ससुराल का डर- बीना शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुबह से ही बुखार से पीड़ित होने के कारण साधना दवाई लेकर अपने कमरे में आराम कर रही थी कि तभी उसके ससुर बाजार से काफी सारे अनार लेकर आए और साधना को देते हुए बोले” बेटी अनार खा लेना इन्हें खाने से तुम्हारा जायका भी ठीक हो जाएगा और और बुखार के कारण शरीर में आई कमजोरी भी दूर हो जाएगी”

तभी उसकी सास एक चाकू और कटोरी लेकर आई और वही बैठकर साधना के लिए अनार छीलने लगी अनार मैं से दाने निकालते हुए वह साधना से बोली” बहु तुम आराम कर लेना खाना मैं बना दूंगी तुम काम की चिंता मत करना” सांस की प्यार बातें सुनकर साधना भावुक हो गई थी।

कुछ समय पहले ही दुल्हन बन कर आई साधना शादी से पहले अपनी सहेलियों के मुंह से सास के प्रति दुर्व्यवहार की बातें सुनने के कारण ससुराल के नाम से ही डरती थी कि पता नहीं उसके सास ससुर कैसे होंगे उसे दुखी रखेंगे या सुखी रखेंगे? एक दिन वह इन्हीं विचारों में खोई हुई थी कि तभी उसके पापा जो कि उसे बेहद प्रेम करते थे उसकी मनोदशा भापकर उसे प्यार से समझाते हुए बोले”

बेटी ताली दोनों हाथों से बजती है यदि मायका लड़की का जन्म चेत्र होता है तो ससुराल लड़की का कर्म क्षेत्र होता है लड़की ससुराल में जैसा कर्म करती है वैसा ही फल पाती है यदि तुम अपने सास-ससुर को अपने माता-पिता की तरह प्रेम और सम्मान दोगी उनके सुख-दुख का ख्याल रखते हुए सच्चे मन से उनकी सेवा करोगी तो वे भी कभी तुमको दुखी नहीं रखेंगे सदा अपनी बेटी की तरह तुम्हारा ख्याल रखेंगे

इसलिए अपने मन से ससुराल का डर निकाल दो और खुशी-खुशी विवाह की तैयारी करो क्योंकि बहू की तरह सास ससुर के मन में भी यही डर बना रहता है कि पता नहीं उनकी बहू उनका सम्मान करेगी कि नहीं।”

पापा की बात सुनकर साधना के मन से ससुराल के प्रति डर निकल गया था शेखर के साथ सात फेरे लेकर जब वह अपनी ससुराल आई तो अपने पापा की बातों को शिरोधार्य करते हुए वह अपने पति , सास- ससुर की बहुत सेवा और सम्मान करती थी हमेशा उनकी पसंद का खाना बनाती कभी उसकी सास या ससुर बीमार पड़ जाते तो पति के साथ डॉक्टर के यहां ले जाकर जाकर उन्हें दवाई दिलवाती उनकी दवा और खाने-पीने का पूरा ख्याल रखती जिसके कारण कुछ ही दिनों में वह सब की चहेती बन गई थी।

1 दिन सुबह के वक्त जब वह सो कर उठी तो उसका शरीर बुरी तरह से बुखार में तप रहा था उस दिन उसके पति किसी काम की वजह से ऑफिस जल्दी निकल गए थे उसके सास ससुर को सुबह के वक्त चाय पीने की आदत थी इसलिए हिम्मत करके जब वह चाय लेकर अपने सास ससुर के पास गई तो उसे बुखार से पीड़ित देखकर उसके ससुर उसे तुरंत अपनी फैमिली डॉक्टर के पास ले गए थे

डॉक्टर ने उसका अच्छी तरह से चेकअप करके बुखार की दवाई के साथ-साथ उसको फल वगैरा खाने की नसीहत भी दी थी दवाई लेकर जब वह घर आई उसके मन में यही डर था कि ऐसी हालत में वह घर का काम कैसे करेगी?

“बहु अनार खा कर दवाई ले लो और मुह ढक के सो जाओ” सास ने प्यार से कहा तो साधना के मन काम के प्रति जो डर था वह निकल गया था और उसे अपने पापा की कही बात “बेटी ताली दोनों हाथों से बजती है” याद आ गई थी।सास-ससुर का अपने प्रति प्रेम और परवाह देखकर साधना के नेत्र सजल हो गए थे वह आंचल के कोने से अपने आंसू पौछकर सास के द्वारा प्यार से दिए हुए अनार के दाने खाने लगी थी।

बीना शर्मा

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!