चौकलेट डे  – मीनाक्षी सिंह

मोहिनी अपने पतिदेव का बेसब्री  से इंतजार कर रही थी ! सोच रही थी आज चौकलेट डे हैँ तो जैसे शादी से पहले उसके लिए उसके पतिदेव निखिल चौकलेट और गुलदस्ता लेकर आते थे वैसे ही लेकर आयेंगे ! वैसे भी निखिल को पता हैँ कि मोहिनी को डेयरी मिल्क की सिल्क वाली चौकलेट कितनी … Read more

पहला प्यार – भगवती सक्सेना गौड़

दिल्ली की जबरदस्त ठंड में भावना दोपहर को भी रजाई में घुसी थी, उम्र भी दस्तक देकर समझा रही थी, चौकस रहो, कई बीमारियों के सर्टिफिकेट धारण कर चुकी हो। तभी टेबल पर रखा मोबाइल घनघना उठा, अब मजबूरी थी, हाथ बाहर निकाला जाए।  “हेलो, कौन बोल रहा है ? “ “पहचानो” “अरे वाह, प्रेम … Read more

ऐसा भी मां बेटी का प्रेम भरा एहसास ” – अमिता कुचया

मां एक शब्द ही नहीं बल्कि वह ऐसा एहसास है जिसे केवल महसूस कर सकते हैं जब हम कोई परेशानी में होते हैं हमें मां की याद आती है तो हमें लगता कि मां को कोई भी बात  कब बता दें।यही हाल बचपन से बड़े तक निर्मला का था।उसे छोटी सी चोट लगती तो वह … Read more

यही तो प्यार है  – संगीता अग्रवाल 

” रितेश तुम्हे पता है कल वेलेंटाइन डे है।” साधना अपने पति से बोली। ” हां तो ?” लैपटॉप में सिर घुसाए रितेश बोला। ” तो आप मुझे क्या गिफ्ट दे रहे हैं ?” साधना ने पूछा। ” क्या….दिमाग खराब है तुम्हारा ये टीवी सीरियल देख नए नए फितूर आते तुम्हे शादी को बारह साल … Read more

प्रेम तेरे कितने रूप…. – शाहीन खान

आज ऑफिस में निशा से जब अनु ने पूछा  “और सुनाओ, इस बार गर्मियों में कहां घूमने जा रही हो? भई! तुम और सलिल तो अभी आज़ाद पंछी हो, जो मर्जी करो हमें तो बच्चों को देख कर चलना पड़ता है|” वह हंसकर टाल गई पर उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी दुखती रग … Read more

एक कटोरी सालन  – डा उर्मिला सिन्हा

     ” सो गए।”     ” नहीं तो।”  “अभी तक जाग रहे हो”। “आज तुमने बड़ी देर लगा दी ।” “हां, आज छोटी के मायके वाले आते थे । चौका-चूल्हा समेटते बारह तो बज ही गये.. खैर….”लंबा नि:श्वास! “तुमने खाना खा लिया।” “तो क्या भूखा बैठा हूं।”   “नाराज क्यों होते हो बाबा ,लो जरा हाथ  बढ़ाओ।” … Read more

तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए सब कुछ हैं – लता उप्रेती

राहुल हर रोज सुबह उठ कर नहा धोकर पूजा करना बिल्कुल नहीं भूलता था और हर मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन करने के लिए जाता था, अंजलि मंदिर जाना ज्यादा पसंद नहीं करती थी,जब भी राहुल और अंजलि के ऑफिस की छुट्टी होती तो अंजलि केवल मॉल मार्केट या फिल्में देखना पसंद करती थी, … Read more

ये उन दिनों की बात है – लता उप्रेती

रितु के पिता जल निगम में थे और अभी-अभी उनका तबादला इस शहर में हुआ था, कुछ ही दिन हुए थे उन्हें इस कॉलोनी में आए हुए और बहुत जल्द वे लोग सबसे  घुल मिल गए थे , नजदीक के ही एक स्कूल में रितु व उसके भाई का एडमिशन उसके पापा ने करवा दिया … Read more

प्यार “एक एहसास” – कविता भड़ाना

“सुमन आज बहुत खुश थी क्योंकि आज “सुमित” अपनी बहन के घर दो दिनों के लिए आ रहा था और ये बात सुमन को उसकी चाची की बहु यानी सुमित की बहन राधा ने बताई थी… संयुक्त परिवार में रहने वाली सुमन के पिता चार भाई है और सभी एक साथ बहुत बड़े हवेलीनुमा घर … Read more

रक्षा सूत्र – सुधा शर्मा

‘कुछ रिश्ते सिर्फ़ चाहतों के रिश्ते होते हैं  , रूह में बसे रूहानी रिश्ते होते है , दिल के रिश्ते होते है।            ऐसा ही तो रिश्ता था सुमि और समीर का। न राह एक , न मंजिल , समीर की अपनी जिम्मेदारियां और सुमि की अपनी तन्हा जिंदगी । बस शब्दों और स्वरों का रिश्ता … Read more

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