जब मैं पंसद थी, नही तो मुझसे शादी क्यों की?? – मनीषा भरतीया

  रिया आज मेरे बॉस ने मेरे प्रमोशन की खुशी में मेरे ऑनर् में होटल सनशाइन में पार्टी रखी है…. मेरा ब्लू सूट रेडी कर देना शाम को आकर चेंज कर लूंगा…. ” रिया ने कहा ठीक है….मैं भी तैयार रहूंगी मुझे भी पिक कर लेना…. क्या तुम पागल हो गई हो शक्ल देखी है अपनी आईने में? ?

रंग तो ऐसा है जैसे चेहरे पर कालिख पोत ली हो …. मुझे अपने कलीग व दोस्त के सामने दोबारा अपना मजाक नहीं उड़वाना…. पिछली बार जब 2 साल पहले हमारी शादी हुई थी तब मैं तुम्हें अपने साथ पार्टी में ले गया…..तो सबने मेरा बहुत मजाक बनाया…… यह कहकर कि यार तुझे तो रात को भी लाइट जलानी पड़ती होगी क्योंकि भाभी जी तो अंधेरे में दिखाई ही नहीं देती…… एक मेरे दोस्त की बीवियों को देखो और एक तुम दोनों में जमीन आसमान का अंतर है… उन्हें देखो किसी हीरोइन से कम नहीं लगती…. और कंहा तुम…. जिसे देखने से ही शर्म आती है…

रोहित के मुंह से यह सब सुनकर रिया के दिल को बहुत आहत हुआ… आंखों से आंसू बह रहे थे उसे बहुत दुख पहुंचा…. यह आज कोई नया नहीं था…. 2 साल से जब से रिया की शादी   रोहित से हुई थी ….वो ठीक से रिया से बात तक भी नहीं करता था….हर रोज रात को  वो उससे मुंह घुमा कर सो जाता था…. आज तक उन दोनों के बीच पति-पत्नी जैसा कोई संबंध भी नहीं हुआ था…. लेकिन वह यह सोच कर चुप थी…कि शायद रोहित का मन कभी बदल जाए . ..और रोहित उससे प्यार करने लगे…. . . उसने पहले पहले अपनी मम्मी पापा से भी इस बारे में बात की मम्मी पापा क्या रोहित को मैं पसंद नहीं थी….कही आप लोगों ने जबरदस्ती तो मेरी शादी उससे नहीं की???? तो उसके माता पिता कहते नहीं बेटा ऐसी कोई बात नहीं है रोहित खुद तुम्हारा हाथ मांगने हमारे पास आया था….. उसे थोड़ा वक्त दो बेटा धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा…

” लेकिन रिया  में अब बर्दाश्त करने की और क्षमता नहीं थी ….   उसकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी चुकी थी…. 2 साल का वक्त कम नहीं होता ….रिया ने हर बार रोहित को रिझाने की कोशिश की…. उसके लिए सजी -संवरी… हर भरसक कोशिश की जिससे वह ज्यादा से ज्यादा सुंदर दिख सकें…. ” लेकिन रोहित ने बार-बार उस के रंग को लेकर उसे  तिरस्कृत किया….. उसने हर बार सिर्फ  रिया के रंग को ही देखा उसके चेहरे की नकासी की और उसका कभी ध्यान ही नहीं गया…. जो ईश्वर ने तराश कर भेजा था….. हर बार के अपमान से रिया पूरी तरह टूट चुकी थी….और उसे यह बात समझ में नहीं आ रही थी… कि  अगर वह रोहित को इतनी ही ना पसंद थी…तो फिर उसने उससे शादी ही क्यों की????


आज उसने  फैसला कर लिया था कि वह रोहित से पूछ कर ही रहेगी कि रोहित का उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों है? ? जब मैं पसंद थी, ही नहीं तो  उसने उससे शादी क्यों की???

इसलिए उसने शाम होने से पहले ही रोहित का सूट रेडी कर दिया और उसका इंतजार करने लगी….. जैसे ही डोर बेल बजी और रोहित आया तो उसने रोहित से पूछा कि आखिर क्या बात है आप मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों करते हो? ?

मैं आपकी पत्नी हूं…. आपने इतने सालों में ना मुझ से ढंग से कभी बात की और ना ही कभी पति का प्यार दिया….. अगर ऐसा ही करना था तो आपने मुझसे शादी क्यों की? ?? आज आपको जवाब देना ही होगा…

तुम यह सब क्या लेकर बैठ गई मुझे जाने दो देरी हो रही है….

