“नर रूप में नारायण” – कविता भड़ाना   : Short Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ओ बिरजू कैसे बजा रहा है बे” थोड़ा जोश और एक दो ठुमके मार कर मस्त बजा, वरना तो पैसे काट लूंगा। 

बैंड मास्टर की डांट पड़ते ही बिरजू ने “आज मेरे यार की शादी है” गाने को दूसरे बाजे वालो के साथ तालमेल से बजाना शुरू कर दिया, बारात भी संगीत और बैंड बाजे के साथ थिरकते हुए शादी वाले घर की तरफ नाचते गाते बढ़ने लगी। विवाह स्थल तक पहुंच कर सारे बाराती पूरे जोश में आ चुके थे और कन्यापक्ष की सुंदर कन्याओं को अपने ठुमको से लुभाने के प्रयास में लग गए,

दूल्हे पक्ष के लोग खूब रुपए उड़ाने में लगे हुए थे, पर इस खुशनुमा माहौल में एक जोड़ी आंखें बार बार अपने आंसुओ को रोकने में लगी हुई थी, आखिरकार जयमाला के मूहर्त का समय होते देख, बारातियों ने अंदर पंडाल में जाना शुरू कर दिया और तरह तरह के व्यंजनों से महक रहे पंडाल में जलपान का आनंद लेने लगे,

दूल्हे के छोटे भाई को गाड़ी से जयमाला लाने के लिए बाहर भेजा तो उसने देखा थोड़ी देर पहले ढोल बजाकर अपने साथियों का साथ देने वाला बिरजू बुरी तरह बिलख रहा था, वजह पूछने पर उसने बताया कि आज उसके बेटे का पैर का ऑपरेशन होना है, घाव सड़ने की वजह से पैर काटना भी पड़ सकता है और डॉक्टर ने 1 लाख का इंतजाम करने को बोला है,

पचास हजार का इंतजाम तो कर चुका लेकिन बाकी के पैसों के लिए जब उसने अपने बैंड के मालिक को कहा तो उसने खूब खरी खोटी सुनाकर मदद करने से इन्कार कर दिया साथ ही आज के पैसे भी नहीं दिए, ये सब सुनकर दूल्हे के छोटे भाई ने, पिता द्वारा शादी की हर रस्म पर रोब झाड़ने के लिए दी गई पचास हजार की गड्डी,  बिरजू के हाथ में रखकर बोला,

ये लो भैया ये पैसे रखो और अपने बेटे की जान बचाओ, वैसे भी झूठी शान दिखाने से अच्छा है ये पैसे किसी के जीवन बचाने के काम आए और जयमाला लेकर अंदर चला गया। 

बिरजू नम आंखों से हजारों दुआएं देते हुए सोच रहा था की ईश्वर भी जानें किस रूप में आ कर मदद कर ही जाते है और जल्दी जल्दी हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ा। अब आंखों में बेबसी की जगह उम्मीद के दिए झिलमिला रहे थे।

मौलिक, स्वरचित रचना 

# खरी खोटी सुनाना

कविता भड़ाना

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