अब आगे…
जैसे ही रोहन जाने को हुआ …
धमाकेदार गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी …
शायद नेहा ने गोली चला दी थी…
जैसे ही रोहन ने पीछे मुड़कर देखा…
नेहा शांत खड़ी थी …
नेहा के हाथ में तो कुछ भी नहीं था..
अभी गोली चलने की आवाज आई नेहा….
कहां से आई…??
पता नहीं ..
हां, मुझे भी आई है…
तुमने नहीं चलाई…??
तुम पागल हो क्या…
मैं इतनी बेवकूफ नहीं कि मैं गोली चला लूंगी …
तो कहां से आई है…??
शायद पापा के कमरे से…
जल्दी से दोनों लोग ऊपर की तरफ चढ़ गए …
क्या …
नेहा के पापा ने गोली चला दी थी…
जो उनके सीने में जा लगी थी..
ओह ! रोहन…
मेरे पापा को बचा लो …
पापा ने ऐसा क्यों किया …??
अभी कुछ भी कहने का टाइम नहीं है…
इन्हें जल्दी से हॉस्पिटल लेकर चलो…
लेकिन तुम तो शॉपिंग के लिए जा रहे थे …
तुम्हारी इंगेजमेंट है …
इससे ज्यादा जरूरी नहीं है …
यह तुम्हारे पापा है …
और मैं भी कई सालों से जानता हूं …
जल्दी से रोहन ने नेहा के पापा को अपनी गाड़ी में लिटाया…
दोनों लोग जल्द ही अस्पताल पहुंच गए …
डॉक्टर से हाथ जोड़कर मिन्नत कर रोहन कह रहा था…
प्लीज सर ..
एडमिट हिम …
एडमिट कर लीजिए …
यह पुलिस केस है..
एडमिट नहीं हो सकते ये अभी…
इन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की है …
जो भी होगा पुलिस के आने पर ही होगा…
डॉक्टर बोला..
पुलिस भी आ चुकी थी…
हमारा बयान नोट कर लीजिए…
इन्होंने अपने आप ही गोली चलाई है…
हमें नहीं पता क्यों चलाई…
रोहन कह रहा था …
एडमिट होने दीजिए…
जो भी आपको पूछना हो बाद में पूछ लीजिएगा…
पुलिस ने भी नेहा के पापा की हालत देख सहमति दे दी…
उन्होंने इलाज की परमिशन दे दी…
घबराहट में नेहा इधर से उधर चहलकदमी कर रही थी…
रोहन नेहा के पास आया…
उसके हाथों को अपने हाथों में लिया …
घबराओ नहीं नेहा ,,लेकिन तुम्हें पता है तुम्हारे पापा ने क्यों गोली चलाई होगी …
??
नहीं ,,मैं नहीं जानती है …
लेकिन यह बात जरूर है की मम्मी पापा की कभी भी आपस में नहीं बनी …
तुम तो जानते ही हो रोहन बचपन से पापा ने ही मेरी परवरिश की है…
मम्मी तो हमें कब का छोड़कर चली गई थी…
यह तो मैं जानता हूं …
लेकिन इतने सालों के बाद इन बातों को लेकर…
जहां तक मैं जानता हूं तुम्हारे पापा की तुम्हारी मम्मी से बात भी नहीं होती…
हां ,,नहीं होती है ..
लेकिन समझ नहीं आ रहा..
पापा ने ऐसा क्यों किया…
बट …प्लीज … सेव हिम…
मेरे जीवन में बस मेरे पापा ही है…
अब तो तुम भी नहीं रहे रोहन…
Jesus उन्हें बचा लेना …
नहीं,, तो मैं मर जाऊंगी…
ऐसा नहीं कहते नेहा …
रोहन ने नेहा को गले से लगा लिया…
चिंकी का भी फोन आ रहा था…
नेहा कोशिश पूरी कर रही थी कि रोहन चिंकी का फोन ना उठाए…
लेकिन वह भी अंदर से बेताब था कि चिंकी को कम से कम बता तो दे कि वह किसी मुसीबत में फंसा हुआ है…
उसने समय निकालकर साइड जाकर जल्दी से चिंकी को फोन किया …
हेलो…
चिंकी सॉरी …
जी आप इतनी देर से कहां है …??
मैं कब से आपको फोन लगा रही हूं …
आप ठीक तो है …??
हां ,मैं ठीक हूं …
थोड़ा सा इमरजेंसी में फंस गया हूं…
कुछ ऐसा काम आ गया …
जी ,,कोई बात नहीं…
आप बाद में बात कर लीजिएगा …
बस आप एक मैसेज भी कर देते कि मैं ठीक हूं …
थोड़ा बिजी हूं …तो मैं आपको बार-बार कॉल नहीं करती…
आपको परेशान करने के लिए सॉरी …
अपना ख्याल रखिए..
रोहन ने चिंकी से इतनी बात कर फोन रख दिया…
तभी डॉक्टर भी बाहर आ गए…
कैसे हैं अंकल सर..??
रोहन ने आते ही उनसे पूछा …
पहले से ठीक है …
क्या हम पापा से बात कर सकते हैं …
नहीं ,,पहले हमें बयान लेना है…
पुलिस inspector ने कहा …
पुलिस के दो आदमी अंदर गए…
क्या हम भी वहां आ सकते हैं…??
आपको देखकर वह शायद अपना बयान न दे पाए …
पुलिस वाले अंदर गए …
उन्होंने नेहा के पापा से पूछा…
आपने गोली क्यों चलाई …??
