सफ़र मे बने हमसफ़र – मुकेश कुमार

नैना एक लड़के से प्यार करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी लेकिन उसके घर वाले उस लड़के को पसंद नहीं करते थे क्योंकि वह उसके कास्ट का नहीं था उसके पापा  अंतर्जातीय  विवाह के खिलाफ थे उनका मानना था कि शादी -विवाह अपने ही कास्ट में करना चाहिए।

1 दिन नैना उस लड़के से बात करके जो कि दिल्ली में नौकरी करता था घर से भाग गई और उससे मिलने जाने के लिए कानपुर स्टेशन पर पहुंच चुकी थी ट्रेन रात के 11:00 बजे थी तो वह स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रही थी।  नैना जिस बेंच पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रही थी उसी बेंच पर एक लड़का भी आकर बैठ गया देखने में कोई हीरो से कम नहीं लग रहा था।  वैसे तो नैना भी खूबसूरती में कोई उससे कम नहीं थी।

कुछ देर तो दोनों चुपचाप बैठे रहे फिर कुछ देर बाद लड़का ने नैना से कहा, “कहां जाना है आपको”  नैना बोली, “आपको  क्या मतलब है मैं कहीं जाऊं  और मिस्टर सुनो ज्यादा चिपकने की कोशिश मत कीजिए थोड़ा दूर रह कर बैठिए इधर-उधर सारा बेंच खाली है फिर भी आकर मेरे बेंच पर बैठना जरूरी है क्या ? मैं सब समझती हूँ और हाँ कान खोल कर सुन लो मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ क्षत्राणी हूँ मैं।



जल्दबाजी में नैना पानी खरीदना भूल गई थी और प्यास भी जोरों से लगी थी ना चाहते हुए भी उस लड़के से पूछ बैठी  आपके पास थोड़ा पानी होगा क्या ?  लड़के ने जिसका नाम निखिल था पानी का बोतल नैना को पकड़ा दिया।  फिर नैना ने  निखिल से पूछा, “आपको कहां जाना है मैं तो दिल्ली जा रही हूं।”  निखिल बोला, “मैं भी दिल्ली तक ही जाऊंगा।”  नैना ने पूछा, “क्या करते हैं आप दिल्ली में नौकरी करते हैं” निखिल ने बताया, “नहीं मैं दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करता हूं ।”  निखिल ने पूछा, “आप क्या वही रहती हैं” नैना बोली, “नहीं मैं अपने दोस्त से मिलने जा रही हूं।”

तभी स्टेशन पर उनकी ट्रेन आने की अनाउंसमेंट हुई निखिल ने वेटिंग टिकट लिया हुआ था इसलिए वह नैना के साथ ही नैना के सीट पर जाकर बैठ गया।

कानपुर से ट्रेन अभी कुछ ही दूर आगे बढ़ी थी  तभी उनके सीट के पास 5 लोग आकर बैठ गए उनमें से तीन लोग नैना के बगल में आकर बैठ गए और दो लोग सामने बैठ गए उनके मुंह से शराब की गंदी बदबू आ रही थी।  उसके बाद तो वह गंदे-गंदे कमेंट पास करने लगे।

निखिल उन लोगों की इरादों को समझ गया था लेकिन वह उन लोगों से उलझना नहीं चाह रहा था क्योंकि उन लोगों ने शराब पिया हुआ था और संख्या में भी ज्यादा थे लड़ाई में उनसे जीत नहीं सकता था।  उसने तुरंत दिमाग लगाया और नैना से कहा, “डार्लिंग तुम्हारा पेट दर्द कर रहा है ना ऐसा करो तुम ऊपर की बर्थ पर जाकर सो जाओ क्योंकि दिल्ली तो अभी काफी दूर है कब तक बैठोगी। नैना को समझ नहीं आया कि निखिल यह क्या कह रहा है लेकिन ना जाने क्यों बिना कुछ पूछे ऊपर बर्थ पर जाकर लेट गई।

उन पांचों व्यक्तियों के लगा को लगा कि निखिल नैना का पति है इसीलिए उन्होंने वहां से चुपचाप जाने में ही भलाई समझी।

जब वह चले गए तो निखिल ने नैना से माफी मांगी और कहा, “नैना  मुझे तुम्हारी भलाई के लिए ऐसा झूठ बोलना पड़ा।”  नैना बोली, “मैं समझ गई थी इसीलिए मैं चुपचाप ऊपर चली आई।”

