दास्तान इश्क़ की (भाग -16)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा…..

देवेंद्र जी ,शीतल , veer प्रताप जी और रुपाली चार धाम की यात्रा के लिए चले जाते है…… आदित्य और राधिका के बीच की दूरियाँ ख़तम हो जाती हैं…

अब आगे…..

मौसम की पहली बारिश आदित्य और राधिका के बीच की दूरियाँ मिटा देती है… एक तरफ जहाँ मुहब्बत ने रंग बिखेरा तो दूसरी तरफ  इस मुहब्बत का रंग जो राघव पर तो कब का चढ़ चुका था लेकिन कावेरी इस रंग से अभी अंजान थी…..

एक तरफ  प्यार परवान चढ़ रहा था तो दूसरी तरफ कोई अपने प्यार को पाने के लिए मेहनत कर रहा था….

राघव कावेरी को लेकर कमरे में जाता है और उसे बेड पर लिटा देता है… कावेरी राघव की तरफ देख रही थी…..

क्या हुआ….?? राघव ने पूछा

कुछ नहीं मैं ठीक हूँ….. कावेरी ने कहा

दवा दूँ…

नहीं…. कह कर कावेरी सीधे बैठने की कोशिश करने लगी

राघव ने सिर हिलाया और मन में बोला बहुत ज़िद्दी हो आप….. वो उसको बैठने मे हेल्प करने लगा…

राघव कावेरी के बहुत पास था…. कावेरी को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था… लेकिन क्या वो ये समझ नहीं पा रही थी…

मैं कॉफी बनाने जा रहा हूँ आप लेंगी ???

मैं भी चलती हूँ…

अभी तो लगी हुयी थी आपके अब ठीक हो गयी… ??

नहीं ठीक तो नही लेकिन मैं अकेले यहाँ क्या करूँगी ?? राधिका भी नहीं है पता नहीं कहाँ चली गयी…..

ठीक है चलें… लेकिन वहाँ चुप चाप बैठी रहना

ह्म्म्म…. कावेरी ने कहा

राघव ने उसे अपना हाथ दिया तो कावेरी ने  उसका हाथ पकड़ लिया दोनों किचन में पहुँचे राघव ने डाइनिंग टेबल से चेयर निकाल कर उसे किचन में रखा और कावेरी को उस पर बैठा दिया

राघव ने कॉफी बनानी शुरू की कावेरी उसे कॉफी बनाते हुए देख रही थी….. आज कावेरी ने पहली बार राघव को इतने क़रीब से देखा था… राघव ने कावेरी की तरफ देखा तो उसने अपनी निगाह हटा ली और दूसरी तरफ देखने लगी…… कॉफी बन गयी तो राघव ने कावेरी को मुस्कुरा कर कॉफी दी  …. कावेरी ने एक सिप लिया और बोली बहुत अच्छी बनी है…… लेकिन मैं ज़्यादा अच्छी बनाती हूँ कॉफी …

राघव उसके पास आया उसने अपने दोनों हाथ कुर्सी के दोनों तरफ रखे कावेरी थोड़ा पीछे हो गयी  –  नेक्स्ट टाइम आप बना देना राघव ने उसके ऊपर झुकते हुए कहा तो कावेरी थोड़ा पीछे हो गयी ………राघव मुस्कुराया और पीछे हट कर अपनी कॉफी पीने लगा……

कॉफी पी कर राघव ने कावेरी को कमरे तक छोड़ा और अपने कमरे में चला गया..

कावेरी ने देखा अभी तक राधिका कमरे में नहीं आयी है….उसने कुछ सोचा और मुस्कुरा कर बेड पर लेट गयी और सो गयी

अगली सुबह आदित्य के कमरे में पर्दों से आती रोशन जब राधिका की आँख पर पडी तो उसकी आँख खुल गयी….उसने देखा आदित्य उसके बगल में सो रहा हैं और उसका एक हाथ राधिका की कमर पर है …. राधिका ने धीरे से उसका हाथ हटाया तो आदित्य ने नींद में ही कहा….

