घर का चिराग (भाग 1)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नारायण चौधरी अपने मोहल्ले का सबसे अमीर आदमी था शादी के 1 साल के बाद उसकी पत्नी कामना चौधरी ने एक सुंदर से बालक को जन्म दिया जब वह बालक 1 वर्ष का हो गया उसे एक बड़े से मेले में घूमाने के लिए ले गए वहां बहुत से लोग अपने बच्चों की कलाई पर बच्चों का नाम लिखवा रहे थे नारायण चौधरी ने उस दुकानदार से कहा

मैं श्री राम का भक्त हूं क्या तुम मेरे बच्चे के सीने में श्री राम का चित्र बना सकते हो दुकानदार हंसने लगा कहने लगा हम तो हर तरह का चित्र बना सकते हैं

उस नन्हे से एक बरस के बालक के सीने में उस दुकानदार ने श्री राम का चित्र बना दिया तभी जोर का तूफान आया चारों तरफ धूल ही धूल का बादल छा गया कामना चौधरी ने जल्दी से अपने बालक को वहां रखे एक बड़े से डस्टबिन में छिपा दिया धूल की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था कौन कहां पर है भगदड़ मची हुई थी शोर मचा हुआ था

तूफान की वजह से वह डस्टबिन उड़कर ना जाने कहां पहुंच गया कुछ पता नहीं चला

1 घंटे के बाद जब तूफान शांत हुआ पूरा मेला अस्त व्यस्त था नारायण चौधरी ने अपने बेटे की बहुत तलाश की किंतु उनका बेटा नहीं मिला

निराश होकर वह अपने घर लौट आए

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मेले से कुछ दूरी पर एक कच्ची बस्ती थी वहां एक हरिया नाम का शराबी रहता था उसकी झोपड़ी के पास डस्टबिन में एक बच्चा रोता हुआ मिला उसने तुरंत उस बच्चें को डस्टबिन से बाहर निकाला

और वह चल दिया अपने बॉस के पास ,,

बॉस के घर पहुंचने के बाद हरिया ने कहा,, तुम्हें मैं पहले भी बहुत अनाथ बच्चे दे चुका हूं एक बच्चा और लाया हूं मगर यह शायद 1 साल का ही है कुछ साल घर में पालो फिर हम इसे भी बेंच देंगे

हरिया का बॉस शहर में रहने वाले कोठी-  बंगले और फ्लैटो में नाबालिक अनाथ बच्चों को बेंचकर मोटी कीमत वसूल करता था यही उसका धंधा था

बॉस ने उस बच्चे को हरिया से ले लिया कुछ पैसे देकर कहा तुम्हें इस  बच्चे की कीमत दे दी है अब तुम इस बच्चे को भूल जाओ

उस बाॅस का नाम था कालिया प्रसाद उसने उस 1 बरस के बच्चे का नाम रखा ,,,टोटू ,,,

10 बर्ष बीत चुके हैं अब आगे ,,,,

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अरे सोनू बेटा एक गिलास पानी तो दे दे कामना चौधरी ने अपने बेटे से कहा ,,,

सोनू ने मां को आंखें दिखाते हुए कहा दिखाई नहीं देता मैं पढ़ाई कर रहा हूं

टीना दीदी से कह दो वह भी तो पानी दे सकती है

टीना ने टीवी में कार्टून देखते हुए कहा घर के सारे काम में ही करूं मैं घर की नौकरानी थोड़ी ना हूं

शाम हो चुकी थी नारायण चौधरी भी घर आ चुके थे कामना चौधरी ने अपने पति से कहा पड़ोस में चंद्रभान मिश्रा आपके मित्र रहते हैं उनके घर एक बच्चा काम के लिए आया हुआ है घर का सारा काम संभालता है हमें भी कोई एक बच्चा दिलवा दीजिए घर के काम के लिए

नारायण चौधरी ने तुरंत फोन लगाया और चंद्रभान मिश्रा जी को अपनी प्रॉब्लम बताई

चंद्रभान मिश्रा जी ने बताया आप चिंता मत कीजिए कल सुबह 7:00 बजे आपके घर एक बच्चा आ जाएगा 25000 हजार रुपए आपको अभी पेमेंट करनी होगी

नारायण चौधरी ने तुरंत पेटीएम किया ,,,

रात बीत चुकी थी और नया सवेरा निकल आया

सुबह के सात बजे कालिया प्रसाद अपने बगल में दस बर्ष के बच्चे को लिए खड़ा था कालिया प्रसाद ने बताया इसका नाम टोटू है

