मोहताज – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

गाँव के चौराहे पर हलचल मची थी। वहाँ एक नया मंच बनाया गया था, जिस पर बड़ा सा बैनर लगा था: “मोहताज कौन?” लोग इस अजीब से सवाल पर चर्चा कर रहे थे। सबको उत्सुकता थी कि आखिर यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है। संध्या समय जब सूरज ढलने को था, तब एक युवक … Read more

बच्चों को अकेले रहने की आदत ना डालें – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी पापा आप लोगों को आज रात की गाड़ी से ही वापस जाना होगा , क्यों बेटा अभी तीन दिन पहले ही तो हम लोग आए हैं । सोचा था दस पंद्रह दिन रहेंगे तुम्हारे पास । अकेले रहते हो खाना पीना भी ठीक से नहीं मिलता बाहर का खाते हो सोचा था कुछ दिन … Read more

माँ का हिस्सा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

ये कहानी है रत्ना जी की। जिनके पास धन तो ज्यादा नहीं है पर जमीन और घर की मालकिन जरूर है। दो गबरू जवान बेटे और एक बेटी की माँ। सब शादीशुदा और अपने में मस्त। पर क्या हुआ जो एक दिन अचानक से दोनों बेटे माँ के पास आए और बड़े बेटे नवल  बोले,‘‘ … Read more

मोहताज – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीला एक मेहनती महिला थी घर बाहर सब संभालती थीं।सुबह घर का सारा काम बच्चों को स्कूल भेजकर पति राजेश भी घर पर थे । फैक्ट्री में नौकरी करते हुए उसका एक हाथ चला गया था तो वो भी घर पर ही था।उसका सब काम दिन भर की तैयारी करके जाना । नौ बजे फैक्ट्री … Read more

अंगूठी का नगीना – डा.शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

समाज में हर व्यक्ति को किसी न किसी पैमाने पर मापा जाता है। यह मापदंड अक्सर बाहरी रूप, धन, या दिखावे पर आधारित होते हैं, जबकि वास्तविकता कहीं अधिक गहरी होती है। “अंगूठी का नगीना” का मुहावरा सदैव इस समाज की खामियों और वास्तविकता के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। यह कहानी एक ऐसी … Read more

ससुराल ऐसा ही होता है – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज  इतवार था ।सुबह उठकर चाय ही बनाने जा रही थी कि फोन बज उठा । देखा तो मम्मी जी का फोन था । मन में अनेकों पुरानी बातें घूमने लगी..हमारी बातें तो काफी समय से बंद है तो आज क्यों कॉल आ रहा  , सब ठीक तो होगा ? खैर ..सवालों को अपने दिमाग … Read more

माँ का मोह – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

अब हमारे बीच कुछ भी नहीं बचा…अंदर ही अंदर खोखला हो गया है हमारा ये रिश्ता….और कितना निभाऊँ मेंयह रिश्ता तुम ही बताओ रिया….. अब हमारे बीच नार्मल पति – पत्नी जैसा कुछ रहा ही नहीं ,अपनी पत्नि रिया से यह बात कहते कहते नीरज की आँखें आंसुओं से भीग गई…. और दूसरी तरफ रिया … Read more

गुड न्यूज – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

‘दादू! आपके लिए ‘गुड न्यूज’ है। मेरा इंटरव्यू बहुत बढ़िया हुआ और मेरा चयन हो गया है। अभी मैं नियुक्ति-पत्र  लेने के लिए स्कूल में ही रुकी हूँ।’ रिद्धि फोन पर चहक रही थी। ‘शाबाश! मेरी लाडो!’ कहकर उसके दादू कुछ और पूछना चाहते थे कि ‘बाकी सारी बातें घर आकर बताऊंगी।’ कहकर रिद्धि ने … Read more

किसान – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

परिवार के साथ कार से मनाली घूमने गया था। बच्चा छोटा था इसलिए बार बार रुकना पढ रहा था। एक जगह रुक कर बच्चे के लिये दूध बनाने के किये गरम पानी लिया और चाय पी। होटल वाले ने 50 रु लिये, 20-20 रु चाय के ओर 10 रु गरम पानी के।  तब मुझे अपने … Read more

“मोहताज” – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

जानती हो उस दिन मेरा मन कचोट कर रह गया था। मैंने अपनी पूरी जिंदगी उसके दरवाजे पर ही बीता दिया लेकिन उसे तनिक भी लिहाज नहीं। बिना लाग लपेट के कह दिया था कि–” मैंने तुम्हारे परिवार का ठेका लिया है क्या? तुम अपने लड़के को पढ़ाओ या मत पढ़ाओ उससे मेरा क्या लेना … Read more

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