फौजी की पत्नी – भगवती सक्सेना गौर

सबने फौजी की तो बहुत सी कहानी सुनी होगी आज मैं एक फौजी की पत्नी के दिल की नगरी का हाल लिखूंगी ।

अनुराधा अपने फौजी पति का इंतेज़ार कर रही थी, फौजी तो सरहद पर ड्यूटी देता है पर फौजी की पत्नी घर मे रहते हुए भी हर क्षण डर और  आशंकाओं से घिरी रहती है । आज पूरे सात आठ महीनों बाद मधुर चंद दिनों की छुट्टी पर घर आने वाला था ।

आखिर वह क्षण भी आया , जिसका इंतेज़ार था वो उसकी बाहों में था । दोनों मस्ती से छुट्टियां बीता रहे थे पर जब भी फ़ोन की घंटी बजती, अनु के चेहरे पर तनाव घिर जाता था, दिल धड़क जाता था कही कोई इमरजेंसी के कारण वापस तो नही बुला रहे ।

बड़े प्यार से मधुर कह रहा था ,”तू रोटी बना, आज सब्जी मैं बनाऊंगा ” । अनु देख रही थी कितना खुश् लग रहा था हमेशा ग्रनेड और बंदूक थामते हाथ आज प्याज टमाटर काट रहे थे । समय अपनी गति से बीत गया, आज रात उसे वापस जाना था ।


“बैग की बाहर वाली चेन में टिफिन रखा है, रास्ते में खा लेना याद करके, अबकी बार भूले तो लड़ाई हो जायेगी हम दोनो की” उसने गुस्से वाले अंदाज में बोला फिर अलमारी से कपड़े निकाल के सुटकेश में रखते हुये टॉवल को लम्बी सांस में सूंघा ओर उसको साइड में रखते हुये

“ये आपका यूज किया हुआ टॉवल मैं रखूंगी, आपकी ख़ुश्बू आती रहेगी ।

नया टॉवल रख दिया है सबसे नीचे वाली तह में निकाल लेना जाके ।

पैकिंग खत्म हो गयी थी पर बैग को छोड़ने को मन नही कर रहा था , जैसे वो चाहती है उसे रोकना ,पर रोक भी नही सकती ,

इधर उधर तेजी से घूम रही है जैसे कुछ खोया है ओर किसी को बता भी नही सकती!


फिर अनु बहते पानी के नीचे अपने आंसू बहाती रही, फौजी की बीबी सामने खुल कर रो भी नही सकती , जानती थी उसके सामने रो पड़ी तो वो भी कमजोर पड़ जाएगा । दोनों ने भगवान् को प्रणाम किया, अनु की मांग में सिंदूर भर और फिर नजर भर देख कर फौजी चल पड़ा अपनी डगर पर ।  एक तरफ पत्नी का प्यार था दूसरी तरफ देश के प्रति कर्तव्य भावना , इस समय दोनों एक दूसरे पर हावी हो रही थी ।

मधुर जब भी मौका मिलता फ़ोन जरूर करता था, पर आज 15 दिन हो गए उसका कोई फ़ोन नही आया, अनु परेशान थी, गले मे कुछ फसा था, अंतर में अकुलाहट थी, पचासों बार फ़ोन उठाकर देखा, सात बजे तक चैन से बैठ नही पाई, छाती में सांस घुट सी रही थी, एक तूफान से आता महसूस हो रहा था। तभी फ़ोन की रिंग बजी, दौड़ कर फ़ोन उठाया, उसकी आवाज़ सुनकर चैन की सांस ली, और लगा मन का तूफान गुजर गया । वह चैन अभी तो है, कितने घंटे बरकरार रहेगा पता नही, अगले ही पल क्या होगा, फौजी की पत्नी नही जानती…..

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