सुबह हुई नैना और निखिल दिल्ली पहुंच चुके थे।  नैना ने निखिल से अपने बॉयफ्रेंड के पास फोन लगाने के लिए कहा लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था काफी देर ट्राई करने के बाद भी फोन स्विच ऑफ ही आ रहा था अब नैना को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन उसके पास अपने बॉयफ्रेंड के फ्लैट का एड्रेस था उसने निखिल से कहा, “निखिल एक आखिरी  मदद करोगे क्या मुझे इस ऐड्रेस  पर पहुंचा दो फिर तुम चले जाना।”  निखिल, नैना को लेकर उसके बॉयफ्रेंड के फ्लैट पर पहुंचा वहां गए तो फ्लैट में ताला लटका हुआ था, पड़ोसियों ने बताया कि 2 दिन पहले ही इन्होंने फ्लैट खाली कर दिया है कहां गए हमें कुछ पता नहीं।  अब बेचारी नैना क्या करें जिस के विश्वास पर वह अपना घर छोड़कर दिल्ली आ गई थी उसने उसे धोखा दे दिया था।  अब वह जाए तो कहां जाए।  घर भी वापस किस मुंह से लौटे।  निखिल ने नैना से कहा, “नैना अब कहां जाओगी।  देखो नैना मुझे कहना तो नहीं चाहिए क्योंकि वह तुम्हारी पर्सनल लाइफ है किसी भी लड़की को कभी भी घर छोड़कर नहीं भागना चाहिए मेरा मानना है शादी घर वाले की मर्जी से ही करनी चाहिए क्योंकि भागकर की हुई शादी की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती है।  अगर मुझे पता होता कि तुम दिल्ली अपने बॉयफ्रेंड के पास  घर छोड़ कर आ रही हो तो तुम्हें जरूर वहीं से घर वापस जाने के लिए समझाता।  अब बताओ क्या करना है।  नैना ने निखिल से कहा, “निखिल क्या कुछ दिनों के लिए अपने पास मुझे रख सकते हो तब तक मैं अपने बॉयफ्रेंड सुरेश का पता लगाऊंगी वैसे वो मुझे धोखा नहीं दे सकता है मुझे बहुत प्यार करता है जरूर कुछ ना कुछ बात हुई होगी।”



3 से 4 दिन बीत गए लेकिन नैना के बॉयफ्रेंड का कहीं कोई पता नहीं चला।  निखिल ने कहा, “नैना मैं तुम्हारे पिताजी को फोन कर देता हूं  वह लोग बहुत परेशान हो रहे होंगे।  नैना तुम्हें पता नहीं जब एक लड़की घर छोड़कर भागती है तो घर वालों की कितनी बदनामी होती है मुझे कहना नहीं चाहिए लेकिन तुमने बहुत गलत किया है।”

निखिल ने नैना के पापा के पास फोन कर सारी घटना का ब्यौरा दे दिया था और उसने यह भी बताया कि नैना सुरक्षित रूप से मेरे पास है मैं कल ही उसे आपके पास लेकर आ रहा हूं।

निखिल उसी दिन नैना को लेकर उसके घर पहुंचा।  निखिल जैसे ही नैना के घर पहुंचा निखिल के पापा ने निखिल को पहचान लिया क्योंकि नैना की शादी की बात निखिल से ही चल रही थी और  नैना के पापा ने निखिल का फोटो देखा था। नैना के पापा निखिल को देख कर बोले अरे बेटा तुम ।  निखिल ने कहा, “अंकल आप मुझे कैसे जानते हैं।”  निखिल के पापा ने बताया बेटा तुम ही से तो नैना की शादी की बात चल रही थी मेरे साले साहब ने तुम्हारा फोटो भेजा था उसी से मैं तुम्हें पहचान पाया हूं।

नैना को जब यह पता चला कि उसकी शादी पहले  निखिल से ही तय हो रही थी उसे अब निखिल से बहुत शर्म आने लगी।  नैना अपनी मां से जाकर बोल दी मां आप लोगों ने जिससे मेरी शादी तय की है मैं उससे शादी करने के लिए राजी हूं।

शाम को निखिल जब नैना से अकेले में मिला तो नैना ने कहा मेरी पिछली जिंदगी  जानने के बाद भी  क्या आप मुझसे शादी करने के लिए तैयार हैं।  निखिल ने हां में सिर हिलाया।

फिर क्या था दोनों की चट मंगनी और पट ब्याह हो गया।

दोस्तों सही कहा गया है कि जोड़ियां तो ऊपर से बनकर आती है पृथ्वी पर तो सिर्फ हम उन्हें मिलाते हैं।

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