 

तब रिया ने कहा कि आज तो फैसला होकर ही रहेगा आपको मुझे बताना ही पड़ेगा…. रोहित ने कहा ठीक है तुम सुनना ही चाहती हो तो सुनो तुम मुझे पसंद नहीं थी…. वो तो मैंने तुमसे शादी तुम्हारे पैसों के लिए की थी…. तुम अपने माता-पिता की इकलौती औलाद और जायदाद की इकलौती बारिश! इसलिए मैंने सोचा कि तुम्हारे माता-पिता अपनी जायदाद आज नहीं तो कल तुम्हारे ही नाम करेंगे और  और जब जायदाद तुम्हारे नाम पर होगी….मैं धोखे से तुम्हारे साइन लेकर उसे अपने नाम करवा लूंगा और तुम्हें डिवोर्स देकर  दूसरी शादी कर लूंगा….


तुम ऐसे इंसान निकलोगे मैंने कभी सोचा भी नहीं था मुझे तो शर्म आती है तुम्हारी गंदी सोच पर….. आज अभी और इसी वक्त मैं तुम्हें छोड़ कर जा रही हूं ….अब मुझे एक पल भी तुम्हारे साथ नहीं रहना… तुमसे तो अच्छे वही लड़के थे जिन्होंने मेरे मुंह पर मुझे ना बोलकर ठुकरा दिया था ….कम से कम मुझे धोखा तो नहीं दिया और मेरी जिंदगी भी बर्बाद नहीं की….

बाय,  मिस्टर रोहित मैं जा रही हूं…डिवोर्स पेपर तुम्हारे घर भिजवा दूंगी…. और हाँ, ये तो तुम भूल ही जाओ कि जायदाद में से एक फूटी- कौड़ी भी तुम्हें मिलेगी….

फिर रिया ने  अपने पति का घर छोड़ कर सीधे अपने मायके चली आई और अपनी  सारी व्यथा बताई … और रोते रोते कहा! मम्मी- पापा, रोहित मुझसे प्यार नहीं करता ….उसने मुझसे शादी सिर्फ पैसों के लिए की थी… उसे तो मुझे अपनी बीवी कहने में भी शर्म आती है….मैं हमेशा के लिए रोहित का घर छोड़ कर आ गई हूं… अब प्लीज आप लोग मुझे फिर से जाने के लिए मत बोलिएगा….पर बेटा तू अपना जीवन अकेले कैसे काटेंगी…हम  आज है कल नहीं…

पापा मम्मी आप मेरी फिक्र मत कीजिए जरूरी नहीं है कि इंसान को जीवन काटने के लिए जीवन साथी की जरूरत ही हो…. और फिर उस जीवन साथी का क्या फायदा जो जीवन भर साथ ही ना चलें,… हम समझते है…. हम तुम्हें ये नही कहते की तुम बापस रोहित के पास जाओ…. लेकिन दुसरी शादी तो कर ही सकती हो… नहीं मम्मी नही पापा… अब मुझे शादी ही नही करनी…. रोहित के ऐसा करने बाद अब मेरा किसी भी लडके पर से विश्वास उठ गया हैं…

और वैसे भी शादी ही जीवन का लक्ष्य नही है|

मैनें सोच लिया है… कि मुझे क्या करना है, बस आप दोनों का साथ चाहिए… हाँ, बोल ना बेटा… वो आप तो जानते ही है… कि मैं क्लासिकल डांस जानती हूँ…. तो बस वही बच्चों को सिखाना चाहती हूँ…. और साथ ही साथ पापा का बिजनेस भी संभाल लूगीं.. इससे मेरी जिन्दगी को एक लक्ष्य मिलेगा…. मेरी प्रतिभा उभर कर आएगी…. और साथ ही साथ मेरा जीवन भी कट जाएगा…


ठीक है… तू जो चाहे कर… हम तेरे साथ है…. हम तो बस तेरे चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट देखना चाहते है… बस तो आप दोनों अपना आशीर्वाद दीजिये…

 

आपको क्या लगता है रिया ने अपने पति का घर छोड़कर अपने जीवन को संवारने का जो फैसला लिया क्या वह सही था??? कमेंट के जरिए अपनी राय जरूर दीजिएगा….. आलोचना और सराहना दोनों के लिए स्वागत है…

 

आपको मेरी स्वरचित कहानी कैसी लगी बताईयेगा जरूर…. अगर अच्छी लगे तो लाइक, कमेंट और शेयर कीजिये.. और हां मुझे फॉलो करना प्लीज मत  भूलिएगा…. कहानी में कोई त्रुटि हो गई हो तो क्षमा कीजिएगा…..

 

पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏

आपकी ब्लॉगर दोस्त

@ मनीषा भरतीया

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!