मायका – साधना भटनागर

‘ मायका ‘शब्द सुनते ही मन बाग-बाग होने लगता है।’मायका’ एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही लड़कियों में कोई न कोई भाव अवश्य ही आता है।किसी का मीठा ,किसी का खट्टा,किसी का कड़वा।यादों से भरपूर होता है ‘मायका’।जहाँ हमने आयु के हर बसन्त  देखे होते हैं।सब लड़कियों ने परिस्तिथियों के अनुसार जीवन बिताया होता हैं।

मायका …मेरा प्यारा मायका….(जब तक माँ पिता होते है तब तक तो लडकियों का स्वर्ग ही वही है।)मेरा मायका तो प्यार से भरपूर था।माता पिता के रहते कभी किसी कमी का अहसास ही नही हुआ।छह भाइयों की लाड़ली बहन…इतराई इतराई फिरती।मेरे कुछ बोलते ही सब बिछ जाते।किसी के लिये भी क्या बोलूँ,शब्द ही नही।कभी सोचती क्या मै इतनी अच्छी हूँ जो मुझे सब इतना प्यार करते हैं…..??

ससुराल से लौटी तो एक पूछता …ससुराल में सब अच्छे हैं न? तो दूसरा पूछता …जीजाजी परेशान तो नही करते ,मै बैठा हूँ…छोड़ दे।तीसरा समझाता…नही नही लडकियाँ ससुराल में ही अच्छी लगती हैं,चौथा कहता ….दीदी क्या मै  तुम्हारे  साथ रहूँसबको समझाती ।

माँ पिता अलग चिन्तित।उनकी दृष्टि में तो बच्चे बच्चे ही होते हैं।पचास प्रश्न पूछे जाते।ससुराल में सब संभाल लेती है न? सास ससुर आदि सब खुश है न? पचास उपदेश देतेउन लोगों की दृष्टि में हम छोटै ही होते हैं।



दामाद और नाती पोतों के अलग नख़रे उठाये जाते।आवभगत में  सैकड़ौं चीजें बनती। दामाद के लिये अलग,बच्चों के लिये अलग।हम सबको “खास”अनुभव कराया जाता।हम सबका तो खास टूरिस्ट प्लेस ही होता “ मायका”।मायके में आ कर मनोरंजन के साथ साथ उपहार भी….वाह भाई वाह।क्या थे वह दिन…..जब मायके जा कर हम सब धमा चौकडी़ करते।गप्पे मारते,चाट गोलगप्पे खाते,रिश्तेदारों के घर खाना खाने जाते।एक अलग ही विशेष का अहसास कराते।

जीवन का सत्य  तब सामने आता है जब हम माता पिता बनते हैं  और तब जीवन की सच्चाई का अर्थ समझ आता है। माता पिता  तो माता पिता ही है उनको ईश्वर का दर्जा ऐसे ही नही दिया गया है।बहुत त्याग,तपस्या,वात्सल्य,सहनशीलता,सहयोग से बनता है “ मायका”।जिनकी छत्रछाया में हम दुबक कर शान्ति महसूस करते हैं। 

 

मायका गरीब हो,मध्य वर्गीय या अमीर।माता पिता का राज ही अपना राज लगता है।औरत कितनी भी बूढी हो जाये,मायके की बातें सुनते ही वह पुन: पुराने अच्छे,बुरे दिनों की याद में गोते लगाने लगती है। 

ऐसा होता है …..मा…….य………का

प्यारा मायका

  आदरणीय,प्यारे मायके को समर्पित

आपकी लाड़ली साधना (शक्ति )

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!