आप लोगों को किसी भी तरह की शिकायत का मौका नहीं देगा

पेमेंट आपकी आ चुकी है अब यह टोटू आपका हो चुका है

जी मैं चलता हूं नमस्ते

कालिया प्रसाद वहां से जा चुका था

11 वर्ष का वह बालक कमजोर सा ,,, बाल बिखरे ,,, पैरों में पुरानी सी चप्पल पहने हुए साधारण सी कमीज जिस्म में लटकाए हुए बड़ी बड़ी आंखें

इतने बड़े घर को देखकर वह बहुत खुश था

उसके बाॅस कालिया प्रसाद ने बताया था तुझे वहां पेट भर के खाना मिलेगा मिठाइयां मिलेगी सोने के लिए नरम नरम बिस्तर होंगे

बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमेगा गर्मियों में AC वाले कमरे में रहेगा

धूप से बचेगा सर्दी से बचेगा गरीबी से हमेशा हमेशा के लिए तेरा नाता मिट जाएगा

इतने बड़े फ्लैट में टोटू का आज पहला दिन था

कामना चौधरी ने जोर से चिल्लाते हुए कहा – खड़े-खड़े शक्ल ही देखता रहेगा चल काम पर लग जा फ्रिज में जितनी भी पानी की बोतल है उनको पानी से भर दे

टोटू ने जल्दी-जल्दी पानी की बोतल भर कर फ्रिज में रख दी

सोनू ने मां से कहा इस लड़के के शरीर से कितनी बदबू आ रही है

पहले इसे नहाने के लिए भेजो और कुछ पुराने हमारे कपड़े दे दो

उसके बाद ही घर का काम करवाएंगे हम

टोटू को सोनू ने अपने पुराने कपड़े देते हुए बाथरूम का रास्ता बता दिया

टोटू बाथरूम के अंदर जाकर नहाने लगा बाथरूम में आईना था

टोटू ने अपने सीने में श्री राम का चित्र देखते हुए कहा

श्री राम ने मेरी सुन ली झोपड़ी से मुझे मकान तक ले आए

वह कालिया प्रसाद हमेशा मुझे कहता था यह श्री राम तेरे सीने में तेरे माता-पिता ने बनवाया होगा,,,

नहा कर जल्दी से इस घर के दिए हुए कपड़े पहन लू

कामना चौधरी अपने पति से बोली,, हमारे बेटे को खोए हुए 10 वर्ष हो चुके हैं अगर वह आज होता तो 11 साल का हो चुका होता

हमने उसके सीने में श्री राम का चित्र बनवाया था हे श्री राम उसकी रक्षा करना हमारा बच्चा जहां भी हो खुश रहे उस पर किसी भी तरह की आफत ना आए

नारायण चौधरी ने अपनी बीवी को दिलासा देते हुए कहा श्री राम चाहेंगे तो हमारा बेटा अवश्य हमें मिल जाएगा

कामना चौधरी तेजी से बाथरूम की तरफ बढ़ते हुए बोली

अरे ओ टोटू यह तेरे बाप का बाथरूम नहीं है जो इतनी देर से मलमल के नहा रहा है जिस साबुन से तूने नहाया है उस साबुन को एक कोने में रख देना उसी से रोज नहाना है समझा,,

बाथरूम से जल्दी बाहर आ ,,,घर के बहुत काम करने हैं

पूरे 25 हजार रुपए देकर तुझे खरीदा है मुफ्त की रोटियां न तोड़ने दूंगी घर का सारा काम करवाऊंगी पहले

टोटू जल्दी से बाथरूम से बाहर आया

कामना चौधरी ने उसे सारा काम बता दिया

1– सुबह उठते ही पूरे घर की झाड़ू लगानी है

2– उसके बाद पूरे घर का पोछा लगाना है

3– मेरा बेटा सोनू और टीना जब स्कूल जाए उनके बैग लेकर उनके पीछे-पीछे चलना है

4– रात को सोने से पहले घर के सारे बर्तन धोने है

5– दिन में मैं 2 घंटे आराम करती हूं मेरे पैर दबाने हैं

6– पास की मार्केट से सब्जी तरकारी रोज खरीद कर लानी है

7– शाम को हमारे खाना खाने के बाद जो हमारी थालियों में झूठा खाना बच जाता है उसी खाने को खाकर अपना पेट भरना है

