समझौता अब नहीं – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

मालकिन अब मुझसे नहीं हो सकेगा…. ये देखिए मेरे हाथों का हाल…  आपने जो फर्श साफ करने वाला लिक्विड दिया था उसने मेरे हाथों को जला दिया….  बुचन बोली… देखो बुचन तुम शायद भूल रही हो कि,अभी तुमने जो पैसे लिए थे वो दिए नहीं है तुमने…. प्रमिला बोली। बुचन प्रमिला के घर का सारा … Read more

बेटी की चाहत – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

इमरजेंसी वार्ड के लेबर रूम के बहार प्रभा देवी और उनके पति नरेंद्र बाबू चिन्तित चहलकदमी कर रहे। अन्दर उनकी छोटी बहू रमा की डिलीवरी जो होने वाली है। दो घंटे बाद लेबर रूम का दरवाजा खुलता है। नर्स हाथों के दस्तानों को उतारती उत्सुकता से बोली बधाई हो अम्मा पोता हुआ है। नर्स ने … Read more

बहू और बेटी – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

सपना, रोज़ तड़के ही उठ जाती थी ।उठते ही घर का बुहारा निकालती , साफ़ सफ़ाई करती, अपने बुज़ुर्ग सास ससुर को चाय बनाकर देती.. फिर उनके साथ बैठकर ,ख़ुद भी चाय पीती थी । उसकी सेवा और संस्कार देखकर उसके सास ससुर फूले नहीं समाते थे ,लेकिन उन्हें एक ही दुख था कि उनके … Read more

एहसास – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कविता आज भी तुमसे मिलने नहीं आई देव? शिखा ने पूछा तो देव थोड़ा खिसिया गया,उसे बर्दाश्त नहीं था कि कोई उसकी कविता के बारे में कुछ बात बनाए। नहीं..उसकी तबियत ठीक नहीं होगी नहीं तो वो ऐसा कभी नहीं करती…बहुत विश्वास से कहा देव ने। कल ही तो अपने फ्रेंड्स के साथ पिकनिक पर … Read more

आखिर मैं ही समझौता क्यों करूं – प्रतिभा भारद्वाज‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“बहू, कहां रह गईं थीं तुम अब तक……गौरी ने भी तुम्हें कितने फोन किए….लेकिन हर बार तुम्हारा ये उत्तर सुन सुन कर कि अभी आ रही हूं, अभी आ रही हूं…बेचारी थक गई और अब अपनी सहेली के साथ पार्लर गई है तैयार होने के लिए….पता नहीं वहां कितनी देर लगेगी….बारात निकलने में सिर्फ 1 … Read more

बच्चों का झगड़ा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

डोरबेल की आवाज़ सुनकर मैंने दरवाजा खोला तो सामने पड़ोसन की बेटी खड़ी थी। मैंने कहा “आओ बेटा बैठो, माधुरी तो अभी पार्क से खेल कर नहीं आई है। क्या तुम खेलने नहीं गईं थी?” “ नहीं आंटी मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए खेलने नही गई। वैसे मै माधुरी से मिलने नहीं आई हूँ। … Read more

समझ – खुशी : Moral Stories in Hindi

मैं शुरू से ही सास और ननद इस रिश्ते से चिढ़ती थी क्योंकि मेरी मांt को आजीवन उसकी सास और ननद ने दुख दिए एक पल भी सुख का मेरी मां को नसीब नहीं हुआ। इसलिए मेरी शुरू से ही सोच थी कि जिस घर में सास और ननद होगी मै वहां शादी नहीं करूंगी।अब … Read more

जीत लिया दिल – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

         “मीनल! यहीं आ जाओ, हम सब साथ ही खाना खाते हैं।”माधुरी, मीनल की सास ने पुकारा।            “जी!” कहकर मीनल ने अपने खाने की प्लेट भी डाइनिंग टेबल पर रख दी पर न जाने क्यों उससे खाते नहीं बन रहा था।             “खाओ न! क्या सोचने लगीं ?”माधुरी जी ने टोका तो  बेमन से मीनल खाना खाने … Read more

कच्चा चिट्ठा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

  सुमन कैसी हो उसके माँ ने हाल-चाल जानने के लिए फोन किया ।    माँ कैसे अच्छी रहूँगी । ऐसे घर में आप लोगों ने शादी कर दी मेरी । हमेशा तनाव में रहती हूँ ।    पर सुमन तुम्हारा ससुराल तो बहुत ही अच्छा है । इतने अच्छे लोग हैं । कैसे बोल रही हो । … Read more

“पत्नी तो कब की बन गई थी, पर बहू और भाभी आज बनी…” – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

रूपा की शादी को आज पूरे आठ साल हो गए थे। गांव के नज़दीक एक छोटे कस्बे में उसका ससुराल था। शादी के दिन उसे सजाकर जैसे ही विदा किया गया था, घर भर में मानो कोई देवी आई हो—सबके चेहरे पर मुस्कान थी। लेकिन ये मुस्कान रूपा की किस्मत में जिंदगी भर के लिए … Read more

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