“राधिका हिलो मत ना मेरी नींद टूट जायेगी “

“कुंवर सुबह हो गयी है “

“ह्म्म्म…….रोज़ होती है अब आप हिलो मत “आदित्य ने कहा

राधिका दो मिनट वैसे ही लेटी रही…..आदित्य फिर गहरी नींद में सो गया…. राधिका ने धीरे उसका हाथ हटाया और तकिया उसके बगल में रख कर उठ गयी…… उसने अपने को ठीक किया और कमरे से जाते वक़्त पलट कर आदित्य को देखा…… वो अभी भी सो रहा था राधिका मुस्कुराई और कमरे से बाहर आ गयी…

वो अपने कमरे मे गयी तो देखा कावेरी भी सो रही थी….. उसने अपने कपड़े अलमारी से निकाले और वॉशरूम में चली गयी…. वो फ्रेश हो कर आयी और शीशे के सामने खड़ी हो कर तैयार होने लगी कावेरी भी  उठ गयी थी लेकिन राधिका ने उसकी तरफ देखा नहीं….

राधिका तैयार होते -होते  हल्के से मुस्कुरा रही थी……कावेरी ने उसे देखा और बोली – क्या बात है ये मुस्कुराहट,ये शीशे में

बार – बार किसे देखा कर आ रही है

तुम उठ गयी…… ??

हाँ जी और आप रात भर कहाँ थी कहते हुए कावेरी ने राधिका की कमर को पीछे से पकड़ा और शीशे में से ही उसे देखने लगी… राधिका ने अपनी पलकें नीचे की तो कावेरी उसके सामने आ कर  गाने लगी –

पिया मिलन को गयी…

सपनों में खो गयी

आग लगे सारी दुनियाँ को

मैं उनकी हो गयी…. !!

राधिका ने उसे अपने से अलग किया और कमरे से बाहर जाने लगी तो कावेरी ने कहा – “अब तुम्हें कुंवर जी के रूम में शिफ्ट हो जाना चाहिए….. “

राधिका पीछे मुड़ी और मुस्कुरा कर कमरे से बाहर निकल गयी …

थोड़ी देर में आदित्य उठा तो उसने देखा कमरे में राधिका नहीं थी और वो तकिये का पकड़ कर सो रहा था…. वो मुस्कुरा कर उठा और फ्रेश होकर रेडी होने लगा..

कावेरी, राघव दोनों ही रेडी हो कर आ गए थे…. कावेरी किचन में राधिका के साथ नाश्ते की तैयारी कर रही थी जब सब रेडी हो गया तो राधिका ने नौकरों से कहा कि जब कुंवर आ जाए तब नाश्ता बाहर ले आना…..

राधिका और कावेरी डाइनिंग टेबल पर आ गये

टेबल पर राघव अपने लेपपटॉप पर कुछ मेल्स देख रहा था….

आप आ गए राघव जी – गुड मोर्निंग

गुड मोर्निंग भाभी

उसने कावेरी की तरफ देखा और बोला – गुड मोर्निंग अब आप ठीक है ??

कावेरी ने चेयर पर बैठते हुए कहा –  हाँ अब ठीक हूँ..

राधिका ने पूछा – क्या हुआ तुम्हें ??

कावेरी ने अपनी प्लेट को सीधा करते हुए कहा – कल हम इनसे टकरा कर गिर गए थे …. तो इसीलिए ये पूछ रहे है

“”अरे नहीं भाभी ये गिरी नहीं थी इनको मैंने गिरने से बचाया “”

कब बचाया आपने?? पता है राधिका इन्होंने बचाया और फिर हमें छोड़ दिया…. इतनी ज़ोर से गिरे हम

“अरे वो तो बिजली चमकने  की आवाज़ से मैं डर गया

और…. “

और मुझे गिरा दिया – कावेरी ने बात को पूरा  किया

फिर क्या हुआ राधिका ने पूछा…. फिर क्या… फिर इन्होंने अपनी गोदी में हमें उठाया और कमरे तक छोड़ा…..

कॉफी भी बनायी ये नही बतायेंगी आप ……

कावेरी ने कहा – हाँ तो तुम नहीं थी और घर में कोई और दिख भी नही रहा था मैंने सोचा ये बेचारे अकेले कॉफी बनाएंगे इसलिए….. मैं इनका साथ देने चली गयी

राघव ने कहा – ज़िद की थी आपने …

राधिका बैठी हुयी दोनों कि बहस का मज़ा ले रही थी…. तभी आदित्य रेडी हो कर कमरे से बाहर आ गया…

उसने देखा राघव और कावेरी किसी बात पर बहस कर रहे हैं और राधिका मुस्कुरा करे दोनों को देख रही है….. एक पल को आदित्य की नज़र राधिका पर ठहर सी गयी आज राधिका ने रेड कलर की साडी पहनी हुयी थी आँखो में काजल,मांग में सिंदूर हाथों में चूड़ियाँ…. राधिका की नज़र जब आदित्य पर गयी तो उसकी नज़र झुक गयी…. आदित्य राधिका के पास वाली चेयर पर बैठ गया…

आदित्य टेबल के पास आया और बोला – अरे क्या हुआ है ये आप दोनों सुबह – सुबह किस बात पर बहस कर रहे है?