जी…
वह गलती से चल गई…
मैं उसे साफ कर रहा था…
नेहा के पापा धीरे-धीरे बोल रहे थे…
आप सच कर रहे हैं…??
जी, हां ..
बिल्कुल …
मेरे पास किस चीज की कमी है…
अच्छा परिवार है …
मैं क्यों खुद पर गोली चलाऊंगा …
उन्होंने बेधड़क होकर कहा…
फिर तो कोई केस ही नहीं बनता है …
आप यह बात किसी भी व्यक्ति के दबाव में तो नहीं कह रहे हैं…??
जी मुझ पर किसी का दबाव नहीं है …
पुलिस ने आगे कुछ नहीं पूछा,, वह बाहर आ गए …
अंदर रोहन नेहा को भी जाने की इजाजत दे दी गई. ..
नेहा कसके अपने पिता के गले लग गई …
पापा ,,आपने ऐसा क्यों किया…??
Nehu ,आई लव यू सो मच बेटा…
I love you too papa …
मैं जब देख रहा था..कि तुम रोहन के सामने कैसे गिड़गिड़ा रही हो अपने प्यार के लिए …
लेकिन रोहन तुमसे प्यार नहीं करता…
यह जानकर मुझे धक्का सा लगा ..
मेरी बेटी कितनी परेशान थी…
तुम्हारी मां के सामने मैं भी बहुत गिड़गिड़ाया था…
कि मुझे छोड़कर मत जाओ …
तुम्हारे आगे एक बेटी है…
लेकिन वह नहीं मानी और चली गई …
तब से लेकर अब तक मैंने तुम्हें पाला और वही अब तुम्हारे साथ होता देख अंदर ही अंदर में खुद को माफ नहीं कर पाया…
कि मैं तुम्हारी खुशी भी नहीं दे सकता …
तुमने कई सालों में कई बार मुझसे कहा कि मैं रोहन से प्यार करती हूं…
लेकिन मैं कहता भी चलो मैं जाकर बात करके आता हूं रोहन की फैमिली से ..
तुम कहती ..
नहीं ,नहीं..
रोहन को प्रपोज करने दीजिए …
वह फीलिंग ही अलग होगी …
तुम जिद पर अड़ी रही और आज देखो रोहन किसी और का होने जा रहा है…
मेरी गुड़िया ,तुम्हें तुम्हारी खुशी ना देने के लिए मुझे माफ कर दो…
नो नो..
डोंट से सॉरी पापा..
जिसकी किस्मत में जितना होता है ,उसे उतना ही तो मिलता है..
नेहा रोहन की तरफ देख रही थी…
रोहन भी उसका दर्द महसूस कर रहा था…
मेरी एक बात सुनना रोहन बेटा …
जी अंकल कहिए ..
अगर तुमने कभी भी मुझे अपना माना है तो अगर अभी भी पॉसिबल है , प्लीज मेरी नेहा का हाथ थाम लो..
मैं तुम्हारा जीवन भर एहसानमंद रहूंगा ..
मेरी बेटी को जीवन में कोई भी खुशी नहीं मिली…
वह सिर्फ तुम्हारे साथ ही खुश रहती है ..
जब भी तुमसे मिलकर आती है तो पूरे दिन ऐसे चहकती है जैसे उसे कुबेर का खजाना मिल गया हो …
जी,,अंकल ..
आई नो…
नेहा अच्छी लड़की है..
जो हो रहा है ठीक नहीं हो रहा है ..
तुम प्लीज सोचकर फैसला लेना …
तुम कहो तो मैं तुम्हारे पापा से बात करूं…??
नेहा के पापा बोले….
अंकल, अभी मैं कुछ नहीं कह सकता…
आप अपना ख्याल रखिए …
कोई दिक्कत हो तो बताइएगा..
मैं कल फिर से आता हूं…
क्योंकि अभी डॉक्टर ने दो दिन आपको एडमिट रहने के लिए कहा है …
तुमने जवाब नहीं दिया रोहन…??
नेहा ने पूछा ..
क्या जवाब देना हैं …
बाद में बात करता हूं…
रोहन बाहर आ गया..
अपनी गाड़ी में बैठ गया…
आज रोहन का मन बहुत ही बेचैन था..
एक तरफ उसकी दोस्त थी जो उससे सच्चा प्यार करती थी…
और दूसरी तरफ चिंकी जो उसे अभी मिली थी…
वह अपनी गाड़ी पार्क की पार्किंग में लगाकर बेंच पर बैठ गया…
चिंकी को फोन लगाया रोहन ने…
आप तो जरूरी काम में फंसे थे ना …
उसी काम के लिए फोन किया है चिंकी…
चिंकी,,मैं तुमसे एक बात पूछना चाहता हूं…??
हां जी ..रोहन जी ,कहिए..
तुम मुझसे कितना प्यार करती हो…??
चिंकी प्लीज टेल ..
यह क्यों पूछ रहे हैं आप……
मैं तुमसे पूछ रहा हूं ,,जवाब दो ..
प्लीज टेल …
आज मेरे जीवन का सवाल है…
मैं बहुत ही असमंजस की स्थिति में हूं ..
और दोराहे पर खड़ा हूं ..
चिंकी बोली ..
जय श्री राधे
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यह आजकल के बच्चे (भाग-17) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
मीनाक्षी सिंह
आगरा