8– रात को सोने के लिए इस घर में कोई जगह नहीं है

छत के ऊपर पानी की टंकी के पास कंबल ओढ़कर वही सोना है इससे हमारे पानी की टंकी की रखवाली होगी

9– हम अक्सर रिश्तेदारों में शादी पार्टी या जन्मदिन में जब कभी भी जाएं तो तुम घर के अंदर ही रहोगे बाहर से हम ताला लगा कर जाएंगे

और खबरदार हमारे पीछे किसी भी सामान को खाने की या छूने की कोशिश की पलंग और सोफे पर कभी मत बैठना

न जाने कौन सी नाली का कीड़ा है ना बाप का पता ना मां का पता

खबरदार,,, सोनू और टीना से दूर से ही बात करनी है

चलो,, अब मुंह क्या देख रहा है मेरा अपने काम पर लग जाओ

और ध्यान रहे बालकनी और खिड़की से बाहर झांकने की जरूरत नहीं है यहां किसी को पता नहीं चलना चाहिए मोहल्ले में कि तुम हमारे पास काम करते हो

चमड़ी उखाड़ दूंगी तेरे बदन से अगर मुझे तेरी कोई शिकायत मिली तो पूरे 25000 हजार रुपए दिए हैं तेरे कालिया प्रसाद को

टोटू जल्दी-जल्दी घर के काम निपटाने में लग गया

सोनू गलती करता और इल्जाम टोटू पर लगा देता है

टोटू साफ सफाई का काम करते हुए अगर नजर टीवी पर पड़ जाती

तो उसे बड़ी-बड़ी गालियां सुनने को मिलती

सारा दिन घर का काम करते-करते रात को थक हार कर उनका बचा खुचा हुआ खाना खाकर छत पर आकर सो जाता

टीना ने मां को बताया मम्मी हर साल हम अपने बिछड़े हुए भाई के लिए मिल जाए उसकी प्रार्थना में घर के बाहर बहुत बड़ा भंडारा करवाते हैं

आज हमारा भाई जहां भी होगा 11 वर्ष का हो चुका होगा

जय श्री राम हमारे भाई से हमें जल्दी मिलवा दीजिए

टेबल साफ करते हुए टोटू ने पूछा टीना दीदी आप किस भाई की बात कर रही हो टीना ने फटकार लगाते कहा हमारे घर की बातों में ज्यादा ध्यान मत दो आज भंडारा है बहुत काम है

हमारे दूर-दूर के मेहमान लोग भी आएंगे

उनके सामने दिखाई मत देना  छत पर चले जाना नीचे मत आना

मेहमानों का आना शुरू हो चुका था टोटू को छत पर भेज दिया

दोपहर हो चुकी थी गली में भंडारा चल रहा था लोग पेट भर के हलवा पूरी और सब्जी का मजा ले रहे थे

घर आए रिश्तेदारों ने जमकर हलवे का मजा लिया

टोटू सुबह से भूखा था उसको भी भूख लगी थी किंतु उसे अभी तक किसी ने याद नहीं किया

धीरे-धीरे दोपहर भी जाती रही और शाम होने वाली है

टोटू छत से बार-बार झांक कर देखता भंडारा भी अब खत्म हो चुका है पत्तलों के बहुत से ढेर सड़क किनारे पड़े हुए हैं उनमें पूरिया है किसी में थोड़ी बहुत बची खुची सब्जियां है किसी में हलवा लोगों ने खाकर झूठा करके फेंक दिया है

टोटू छत पर भूख से व्याकुल बैठा हुआ था नीचे से जोर-जोर से आवाज़ आ रही थी

रिश्तेदार आपस में बातें कर रहे थे

कामना जी आप बिल्कुल भी चिंता ना करें आप जो हर साल भंडारा करती हैं अपने बेटे के लिए आपका बेटा अवश्य आपको मिल जाएगा

श्री राम एक दिन जरूर आपके बेटे को आपसे मिलवाएंगे

टोटू छत पर बैठे-बैठे रिश्तेदारों की बातें सुनकर सोचने लगा

काश मैं इस घर का खोया हुआ बेटा होता तब मुझे भी पेट भर के खाने को मिलता पहनने को अच्छे कपड़े मिलते स्कूल में अच्छी पढ़ाई मिलती

और मुझे यहां छत पर भूखा तो नहीं मरना पड़ता

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घर का चिराग (भाग 2)  : Moral Stories in Hindi

नेकराम सिक्योरिटी गार्ड

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