पर उधार था । राम चन्द्र कैसे भी उस पैसे को नहीं चुका पा रहा था ।  किशना की पहली बीबी चार बच्चों को छोड़ … Read more

सफरी –   अरुण कुमार अविनाश

हम व्ययाम कर ही रहें थे कि राय साहब का मोबाइल गुनगुनाया। एक बार तो उन्होंने फोन को इग्नोर किया –  आधे मिनट के बाद , जब दोबारा मोबाइल गुनगुनाने लगा तो राय साहब फोन की उपेक्षा न कर सकें। स्टेशन इंचार्ज होने के नाते उन्हें कभी भी – किसी का भी फोन आ सकता … Read more

पुनर्मिलन – प्रीती सक्सेना

      आज ऑफिस का पहला दिन ,, कॉलेज खत्म होने के बाद,,, बहुत ही रोमांचक और उत्तेजना से भरपूर ,महसूस कर रही थी जिया,, नया शहर,,, नए लोग,, नया माहौल,,, फिर भी अपने हिसाब से अपने को,,, प्रेजेंटेबल,, करके ऑफिस आई थी। जिया ।      कुछ और भी न्यू ज्वाइनिंग थी,,, परिचय हुआ,,, और सब अपनी टीम … Read more

सुकून – कमलेश राणा

 कुछ दिनों से प्रात: भ्रमण शुरू किया है तो लगता है कि प्रकृति ने हमें कितना कुछ दिया है,,, और हम कृत्रिम साधनों में ही सुख ढूढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।      जो ताज़गी सुबह सबेरे बाहर की हवा में है,,,,वह AC ,,कूलर की हवा में कहाँ??जब जड़ी बूटियों की सुगंध से सुवासित हवा … Read more

श्वेत ख़्वाब – रीता मिश्रा तिवारी |  Inspirational Story in Hindi

राधिका पांच साल का बेटा दीपक को साथ लिए पति श्यामल के साथ रोज काम पर निकलती है। परिवार के नाम पर यही तीन लोग तो हैं । राधिका लोगों के घर झाड़ू पोछा और श्यामल दिनभर भर मेहनत मजदूरी कर हंसी खुशी जीवन यापन करते थे। जब से गांव मे पक्की सड़क बनने का … Read more

हाउसवाइफ नही होममेकर!! – मनीषा भरतीया

नीलिमा मेरी लाल रंग की फाइल कहां है??प्लीज जरा जल्दी से ढूंढ दो ऑफिस में आज प्रेजेंटेशन है..मुझे देरी हो रही है… नीरज ने अपनी पत्नी  नीलिमा से कहा….. जी अभी देती हूं….. यही तो आप  आपके कबर्ड में पड़ी थी …आप भी ना कभी ठीक से नहीं देखते…. और यह क्या नीरज फिर से … Read more

बहू रात के जुठे बर्तन सिंक में धोकर रखा करो!!  – मनीषा भरतीया

सविता जी वैसे तो बहुत ही सरल स्वभाव की थी |उन्हें किसी भी चीज में उंगली करने की आदत नहीं थी |लेकिन उनके कुछ अपने नियम थे|, जिनसे वह समझौता नहीं करना चाहती थी| सविता जी अपने पति ,बेटी ,बेटा और बहू के साथ सविता निवास में रहती थी| वह बेटी और बहू में कोई … Read more

 आसमान की सैर – मनीषा भरतीया

#एक_टुकड़ा   साधना अपनी 2 साल की बेटी स्वीटी को लेकर ट्रेन लाइन पर आगे बढ़ते चले जा रही थी….. यह सोचते सोचते कि आखिर साहिल ने आत्महत्या क्यों की यूं हमें रोते हुए अकेला क्यों छोड़ गया??? वह तो बहुत बहादुर था उसने तो जब मैं जिंदगी से निराश और हताश होकर आत्महत्या करने … Read more

सरप्राइज गिफ़्ट –   किरण केशरे

करोना के कारण लम्बे लाकडॉऊन के बाद अब कुछ छूट मिली थी ,शहर में।  नीता अपनी बेटी मिनी का , जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहती थी, और क्यों नहीं मनाए , वैसे भी लड़कियों के लिए सोलहवाँ साल बड़ा मायने रखता है ।आसपास के सभी बच्चों और कुछ मिनी की और अपने कुछ पारिवारिक मित्रों … Read more

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