क्या हुआ लक्ष्मी आज तो बहुत खुश हो? चेहरे पर अलग ही चमक है। सुबह से देख रही हूं अकेले ही मुस्कुरा रही हो और काम करते-करते गुनगुना भी रही हो रेनू ने अपनी कामवाली बाई लक्ष्मी से पूछा जो बर्तन साफ करने के साथ-साथ गाना भी गुनगुना रही थी। लक्ष्मी कुछ शरमाते हुए बोली वह क्या है ना आज मेरे पति ने सुबह उठते ही मुझे गुलाब का फूल देकर आई लव यू भी बोला आज हमारी शादी की सातवीं सालगिरह है।
बहुत प्यार करते हैं मुझे । आज तो सुबह उठते ही काम पर आने से पहले गरम-गरम चाय भी पिलाई थी मुझे उन्होंने बनाकर। मैं तो उनके जैसा पति पाकर निहाल हो गई। इससे पहले रेनू कुछ कहती पड़ोस में रहने वाली उसकी प्रिय सहेली चंदा एक कटोरी में खीर लेकर आ गई और कहने लगी रेनू आज मैंने खीर बनाई थी सोचा थोड़ी सी तेरे लिए ले चलूं मेरे पति को मेरे हाथ की खीर बहुत पसंद है सच कहूं रेनू मैं जो भी बनाती हूं इन्हें बहुत पसंद है और जब यह मेरे बने खाने की तारीफ करते हैं तो मेरा मन खुद ही तृप्त हो जाता है
अच्छा चल अभी मैं चलती हूं। बहुत काम पड़ा है। आज रेनू का मूड सुबह से ही खराब था और चंदा और लक्ष्मी ने अपने पति की तारीफ करके आग में घी ही डाल दिया, रेनू की आंखों में आंसू आ गए और खुद से ही कहने लगी सबके पति अपनी पत्नियों से कितना प्यार करते हैं और एक मनोज है उनकी पसंद का कुछ भी मेहनत करके बनाऊं लेकिन तारीफ के दो शब्द नहीं निकलते खाना जैसा भी बना दूं चुपचाप खा लेते हैं।
कुछ भी पहन लो कभी नहीं कहते तुम अच्छी लग रही हो। बस मुस्कुरा देते हैं। अभी सात साल ही शादी को हुए हैं अभी से उनका यह हाल है। कितने नीरस होते जा रहे हैं। चंदा का पति उसकी हर अदा का दीवाना है जान छिड़कता है उस पर और एक मनोज, चंद्रा से तो अच्छी खासी सुंदर हूं मैं लेकिन कभी तारीफ के दो बोल नहीं बोलते। आज सुबह की, ले लो कितने मन से उनके लिए नाश्ते में पाव भाजी बनाई थी बस जल्दी-जल्दी खाकर ऑफिस चले गए।
अब गुस्सा तो पत्नी को आएगा ही कितने प्यार से गर्मी में तपकर खाना बनाए और खाने वाला इस तरह खाएं जैसे बनाने वाले पर एहसान कर दिया हो ,जी तो जलेगा ही। अभी एक दिन शादी में जाने के लिए अपनी शादी की लाल साड़ी में तैयार होकर उन्हें दिखाया और पूछा बताओ ना कैसी लग रही हूं। मुस्कुरा कर बोल दिया मुझे तो तुम कुछ भी पहन लो हर तरह से अच्छी लगती हो।
चलो माना ऑफिस में बहुत काम है लाख समझा लूं अपने आप को, अपनी अपनी आदतें है उन्हें प्यार दिखाना नहीं आता ध्यान तो बहुत रखते हैं जरा सी खांसी भी आ जाए तो तुरंत डॉक्टर के लेकर जाते हैं। चिंटू के भी किसी काम में लापरवाही नहीं करते। हां माना अपने लिए भी किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखते।लेकिन एक ही ढरे् पर जीते जीते जिंदगी बोरिंग सी हो जाती है।
खाली तो किसी के पति नहीं बैठते काम तो सभी करते हैं लक्ष्मी को ही देख लो कितनी खुश है।खुद से इसी तर्क वितर्क में उसका पूरा दिन निकल जाता है। शाम को मनोज ऑफिस से घर आता है तो पानी भी चिंटू के हाथ भिजवा दिया। फिर किचन में चाय बनाने चली जाती है। जब हां हूं के अलावा वह कोई बात नहीं करती तो मनोज उसे छेड़ते हुए कहता है अरे भाई क्यों गाल फुलाए हुए हो हमसे कोई खता हो गई क्या?
उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं और मनोज से कहती है आपको मेरी परवाह ही कितनी है आपके लिए मैं कुछ भी कर लूं कभी तारीफ के दो शब्द नहीं बोलते। अपनी काम वाली लक्ष्मी को ही देख लो। उसका पति उसे सर आंखों पर बैठा कर रखता है और चंदा का पति भी कितनी तारीफ करता है उसके बने खाने की भी तुम्हारी तरह चुप्पी नहीं साधे रखते सब। कभी-कभी प्यार प्रदर्शित करना भी जरूरी होता है।जिस दिन मै नहीं होगी उस दिन आपको मेरी कीमत पता चलेगी। ओहो आज तो तुम ज्यादा ही नाराज लग रही हो।
मुझे नहीं पता हर बात पर बीवी की प्रशंसा करनी जरूरी है। वह क्या है ना शादी से पहले बीवी को खुश रखने की ट्रेनिंग नहीं ली मैंने, और फिर तुम्हें क्या एैसा लगता है कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता? क्या मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखता अपनी किसी जिम्मेदारी को अच्छे से नहीं निभाता । ऑफिस से निकलते ही सीधा घर आता हूं। किसी दोस्त के साथ गप्पे नहीं लड़ाता। तुम्हारे जरा सा बीमार हो जाने पर कितना घबरा जाता हूं मैं, आज तक तुम्हारे साथ ऊंची आवाज में बात नहीं की।
और क्या मैं तुम्हारे घर वालों का सम्मान नहीं करता तुम्हें क्या पता मैं कितनी तारीफ करता हूं तुम्हारी? यार मुझे दिखाना नहीं आता अब मैं जैसा हूं वैसा ही हूं। मैंने कभी तुमसे भी बदलने के लिए नहीं कहा तुम जैसी हो मुझे वैसे ही पसंद हो। क्या तुम्हें मेरी आंखों में प्यार नहीं दिखता अपने लिए। पति पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं एक पहिए के जरा से डगमगाने पर दूसरा अपने आप डगमगा जाता है।
समझी मैडम, वैसे मुझे तुम गाल फुलाए हुए भी बहुत अच्छी लगती हो।ऐ मनोज उसके करीब आकर रेनू के आंसू पोछते हुए कहता है। वैसे मैंने तुम्हारे कहने पर गौरं किया तुम सही कर रही हो मैं थोड़ा-थोड़ा बदलने की कोशिश करूंगा। रहने दो आपके बस में नहीं है आप जैसे हो मुझे भी वैसे ही पसंद हो कहते हुए रेणु भी उसके सीने से लग जाती है।
पूजा शर्मा स्वरचित।