मैं माफी मांग लूँगी – रिंकी श्रीवास्तव

मिनी की शादी को एक साल हुआ था|

उसके ससुराल मे सास ससुर ,जेठ जेठानी उनके दो बच्चे मिनी और उसके पति रमन थे|

    मिनी आज अपने पति रमन के साथ अस्पताल गयीथी,उसकी

एच एस जी जांच होनी थी,वही कराने के लिए वे दोनो अस्पताल

गये थे| वहां काफी भीड़ थी , करीब एक घंटे  बाद उसका नम्बर आया ,उसकी जांच हुई ,डॉक्टर ने  कुछ जांच और दवाइया लिखी, तो वो दोनो दवाइया वगैरह लेते हुए घर पहुचे

तो देखा कि ससुर जी कमरे मे झाडू लगा रहे थे,सास कुरसी पर और जेठ जी सोफे पर लेटे हुए टीवी देख रहे थे,जेठानी ऊपर अपने कमरे मे थी,उसने सास ससुर के पैर छुए (उसके ससुराल मे नियम था कि बहु घर से कही बाहर जाए और वापस घर आए तो सब बडो के पैर छुए) और अपने कमरे मे आ गयी,कपडे बदलकर थोडा आराम करने के लिए लेट गयी, चूकि एच एस जी एक (अन्दरूनी ) जांच है ,तो उसे दर्द भी हो रहा था थकान भी बहुत थी तो उसने सोचा कि थोड़ा आराम कर लू!

अभी कुछ ही मिनट हुए थे कि रमन कमरे मे आए और बोले कि तुम नीचे से ऐसे ही चली आयी पापा मम्मी बहुत नाराज हो रहे है|

क्योँ क्या हो गया ,मैने तो कुछ किया भी नही! मिनी बोली|

रमन बोले-जब तुम आई तो तुमने देखा कि पापा झाडू लगा रहे है

तो तुम्हे उनसे कहना चाहिए था कि लाइए पापाजी झाडू मै लगा दू,तुम देखकर भी चुपचाप कमरे मे चली आई इस वजह से मम्मी पापा बहुत नाराज है |

इसमे नाराज होने वाली क्या बात है,हम दोनो तो अस्पताल गये थे,और जब लौटकर आए तो पापाजी तो पहले से ही झाडू लगा रहे थे ,मिनी बोली|

चलो कोई बात नही,चलकर मम्मी पापा से माफी मांग लो,

रमन ने कहा|

माफी मागने का सुनकर मिनी का पारा चढ़ गया ,एक तो वो वैसे ही थकान और दर्द से परेशान थी और उसपर ये माफी मांगने की बात ,वो झल्ला उठी |



लेकिन मै माफी किसलिए मांगू ,मिनी बोली|

क्योकि तुम बहु हो और तुम्हारे होते हुए पापा जी झाडू लगाए तुम्हे शोभा नही देता है ,जब तुम आगयी थी तो तुम्हे पापा से बोलना चाहिए था कि दीजिए पापाजी झाडू मै लगा देती हूँ ,रमन बोले|

मिनी बोली- लेकिन पापा  झाडू लगा ही क्यो रहे थे,वहां पर मम्मी भी बैठी थी उनके बड़े बेटे भी(जेठ)लेटे हुए थे तो क्या पापाजी

उनसे नही कह सकते थे और फिर दीदी(जेठानी) भी तो अपने

कमरे मे ही थी उनको बोल देते,और आप तो जानते ही है मै कितनी तकलीफ मे हूँ ऐसे मे मैं  अस्पताल से आकर तुरन्त काम पर लग जाऊँ |

मुझे कुछ नही सुनना इस बारे मे,मुझे मम्मी ने बोला कि तुम पापा मम्मी से माफी मांगो ,रमन बोले|

तब तो माफी आपको भी मांगनी चाहिए क्योकि आप उनके बेटे है

आप ही पापा से झाडू मांग कर लगा लेते,मिनी ने जवाब दिया|

बहस मत करो,मम्मी ने जैसा कहा है वैसा करो,मुझे और कुछ  नही सुनना है इस बारे मे,रमन चिल्ला कर बोले|

मिनी समझ गयी थी कि इनसे बहस करना बेकार ही है ,और बात का बंतगंड़ बनेगा|

वो बोली ठीक है मैं माफी मांग लूँगी और उठकर ससुर जीके पास गयी सास,जेठ भी वही बैठे थे और ये भी वही पहुँच  गए थे |

मिनी बोली- पापाजी,मै सब की तरफ से आपसे माफी मांगती हूँ |

मम्मी ,दादाजी(जेठ),दीदी,(जेठानी)मेरे और इनके होते हुए भी आपको झाडू लगानी पडी और हममे से किसी ने भी आप से ये नही कहा कि आप रहने दीजीए हम कर लेंगे |आप हमे माफ कर दीजिए|

मिनी के इस तरह माफी मांगने की किसी को उम्मीद नही थी|

सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे|

स्वरचित

रिंकी श्रीवास्तव

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