‘दीदी’ – पूनम वर्मा

कमला और विमला दो बहनें थीं और दोनों बहनों से छोटा था भाई कमल । कमल अपनी दोनों बहनों का लाडला था । पापा ने कमल का एडमिशन अंग्रेजी स्कूल में करा दिया था । सुबह तो पापा ही स्कूल पहुँचा देते पर छुट्टी के समय लाने के लिए दोनों बहनों को कह दिया । दोनों बहनें जब अपने स्कूल से छुट्टी होने पर कमल के स्कूल पहुँचीं तो देखा कि कमल अपने स्कूल के गेट के बाहर खड़ा था । स्कूल का गेट बंद हो चुका । अपनी दीदी को देखकर कमल जोर-जोर से रोने लगा । असल में उसकी छुट्टी एक घण्टा पहले ही हो गई थी । सभी बच्चे चले गए और वह अकेला हो गया था इसलिए डर गया था । दीदी ने उसे चुप कराया और समझाया कि कल से मैं जल्द ही तुम्हें लेने आ जाऊँगी ।

अब दूसरे दिन कमला को छुट्टी के दो घण्टे पहले से ही कमल की चिंता होने लगी । बुरे-बुरे खयाल मन में आने लगे । कभी सोचती कहीं वह अकेले ही निकल गया तो खो जाएगा या कोई बच्चा पकड़ने वाला उसे उठा कर ले जाएगा । तभी घण्टी बजी तो उसका ध्यान टूटा । अभी भी दो पीरियड बाकी थे । उसे एक उपाय सूझा । वह विमला के पास गई और कहा, 

“मैं कमल के स्कूल जा रही हूँ । छुट्टी होगी तो तुम यहीं रुकना ।”


फिर वह टीचर से परमिशन लेकर कमल के स्कूल पहुँची । अभी-अभी कमल की छुट्टी हुई थी । कमला एक जैसे यूनिफॉर्म पहने बच्चों में अपने भाई को ढूंढने की कोशिश कर रही थी । तभी कमल दौड़ता हुआ आकर अपनी दीदी से लिपट गया । दोनों भाई-बहन जल्दी-जल्दी विमला को लेने पहुँचे । विमला भी अब स्कूल से निकल ही रही थी । तीनों भाई-बहन हँसते-खेलते घर पहुँच गए । हफ्ते भर ऐसे ही चला। । क्योंकि कमला के पास इससे बढ़िया कोई समाधान न था  ।

एक दिन कमल ने ये बातें माँ से बताई । माँ ने पहले कमला को इस बात के लिए डाँट लगाई कि वह पढ़ाई छोड़कर कमल को लेने जाती थी । फिर जब कमला ने कमल के खो जाने की चिंता के बारे में माँ को बताया तो माँ ने उसे गले लगा लिया । अगले दिन से माँ ने पिताजी से कहकर कमल के स्कूल आने-जाने के लिए रिक्शा करवा दिया ।

©पूनम वर्मा

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!