झूठी हैं दीवारें – मंजु सिंह : Moral Stories in Hindi

आज चैन की सांस ली थी अनीता ने । कब से इसी बात को लेकर चिंतित थी कि रचना का एडमिशन किसी अच्छे कॉलेज में होगा या नहीं ।आजकल दाखिले के लिए इतने अंक लाना सब के बस की बात कहाँ रह गयी है !  किस्मत अच्छी थी रचना की कि उसका दाखिला दिल्ली के … Read more

अनारकली – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

“ऐ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है?” दीपा की भाभी ने कहा। “किस बात की शरम भाभी? क्या किया है मैंने? कौन-सा ग़लत काम किया है जो शरमाऊँ?” दीपा बोली। “क्या किया है? मुझसे पूछती है? अपने से पूछ।” … Read more

सुख -दुःख – उपासना सियाग : Moral Stories in Hindi

     हर्तिषा धीरे -धीरे चलती हुई अपने सुख -दुःख करने की जगह आ बैठी। उसका मानना है कि घर में एक जगह ऐसी भी होनी चाहिए जहाँ इंसान अपना सुख -दुःख करके अपने आप से बतिया सके। इस बात पर उसके पति हँसे थे कि लो भला !कोई अपने आप से भी बतियाता है क्या !तो … Read more

वादा – सोमा सुर : Moral Stories in Hindi

अवनि के पापा का तबादला इस छोटे से शहर में हुआ था। कक्षा ५ में पढ़ने वाली बैंक मैनेजर की बेटी अवनि अब तक बड़े शहरों में ही रही थी। छोटे से शहर के एकमात्र कांवेंट स्कूल में उसका दाखिला हो गया था। नये स्कूल में सारे बच्चों के अपने दोस्त थे, अवनि से कोई … Read more

मेरे बुढ़ापे का सहारा – निधि घर्ती भंडारी : Moral Stories in Hindi

रमा जी, भारती जी और नीलम जी तीनों अच्छी पड़ोसन तो थी ही साथ ही अच्छी सहेलियां भी| तीनों के बच्चे एक ही स्कूल और एक ही क्लास में पढ़ते थे |वैसे तो घर में काम ही इतना होता कि मिलना-जुलना नही हो पाता था, हां बस मंगलवार और शुक्रवार को लगने वाले पीठ बाजार … Read more

खोए हुए रिश्तों की तलाश – विमल भारतीय ‘शुक्ल’ : Moral Stories in Hindi

एक सर्द सुबह थी। कोहरे से लिपटी हुई सड़कें, ठंड में सिकुड़ती ज़िंदगी और हवा में अजीब सी खामोशी। उसने अपनी गाड़ी घर के सामने रोकी। पिछली सीट पर एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठे थे। उनका चेहरा थका हुआ और उदास था। आँखों में एक गहरी चोट थी, जो समय और हालात ने दी थी। यह … Read more

रिश्तों की कॉम्प्लिकेशन – निशा रावल : Moral Stories in Hindi

आखिर वो दिन आ ही गया जब जतिन ने रिया से अपने दिल की बात कह दी,उस दिन जतिन बहुत सहमा हुआ सा था उसे पूरा विस्वास था कि रिया उसे ना नही बोलेगी, पर दिल के किसी कोने से ये आवाज भी आ रही थी कि रिया अपने परिवार और अपने सपने को पहले … Read more

बदरंग रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

कैसी उदास सुबह है ना! होली कल ही बीती है, कितना उल्लास, कितना मस्ती भरा माहौल था कल सारा दिन और आज देखो? ऐसा लग रहा है मानो कल कोई मौत हुई हो मोहल्ले में। एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा है। अजीब सी मनहूसीयत पसरी हुई है। चाय पीते–पीते कुसुम ने कहा।  नौ … Read more

गहरा रिश्ता – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

जाने किस घड़ी में इसे पसंद किया था, मेरी तो मति ही मारी गई थी जो मै इसे बहू बनाकर लाई, एक काम भी ये ढंग से नहीं करती है, पता नहीं कैसे घर संभालेंगी? इसके तो खुद के ही काम नहीं होते हैं।’ मंजुला जी बड़बड़ कर रही थी, लेकिन सोनिया पर कोई असर … Read more

संयुक्त परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

गाँव में हमारा परिवार रहता था। परिवार में मैं, मेरे माता पिता, ताऊ जी ताई जी, उनका बेटा रोहन और दादा जी। मैं पढ़ाई में बहुत तेज था और रोहन औसत था। रोहन मुझसे 1 क्लास आगे था पर मैं उसका भी होमवर्क करता था। हम दोनो भाई से ज्यादा दोस्त थे। दादा जी के … Read more

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