इल्ज़ाम, मम्मी सिखाती है मंजू ओमर- : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आजकल ये बातें आम हो गई है कि शादी के बाद लड़की ये कहती सुनी जाती है कि सास बेटे के कान भरती है बहू के खिलाफ बेटे को भड़काती है । क्या यह सच है क्या एक मां चाहती है कि घर में क्लेश हो,लड़ाई झगडे या मन मुटाव हो । बेटा बहू परेशान हो कोई मां ऐसा नहीं चाहती।

              नीता जबसे शादी करके बहू को घर लाई है फूली नहीं समा रही है ।बहू के दहलीज पार करते ही नीता बहू के कान में धीरे से कहा इस नये घर में तुम्हारा स्वागत है , तुम मुझे अपनी मां समझ सकती है जैसे तुम अपनी मां से हर बात कहती हो बेटा तुम मुझसे भी कह सकती  हो बेटा हम सांस बहू नहीं मां बेटी बनकर रहेंगे । लेकिन ऐसा नहीं हुआ बहू सुबह ग्यारह बजे तक सोती रहती थी जब नीचे आती तब तक नीता नाश्ता बना चुकी होती है ।

हंलाकि नीता बहू से तब भी कुछ नहीं कहती हैं ऊपर से बोलती लो बेटा नाश्ता कर लो।और नाश्ता करके वो फिर कमरे में चली जाती और फिर दोपहर में कभी नहा धोकर या कभी वैसे ही चली आती और कहती अभी नहाने का मन नहीं था ।और उस समय तक खाना बन चुका होता था और सब मिलकर खाना खा लेते थे और बहू फिर अपने कमरे में चली जाती थी।यही रूटीन चलता रहता था हंलाकि नीता ने बेटे से कुछ नहीं कहा था । नीता का ऐसा रोकने टोकने वाला स्वभाव नहीं था नीता सोंचता थी चलों मैं तो पहले भी घर का सारा काम करती थी तो अभी भी कर लूंगी समझ जायेगी धीरे धीरे।

                   बेटा घर पर ही रहता था आफिस का काम घर से ही हो रहा था । बेटा बराबर नेहा, बहूं की दिनचर्या देख रहा था तो उसने एक दिन नेहा से कह दिया नीचे जाकर मम्मी की कुछ हेल्प करवाया करों सारे दिन मम्मी अकेली लगी रहती है । नेहा उस समय तो कुछ नहीं बोली लेकिन उसके दिमाग में ये बात घर करने लगी कि मम्मी ने ही सिखाया होंगा।

जब कभी बेटा किसी बात के लिए नेहा से कहता वो सोंचना लगती मम्मी ने ही कहा होगा।अब बताओ बेटे को कुछ नहीं दिखता क्या कि दिनभर मम्मी ही करती रहती है ।अब जब भी बेटा अकेले होता नेहा उससे यही कहती रहती मम्मी आपको सिखाती रहती है मेरे खिलाफ ।

                अब तो नेहा बिना कुछ कहे घर से कहीं भी चली जाती थी नीता के पूछने पर उल्टा सीधा जवाब देती थी । अभी छै महीने हुए थे कि नेहा प्रेगनेंट हो गई नीता ने बराबर अच्छे से ध्यान रखा और फिर डिलिवरी हुई ।एक दिन बच्चे को हल्का सा जुकाम था नेहा ने पति से कहा डाक्टर को दिखा दो तो बेटे ने कहा सर्दी का मौसम है ऐसा कुछ नहीं है अच्छे से कपड़े पहना दो और थोड़ी गरम गरम कपड़े से सिंकाई कर दो ठीक हो जायेगा ।

तो नेहा तपाक से बोली मम्मी ने मना किया होगा डाक्टर के यहां जाने से इस लिए तुम नहीं ले जा रहे हो । मम्मी जी तो चाहती है मेरे बच्चे को कुछ हो जाए । मुझे आप मायके छोड़ आओ मैं यहां नहीं रहना चाहती आप तो सबकुछ मम्मी के कहे अनुसार करते हो ।

                नीता सोंचना लगी पता नहीं क्यों आजकल लड़कियां गलतफहमीयां पाल लेती है कि माएं बेटों के कान भरती है बल्कि ऐसा नहीं होता है । एक परिपक्व बेटा जो मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रहा है उसके पास क्या दिमाग नहीं है क्या कि वो हर सही ग़लत बात मम्मी की मां लेगा ।और मम्मी को क्या मिलेगा सिखा कर बहू लाई है घर में तो क्या इस लिए कि घर में तनाव का माहौल बना जोर लड़ाई झगडे होते रहे घर में । लेकिन ऐ इल्ज़ाम आज हर लड़की लगाती है अपनी सांस पर ।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

19 अक्टूबर 23


 

 

 

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