रंग शरबतों का – Anamika Pravin

सुरैया ने जैसे तैसे खुद को भीगने से बचाने के लिए पास के कैफे में एंटर किया । बचते बचते भी साड़ी नीचे से गीली हो ही गई । नज़र उठा कर देखा तो पूरा कैफ़े खचाखच भरा पड़ा था ।

” ओहो ! एक भी टेबल खाली नहीं है , क्या पूरे शहर में एक यही कैफ़े बचा है , जो सारे लोग यहीं भरे पड़े हैं । ” अपने आप से बतियाती सुरैया झुँझला उठी ।

” सुनिए ! मोहतरमा ! आप यहाँ बैठ सकतीं हैं , मैं अकेला ही हूँ । अगर , आप माकूल समझें तो । ” पास ही बैठे एक शख़्स ने उसे सीट ऑफर की ।

” नो थैंक्स ” का जवाब दे वो फिर से चारों तरफ देखने लगी , कोई एक टेबल तो उसे खाली मिल जाये ।

उसे यूँ लग रहा था जैसे मुंबई की बरसात की तरह आज इस कैफ़े में भी फ्लड आ गया हो ।

” मैं आपको एक बार फिर से ये टेबल ऑफर कर रहा हूँ , ऐसे कब तक खड़ी रहेंगी । थोड़ी देर के लिए बैठ जाइये , वैसे भी मैं किसी का इंतज़ार कर रहा हूँ , जब तक वो आ नहीं जातीं आप यहाँ बैठ सकती हैं । इतनी देर में शायद कोई टेबल खाली हो जाए । ” उस शख्स ने दुबारा सुरैया से बैठने के लिए कहा ।

” मैं आपकी बात मानकर बैठ तो जाती हूँ , पर कहीं आपकी दोस्त मुझे आपके साथ देखकर कुछ गलत तो नहीं सोच लेंगी । देख लीजिए , कहीं मेरी हेल्प करने के चक्कर में आपका नुकसान न हो जाये । ” इस बार सुरैया ने टेबल पर अपना पर्स रख कुर्सी पर बैठते हुए उस व्यक्ति से कहा ।

” अरे नहीं नहीं , वो बिल्कुल भी बुरा नहीं मानेगी । हमारे बीच बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग है । यकीन मानिए । ” घमंड से अपना सिर ऊँचा करते हुए उसने कहा ।

मैं रंग शरबतों का

तू मीठे घाट का पानी

मुझे खुद में घोल दे तो

मेरे यार बात बन जानी

मैं रंग शरबतों का ….

बारिश के खुशनुमा मौसम में कैफ़े में धीमे धीमे स्वर में ये गाना बज रहा था । बहुत ही रोमांटिक माहौल था ।

” मुझे ना ये बारिश का मौसम बिल्कुल भी पसँद नहीं , ऊपर से मुंबई की बारिश । हुँह , देखिए ना सुबह आसमान कितना साफ था तो छतरी भी नहीं लेकर निकली । मुंबई की बारिश भी ना , रिक्शों की तरह होती है , कहीं भी कभी भी , अपनी मर्ज़ी से चलती है । आपका क्या ख्याल है । ” सुरैया ने अपनी साड़ी का पल्लू सुखाते हुए उस अनजाने हमटेबल से बारिश के बारे में उसकी राय जाननी चाही ।

” मुझे तो ये मौसम बेहद खूबसूरत लगता है , मेरा पसंदीदा मौसम है ये । बारिश का मौसम और गरम गरम पकौड़े , अदरक वाली चाय , उफ़्फ़ क्या हसीन समां । तिसपर आपकी दिलरुबा ग़ज़ब हसीन हो तो क्या बात है । ” उसने हल्की सी आँख मारते हुए कुछ इस तरह से कहा कि सुरैया ज़रा सी झेंप गई ।

” वैसे आप यहाँ किसका इंतेज़ार कर रहे हैं , वाइफ या गर्लफ्रैंड का । आई नहीं अभी तक । फ़ोन करके देख लीजिए कहीं बारिश की वजह से कहीं फंस तो नहीं गईं । “

” वेट तो मैं अपनी बीवी का ही कर रहा हूँ , आपके आने से पहले ही बात हुई थी , कह रही थी कि पहुँचने वाली ही है । पता नहीं कहाँ रह गई ? अब तो मुझे भी चिंता सी हो रही है । मैं सोच रहा हूँ कि कुछ खा कर निकल जाता हूँ , ऑफिस से निकले बहुत देर हो गई है भूख भी लग रही है । आपके लिए भी कुछ मँगवा लेता हूँ , फिर निकलते हैं । आप भी तो लेट हो रही होंगी । आपके घर में भी सब परेशान होंगे । “



” जी , मैं एक प्लेट मंचूरियन लूँगी , उसके पहले अदरक वाली चाय । लेकिन अपना बिल मैं खुद पे करुँगी । “

” प्लीज ऐसा न कहें , यूँ समझ लें आप मेरे साथ डेट पर हैं , अगर आपको कोई ऐतराज़ न हो तो । बहुत ही पाक साफ़ डेट होगी । यकीन मानें एक निहायत ही ज़हीन इंसान के साथ बैठी हैं आप । ” मेनू कार्ड देखते हुए उसने कहा ।

” ठीक है , पर फिर कभी यूँ ही कहीं मिले तो , बिल मैं पे करुँगी । ” सुरैया ने हँसते हुए कहा ।

खाना खाते हुए दोनों ने दुनिया जहान की बातें की ।

” सुनिए ! लगता है बारिश रुकी हुई है , निकलते हैं , वाइफ को मैसेज कर देता हूँ कि अब न आये , ऑफिस से सीधे व घर ही चली जाए । क्या करेगी अब , बहुत देर हो गई है । “

थोड़ी सी देर रुक कर उसने कहा ,

” एक्चुअली आज हमारी सालगिरह है , तो यहाँ मिलने का प्रोग्राम बनाया था । खैर कोई बात नहीं , घर में मना लेंगे । सालगिरह भी और बीवी को भी । ( हँसते हुए ) चलिए , शेयरिंग टैक्सी कर लेते हैं ठीक रहेगा ।

वेटर ! बिल प्लीज । “

” ओह ! वाओ , सालगिरह मुबारक हो आपको , अपनी बीवी को भी मुबारकबाद दीजिएगा मेरी तरफ़ से । फिर तो आज की पार्टी आपकी तरफ़ से ही बनती है । ” पर्स से एक सुर्ख़ लाल गुलाब का फूल निकाल उसकी तरफ़ बढ़ा दिया सुरैया ने ।

” हैप्पी एनीवर्सरी सर ! हैप्पी एनीवर्सरी मैम ! थैंक यू सो मच , अपनी एनीवर्सरी सेलिब्रेट करने के लिए आप हमारे कैफ़े में आते हैं हर साल । थैंक यू वन्स अगेन बोथ ऑफ यू । अगले साल फिर मिलेंगे । ” वेटर ने दोनों को एक बड़ा सा गुलाब के फूलों का बुके देते हुए कहा ।

सुरैया और अमन ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में शादी की सालगिरह की मुबारकबाद दी और हाथों में हाथ डाल कैफ़े के दरवाज़े की तरफ़ चल दिए ।

पहली मुलाकात यहीं तो हुई थी दोनों की , इसी तरह …..पाँच साल पहले ।

©®

Anamika Pravin

Mumbai

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