पट्टी पढ़ाना – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अभय और सूरज बहुत अच्छे मित्र थे और पढ़ाई में भी अच्छे थे। जहां अभय का दिमाग बहुत तेज था वहीं सूरज बहुत ही मेहनती छात्र था। सूरज दिल का बहुत साफ लेकिन अभय के मन में जलन की भावना हमेशा रहती थी कि,” मेरा दिमाग इतना अच्छा है कि एक बार कुछ भी पढ़ … Read more

बांझ – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

आज फिर सुबह सुबह सुखबसिया कांख में कुछ दबाकर दरवाजे पर आई…  काकी ने मजाक किया कि,, क्या सुखबसिया!! कांख में क्या दबाई हो जरा मुझे भी तो दिखा.. सुखबसिया शरमाते हुए बोली- हटो न काकी तुम तो हमेशा मजाक हीं करती रहती हो..  ये आंवला तेल है जो मैं दुकान से ले कर आई … Read more

पट्टी पढ़ाना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

रमा जी के छोटे बेटे का विवाह हाल ही में बहुत घूमघाम से सम्पन्न हुआ। छोटी बहु रागिनी सँस्कारी रिश्तों को महत्व देती बड़ी ही नेक दिल सीधी-सादी इंसान। उसकी माँ ने उसे सदा ही मिलजुल रहने सबका आदर सम्मान करने की शिक्षा दी थी वो उसी का पालन कर रही । रमा देवी को … Read more

बात तो सही कह रही है ये – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कुछ सुना तुमने, पड़ोस वाले आरव को उससे ज्यादा योग्य और कमाने वाली पत्नी मिली है? शीला ने अपने बेटे आयुष से कहा तो वो चौंक गया। अच्छा!मिल आई आप उनसे..पिछले हफ्ते ही तो लौटे हैं वो लोग बंगलौर से विवाह करके। और सुना है कि बहू बहुत पारंगत है हर काम में, आरव की … Read more

काश आपने अपने बेटे को सीधी पट्टी पढ़ाई होती – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

” बेटा, तुम पढ़ी लिखी, समझदार हो…….तुम जो भी फैसला लेना चाहो ले सकती हो, हम तुमसे कुछ नहीं कहेंगे….” ममता ने अपनी बेटी प्रीती से कहा। “अरे ये क्या कह रही हो आप, अपनी बेटी को समझाने के बजाय उसे ही उल्टी पट्टी पढ़ा रही हो….”प्रीती की सास शोभना जी नाराज होते हुए ममता … Read more

व्यंग – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

मुझे एक बार झारखंड के चाईबासा शहर के पास एक छोटे से कस्बे में एक माइनिंग दफ्तर में जाने का अवसर मिला। ट्रेन से उतरने के बाद दफ्तर जाने के 2 ही साधन थे, निजी वाहन या साइकिल रिक्शा। मैं बिना बताए ही आया था अतः मैंने साइकिल रिक्शा से ही जाना उचित समझा। मैंने … Read more

अमेरिका वाले चाचा चाची – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

तरुण जब दफ्तर से घर आया तो कविता उसके लिए पानी ले आई और चाय बनाने रसोई में चली गई।जब तक कविता अपने और तरूण के लिए चाय बना कर लाई तब तक वह हाथ मुंह धो कर और कपड़े बदल कर फ्रेश हो चुका था।तरूण ने चाय पीते हुए बच्चों के बारे में पूछा … Read more

बिटिया का घर बसने दो – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   “ हैलो, क्या कर रही है मेरी लाडो”, संध्या ने बेटी मीतू का फोन मिलाकर बड़े प्यार से पूछा।     “ मोम, सुबह सुबह किचन में हज़ारो काम होते हैं, दोनों बच्चों के, सुधांशु का टिफन पैक करना और साथ में पिताजी को दुकान पर भेजना, देवर को कालिज जाना होता है, और कल से तो … Read more

नालायक औलाद – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज बाबू जी का पारा सातवें आसमान पर फिर से चढ़ा था।दीपू ने किसी तरह परीक्षा पास की थी। रमेश जी काॅलेज में अध्यापक थे।तीन बच्चे थे उनके राजू,दीपू और मीरा। मीरा और राजू हमेशा अव्वल नंबर से पास होते थे। रमेश जी सीना तान कर निकलते थे ।एक अध्यापक और पिता को और क्या … Read more

जलन – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

मम्मी आज नेहा को देखा 8:00 बजे उठकर आई है …नेहा बहुत समझदार लड़की और अपना काम समय पर पूरा करती थी… लेकिन रात में ऑफिस का काम करते-करते लेट हो जाती थी… तो सुबह उसकी नींद लेट खुलती थी …लेकिन ऑफिस का काम करने के पहले वह घर का सारा काम निपटा कर फिर … Read more

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