आदित्य की बात पर दोनों चुप हो गए

कुछ नहीं आप बैठे ये हम आपको नाश्ता करते – करते बतायेंगे राधिका ने कहा और नौकरों को नाश्ता लाने को बोला

अरे वाह आलू परठां और दही  वाह भाभी आज तो मज़ा आ गया आदि तुम्हें बहुत पसंद है ना???राघव ने अपनी प्लेट में परठां लेते हुए कहा

हाँ आदित्य ने कहा…..

उसने राधिका की तरफ देखा मुस्कुराया और प्लेट में ले कर परांठा खाने लगा…

वैसे कुंवर जी राधिका कल रात मेरे रूम में नहीं थी…. आपको पता है कहाँ थी उसने अपनी आइब्रो उठाते हुए पूछा ???

आदित्य परांठा खाते खाते रुक गया और बोला – वैसे कल रात हमने सुना कोई किसी को गोदी में उठा कर रूम तक ले गया था…….. क्यों साली साहिब जी ??

कावेरी उसकी इस बात पर झेंप गयी और  नीचे देखने लगी….. क्या कुंवर जी आप भी ना …..

साली साहिब ये मेरा घर है एक पत्ता भी हिलता हैं ना तो पता चलता है मुझे ….

हम्म… कावेरी ने कहा और नाश्ता करने लगी..

आदि थोड़ा टाइम निकाल  ज़रा ऑफिस  एकाउंट्स देखा लेना… मेरा अकाउंटेंट छुट्टी पर है  – राघव ने कहा

आज तो टाइम नही मिलेगा फिर भी मैं कोशिश करूँगा. –

कोई परेशानी नहीं हो तो आपकी हेल्प कावेरी कर देगी – राधिका ने कहा

कावेरी जी…. लेकिन ये कैसे ???

“बस कर देगी चाहे आप टेस्ट ले कर देख लीजिए… राधिका ने कहा

राघव ने आदित्य की तरफ देखा… आदित्य ने हाँ में सिर हिलाया

“ठीक है फिर अगर भाभी कह रही हैं तो ले लेते हैं टेस्ट इनका अगर आप रेडी हैं तो चलें हमारे

साथ “

कावेरी ने मुस्कुरा कर राधिका की तरफ देखा… राधिका भी उसे देख कर मुस्कुरा दी…

चलिए….मैं रेडी हूँ बस फोन ले लूँ अपना.. कावेरी अपना फोन लेने रूम में चली गयी

कावेरी राघव के साथ उसके ऑफिस चली गयी…

उन दोनों के जाने के बाद आदित्य ने राधिका से कहा – क्या सच में एकाउंट्स देख लेंगी कावेरी….??

आपको हमारी बात पर भरोसा नहीं है??

ऐसा नहीं है क्योकिं एकाउंट्स देखना….

आप फिकर ना करें मस्ट्री है कावेरी की एकाउंट्स में…

ठीक है आप कहती हैं तो हम मान लेते है….. बाक़ी रिपोर्ट राघव से मिलेगी शाम को..

हम भी चलते है बस थोड़ी देर का काम है हम जल्दी आ जायेंगे . आप अपना खयाल रखिये रजीव घर पर ही हैं और बाक़ी सारे नौकर भी… भुवन हमारे साथ जा रहे हैं….. हम आपसे शाम का मिलेंगे…. !!!

जी… राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा

आदित्य ने राजीव को बुलाया और बोला – आप यहीं रहना और नज़र रखना ….

जी कुँवर ….राजीव ने कहा

आदित्य राधिका को बाय करके चला गया…

राघव कावेरी को लेकर ऑफिस आ गया था.

