खुशबू अपने खून की,,,,  -मंजू तिवारी

14 महीने के कृष्णा को संजू की गोद में देते हुए संजू की मां विलाप कर रही थी संभालो इसे अभी तो इनका मुंडन भी नहीं हुआ है और मेरे कृष्णा और परी बिना बाप के हो गए,,,,, पता नहीं तुम्हारी बहन की किस्मत में भगवान ने क्या लिखा है जिस दिन से शादी हुई है उस दिन से ना बच्चों को कभी सुख मिला ना खुद कभी सुख मिला,,, जैसे भी थे बने रहते कम से कम बच्चों पर बाप का साया और तुम्हारी बहन का साज सिंगार तो बना रहता ,,,, जब पति होता है तो कोई उंगली भी नहीं उठाता,,, संजू की बहन विनी की उम्मीद भी खत्म हो गई थी कि उसका पति कभी ना कभी सुधर जाएगा क्योंकि आज रोड एक्सीडेंट में निधन हो चुका था। विनीअपने पति के मृतक शरीर पर विलाप करते हुए अपनी बड़ी बहन संजू की छाती से चिपक जाती है जो महज अभी 35 साल की है कहती  है संजू मुझे कभी मत छोड़ना,,,,,

यह शब्द संजू की छाती फाड़ देते है। आज जब कभी वह अकेली बैठी होती है तो संजू के कानों में यह शब्द गूंजते हैं। वह अपनी बहन को भला क्यों छोड़ेगी एक ही तो खून का रिश्ता है उसका और विनी का,,,, और घर के छोटों को तो सिर्फ बड़ों का मार्गदर्शन और संरक्षण चाहिए होता है।  यह तो संजू की नैतिक जिम्मेदारी है। जिसे वह जरूर निभाएगी,,, परी और कृष्णा बिना बाप के हो चुके है।,,,, इन मासूम बच्चों को यह भी नहीं पता कि उनके सिर से उनके पिता का साया  उठ गया उनके पिता बेटी को धीरज बधा रहे हैं। अपने आप को मजबूत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वेदना को देखकर लोगों के अनवरत आंसू बह रहे हैं। बहुत ही व्यथित करने वाली करुण वेदना का परिवार सामना कर रहा है। दो बहनों  और माता-पिता का छोटा सा हंसता खेलता परिवार था संजू परिवार की बड़ी बेटी है और विनी परिवार की छोटी बेटी  है संजू अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती हैं इसलिए मेलजोल कम ही हो पाता है इसलिए उसने परी और कृष्णा को बहुत कम ही देखा और खिलाया था परी अभी 4 साल की थी।




कृष्णा भी 14 महीना का ही हुआ था,,  जब संजू की मां ने कृष्णा को संजू को गोद में दिया बोली इसका ध्यान रखना ,,कृष्णा भी अपनी मौसी की गोद में आकर उसकी छाती से ऐसे चिपक गया जैसे वह जानता हो,,,, अब यही मेरी अपनी है।,,, जब तक कृष्णा और परी के पिता के  सारे क्रिया कर्म हुए तब तक कृष्णा अपनी मौसी से चिपका रहा,, कोई लेने का भी प्रयास करें तो मुंह घुमा लेता किसी के पास नहीं जाता,, संजू सोचती भगवान की भी अजब लीला है। कृष्णा ने तो अपनी मौसी को तो सिर्फ दो बार देखा था जब पैदा हुआ था और 11 महीने का था

तब वह भी एक दिन या  एक-दो घंटे के लिए आज उसे कैसे पता है कि यह मेरी मौसी ही हमारी अपनी है। कृष्णा अपनी मौसी को इस तरह से चिपका हुआ था जैसे कोई अपनी मां से चिपकता है। इन 15 दिनों में वह अपनी मां के पास भी नहीं जाना चाहता था क्योंकि मां बहुत दुखी और व्यथित थी इस चीज का बच्चों पर असर ना पड़े इसलिए संजू बच्चों को लेकर दूर बैठ जाती बच्चे भी संजू में मां का अनुभव कर रहे थे,,,, शोक संवेदना देने वाले लोगों  का आना जाना लगा हुआ था आते ही लोग बच्चों के बारे में पूछते बच्चे कहां है। तो संजू की मां कहती बच्चे अपने मौसी के पास  है।  लोग कहते ” अपने खून की खुशबू है “जो इतने छोटे बच्चे ने पहचान ली बच्चे भी अपना पराया पहचानते,,,, संजू के दो बेटे हैं । कृष्णा और परी को मिलाकर तीन बेटे और एक बेटी हो गई है।,,,, ‌




अभी कुछ दिन पूर्व की ही तो बात है। जब परी का कन्या धन का खाता खुला  गया था ,,, दीदी एक आईडी दे दो अपनी या जीजा जी की क्योंकि मम्मी पापा तो वृद्ध हो गए हैं इसलिए उनकी आईडी नहीं लगेगी,,,, संजू ने अपनी पति की आईडी दे दी,,, पति की आईडी देखकर पोस्ट ऑफिस में बैठे हुए व्यक्ति ने कहा अगर आप यह चाहती है मैं यह आईडी लगा दूं तो लगाने में कोई समस्या नहीं है‌ लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं जिससे आपका खून का रिश्ता हो उसकी आईडी लगवाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि कितना भी कुछ हो जाए खून का रिश्ता होने की वजह

 से सुरक्षा मिलने की गुंजाइश बढ़ जाती है। फिर संजू अपनी आईडी देती है कन्या धन योजना में परी की खाते के लिए खून का रिश्ता बड़ा हो जाता है। कहते भी है । मौसी भी दूसरी मां होती है।

जब भी संजू घर जाती है आंगन में खेलते हुए परी और कृष्णा घर को जागृत कर देते हैं। चारों बच्चे मिलकर घर में खेलते हैं। वीडियो कॉल पर भी देखकर कृष्णा अपनी मौसी को प्यार करता है।,,, फोन आने पर अपनी मम्मा या नानी नाना को पकड़ा देगा मौसी पूरा नहीं बोल पाता है इसलिए मोमो करके बताता है।,,,, परी अंतर्मुखी स्वभाव की है अभी 6 साल की हुई है विनी जब भी उसको डांटती है तो कहती है मैं मौसी के पास चली जाऊंगी,,, संजू के पति भी काफी व्यवहारिक हैं बच्चों से बात करते रहते हैं इसलिए बच्चों को अपनाने में भी कोई समस्या नहीं है।

बच्चे अपनापन महसूस करने लगे हैं। क्योंकि बच्चों को अपने खून की खुशबू आती है। मिलना मिलाना कम होने के बावजूद भी खून का रिश्ता बड़ा हो जाता है। सच में अपने तो अपने होते हैं। और अपने खून की खुशबू भी होती है। इसको महसूस करिए इसलिए अपनों को संभालिए,,,,

#अपने तो अपने होते हैं#

मंजू तिवारी, गुड़गांव

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