सबक – स्नेह ज्योति  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : माँ अब मैं बड़ी हो गयी हूँ और आप लोग आज भी मुझे कहीं अकेले नही जाने देते । जब देखो तब मुझे हर बात पे टोकते हो । घर जल्दी आना बोल बोल कर बार बार फ़ोन करते है । अब मैं कॉलेज में आ चुकी हूँ । अब तो मुझे कुछ अपने दिल की करने दे ।

बेटा तुम चाहें कितनी ही बड़ी हो गयी हो पर आज भी तुम हमारी वोही प्यारी छोटी सी बेटी हो । बच्चे हमेशा माँ बाप के लिए छोटे ही रहते है ।

यें सुन प्रिया छोटा सा मुँह लिए अपने कमरें में चली गई ।

कुछ दिनो बाद शारदा ने प्रिया से कहा बेटी थोड़ा पूजा पाठ भी कर लिया करो । भगवान को याद कर उनका शुक्रिया भी अदा करना ज़रूरी है । माँ मैं भगवान को रोज़ याद करती हूँ पर यें पूजा पाठ मुझ से नहीं होता ।

बेटा जब सब राह बंद हो जाती है तो बस भगवान का ही सहारा होता है । इसलिए रोज़ उनका शुक्रिया करना चाहिए ।

ठीक है माँ जब मौका मिलेगा तब कर दूँगी ।

एक शाम जब प्रिया के पापा ऑफ़िस से आते है तो प्रिया अपनी सहेली के साथ उनके पास जाती है ।और हिचकिचाते हुए कहती है कि पापा हमारे कॉलेज से सब लड़कियाँ घूमने जा रही है । इस बार मैं भी जाना चाहती हूँ । बस आप मुझे जाने की इजाज़त दे दे ।

यें सुन वो बोले कितने दिन का ट्रिप है ??

पापा पाँच दिन का ….

इतने दिन !

पापा मेरी सभी सहेलियाँ और हमारी अध्यापिका भी जा रही है ।

प्रिया की सहेली जो उसके साथ आयी थी । उसके बहुत आग्रह करने पर प्रिया को ट्रिप पर जाने की अनुमति मिल गई ।

बेटा तुम्हारे आग्रह पर भेज रहा हूँ इसका ध्यान रखना ।

जी अंकल ! आप चिंता मत कीजिए मैं प्रिया का ध्यान रखूँगी ।

प्रिया की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था । जाने की ख़ुशी में वो अपनी माँ का काम में हाथ बटा रही थी । माँ मुझे कल जाना है तो आप समय पर उठा देना । ऐसा ना हो कि मैं सोती ही रह जाऊँ । उसकी उत्सुकता देख शारदा हंसने लगी ….सो जाओ उठा दूँगी ।

अगली सुबह प्रिया सब के उठने से पहले ही तैयार हो गयी । उसे तैयार देख उसका छोटा भाई भी हैरान था । क्या बात है दीदी आप इतनी सुबह तैयार हो गयी??

हाँ ,छोटू ! मुझे नींद नही आयी…..

दी आप मेरे लिए वहाँ से क्या लाएगी ????

बोलो तुम्हें क्या चाहिए !

मुझे एक रिमोट वाली कार चाहिए ।

ठीक है ! बोल वो अपनी सहेली मीना के साथ चली गयी ।

बस में सब लड़कियाँ पर्यावरण के नज़ारे लेते हुए सफर का आनंद उठा रही थी । प्रिया पहली बार ऐसे ट्रिप पर आयी थी । इसलिए उसे सब एक सपने जैसा प्रतीत हो रहा था । वो हर नज़ारे हर पल को कैद करना चाहती थी । इस ट्रिप पर प्रिया ने खूब मज़ा किया । जाने का समय कब आ गया पता ही नही चला ।

वापस आते वक्त पहाड़ों में उनके साथ एक हादसा हो गया । बस वाला कार से बचने के चक्कर में थोड़ा साइड से निकला जिसके चलते बस का एक पहिया खाई में लटक गया । जिसे देख बस में सब घबरा गए । थोड़ी देर बाद उनकी अध्यापिका ने सब बच्चों को धैर्य बनाए रखने को कहा । मैम ने ड्राइवर को सम्भाल के बस को निकालने को कहा । प्रिया ने डर के मारे मीना का हाथ पकड़ लिया ।

मैम ,ड्राइवर और उनका स्टाफ़ एक-एक कर सभी बच्चों को बस से बाहर निकाल रहे थे । प्रिया ने मीना से बोला पहले मुझे जाने दो मुझे बहुत डर लग रहा है । लेकिन मीना जो उसकी पक्की सहेली थी । उसका हाथ झटक आगे चली गयी और प्रिया देखती रह गयी । मीना ने मेरे पापा से मेरा ध्यान रखने को कहा था , पर मीना तो मुझे अकेला छोड़ कर चली गयी ।

ऐसे में प्रिया को अपनी माँ की बात याद आयी की मुसीबत में कोई साथ नही देता । बस भगवान ही है जो अपने भक्तों की मदद करता है । प्रिया ने उसी पल हाथ जोड़ भगवान को याद किया और मुसीबत से पार लगाने की गुहार की । बस से सब सही सलामत बाहर आ गए । जान बची तो लाखों पाए , नया सबक़ सीख प्रिया घर को आयी । घर आकर प्रिया ने रोज़ भगवान के आगे दिया जलाना शुरू कर दिया । प्रिया अब जान चुकी थी की बड़े जो कुछ भी कहते या करते है उसमें हमारी ही भलाई होती है । ये देख शारदा खुश थी कि चाहें मुसीबत के समय ही पर उसने भगवान को याद किया और उसकी महिमा को समझा । इसलिए हमें भगवान को मुसीबत में ही नही बल्कि हर पल याद करना चाहिए ।

#मुसीबत

स्नेह ज्योति

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