उसने शर्मा जी को ऑफिस में बुलाया और कहा कि – ये मिस कावेरी हैं ये आज से एकाउंट्स देखेंगी  …. आप इन्हें अमित की जगह दिखा दें..

जी सर… शर्मा जी ने कहा और कावेरी को साथ लेकर केबिन में चले गए

शर्मा जी ने कावेरी को केबिन में लेजाकर काम के बारे में बताया और बाहर चले गए… कावेरी ने दोपहर तक सारे एकाउंट्स चेक किए…..और जो भी प्रॉब्लम थी राघव को जाकर बतायी..

राघव  उसका काम देख कर काफ़ी इम्प्रेस हुआ…. उसने कावेरी की तारीफ़ की और बोला – मुझे आपका काम पसंद आया आप हमारा ऑफिस जॉइन करेंगी…. अच्छी सलेरी दूँगा मैं आपको….. और घर से पिक और ड्रॉप भी फ्री में..

कावेरी ने कहा – ठीक हैं…. पर सलेरी कितनी मिलेगी ???

राघव अपनी जगह से उठा और कावेरी के  पास आ कर बोला – आपकी क्या डिमांड है??

कावेरी ने सोचा और बोली –  यहीं कोई 20 , 25 लाख….

राघव मुस्कुराया और बोला – ये क्या बस इतनी ही हमें तो लगा आप करोड़ तो लेंगी कम से कम ..!!

बहुत बातें हो गयी राघव जी अब घर चलें – कावेरी ने कहा

ठीक है चलिए …. राघव ने शर्मा जी को बुलाया और पूछा कि और कोई मीटिंग या कोई काम पेंडिंग तो नहीं हैं …

शर्मा जी कहा  -नहीं सर… और आज तो एकाउंट्स का काम भी जो पेंडिंग था हो गया !!

ठीक है फिर हम चलते है…

जी सर….

राघव कावेरी के साथ ऑफिस के बाहर आ  गया दोनो गाड़ी में बैठे और घर के लिए निकल गए…

दोनों घर पहुँचे तब तक आदित्य भी घर आ गया था और राधिका के साथ चाय पी रहा था..

एक कप चाय हमें भी मिलेगी भाभी  ???

राधिका ने देखा तो राघव और कावेरी आ गए थे  उसने कहा  – ”  बिल्कुल राघव जी

उसने दोनों को चाय दी और राघव से पूछा ” राघव जी कैसा रहा आज हमारी दोस्त ने आपकी मदद की या नही “?

अरे बहुत बढ़िया भाभी इन्होंने तो दोपहर तक सारे एकाउंट्स चेक किए और बहुत हेल्प हो गयी हमारी…. हमने इनको जॉब ऑफर की है….. ऑफिस से पिक भी इनको हम कर देंगे और घर तक ड्रॉप भी..

अरे वाह चलो ये तो अच्छी बात है तो कावेरी क्या कहना है जॉब करनी है ये – राधिका ने पूछा

ह्म्म्म सोच रहीं हूँ कर ही लेती हूँ…

तो इस बात पर मूँह तो मीठा होना ही  चाहिए ना – आदित्य ने कहा

अरे ले आना ज़रा….आदित्य ने एक नौकर को कुछ लाने के बोला वो नौकर एक छोटी सी  मटकी ले कर आया… और टेबल पर रख दी…

रसगुल्ला कुँवर जी आपको कैसे पता की मुझे और राधिका को रसगुल्ला बहुत पसंद है

आदित्य ने राधिका की तरफ देखा और कहा मुस्कुरा कर कहा –  बस ऐसे ही  जान लिया ….खाएं ना और बधाई आपको जॉब के लिए….. कह कर आदित्य ने रसगुल्ले की मटकी उसकी तरफ कर दी…

थैंक यू कुँवर जी….

अगली सुबह भुवन कुछ औरतों को लेकर आया और राधिका से मिलवाया….

“ठाकुराइन ये आपने कहा था तो हम इन को ले कर आए है आप मिल ले और जिनको भी काम पर रखना हो रख लें ..!!

राधिका सबसे मिली नाम पूछा और सबको काम पर रख लिया और समझाने लगी कि क्या – क्या काम है …. उनमें से एक जिसका नाम  लाजवंती था उसे अपने काम के लिए रख लिया…. !!!!

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा….फिर मिलूँगी  जल्दी ही नये भाग के साथ…….!!!

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -17)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!