प्रायश्चित – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

 कभी-कभी जीवन की सच्चाईयाॅं  वर्षों के प्यार को पल भर में क्षत-विक्षत कर देती हैं।मेरी (आनंद) ज़िन्दगी बड़ी ही सुंदर और सुव्यवस्थित ढंग से चल रही थी । उसमें माॅं की यादों का  अनमोल पिटारा, बड़ी बहन का स्नेह -दुलार और छोटे भाई के प्यार की खुशबू बसी हुई थी।  पिता भी मुझे प्यार करते … Read more

 इज्जत इंसान की नही, पैसे की होती है – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

प्रिया जब अपने भाई के विवाह में आई तो बहुत प्रसन्न थी ,आज उसकी वर्षों की इच्छा जो पूर्ण हो रही थी।कितनी मन्नतें और कितनी बार भगवान से उसने प्रार्थना की थी- कि मेरे भाई पढ़ -लिखकर खूब उन्नति करें। आज उसका यह स्वप्न पूर्ण होने जा रहा है। बड़े अच्छे घर में ,उसके भाई … Read more

 सम्मान की सूखी‌ रोटी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

गांव की कच्ची गली में जैसे ही जानकी ने अपने घर की कुंडी खोली, सामने से रमिया दौड़ी चली आई। आंखों में आश्चर्य, होंठों पर हल्की मुस्कान लिए उसने पूंछा, “अरे जिज्जी, तुम आ गईं? तुम तो कह रही थीं कि दो-तीन महीने गर्मी भर रुकने वाली हो, फिर इतनी जल्दी कैसे लौट आईंं?” जानकी … Read more

 ” तकदीर ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” तकदीर “ ” मम्मी मुझे माफ कर दो आज के बाद ऐसा नहीं होगा !” ग्यारह साल का दक्ष रोते हुए अपनी मां निशा से बोला। ” नहीं आज तुम्हे सबक मिलना जरूरी है इसलिए आज तुम चुपचाप यही बाहर खड़े रहो !” निशा आंख में आंसू पर चेहरे पर गुस्सा लिए बोली । … Read more

 तकदीर फूटना – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

ससुराल की दहलीज पर कदम रखते ही मैं समझ गई थी कि ये डगर आसान नहीं होगी मेरे लिए. आसान तो मायके में भी जीना नहीं था,‌‌ जन्म देते ही मां का साया उठ‌ गया था बुआ और भाभी की शरण में पली‌ बढ़ी मां ने होने का दर्द हमेशा सालता रहता। लोगों की नजर … Read more

 बेटे का विश्वासघात – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” मां बस कुछ दिनों की बात है मेरी खातिर तुम कुछ महीने और नौकरी कर लो पाठक जी कह रहे थे वे बहुत जल्दी कोई दूसरी काम करने वाली ढूंढ़ लेंगे तब तक आप यहीं काम करो,पाठक जी ने बुरे समय में हमारा साथ दिया है अब उनके लिए इतना तो करना ही पड़ेगा!!?, … Read more

 प्रायश्चित – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————–   कुछ गलतियों का प्रायश्चित नहीं होता। शायद ये गलतियां नहीं  अपराध होता है। लेबर रूम में अत्यंत पीड़ा के क्षणों से गुजरने के बाद नर्स ने जब निधि के हाथों में कोमल सी बच्ची   पकड़ाते हुए कहा देखो तुम्हारी बेटी, तो वह उस अनुभव को बयान नहीं कर सकती थी। उसने नर्स … Read more

 प्रायश्चित – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चलिए भाभी… फटाफट से तैयार हो जाइए, आज हम दोनों दिन भर शॉपिंग करेंगे मस्ती करेंगे और शाम को खाना भी बाहर ही खाकर आएंगे, आज हम सब कुछ आपकी पसंद का ही करेंगे! नहीं नहीं दीदी.. आप यह क्या कह रही हो मम्मी जी को पता चल जाएगा तो घर में शामत आ जाएगी … Read more

 फूटी किस्मत – प्रीती श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोटे से घर में राधा अपने बेटे रवि के साथ रहती थी। पति का देहांत कई साल पहले हो चुका था, और अब रवि ही उसकी दुनिया था। राधा ने खेतों में काम करके, दूसरों के घरों में चौका-बर्तन करके उसे पढ़ाया-लिखाया। रवि होशियार था, पर किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। … Read more

 प्रायश्चित – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुधा जी पचहत्तर साल की उम्र में भी अपना सब काम खुद ही करती थीं। बाथरूम में फिसल जाने के कारण गिर गयी थी। बडी मुश्किल से खुद ही उठकर पड़ोस में रहने वाली पगली (उम्र बीस साल) को कॉल करके  बोला , जल्दी से आ जाओ चोट लग गयी है हॉस्पिटल ले चलो हमको … Read more

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