माँ का हिस्सा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

ये कहानी है रत्ना जी की। जिनके पास धन तो ज्यादा नहीं है पर जमीन और घर की मालकिन जरूर है। दो गबरू जवान बेटे और एक बेटी की माँ। सब शादीशुदा और अपने में मस्त। पर क्या हुआ जो एक दिन अचानक से दोनों बेटे माँ के पास आए और बड़े बेटे नवल  बोले,‘‘ … Read more

मोहताज – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीला एक मेहनती महिला थी घर बाहर सब संभालती थीं।सुबह घर का सारा काम बच्चों को स्कूल भेजकर पति राजेश भी घर पर थे । फैक्ट्री में नौकरी करते हुए उसका एक हाथ चला गया था तो वो भी घर पर ही था।उसका सब काम दिन भर की तैयारी करके जाना । नौ बजे फैक्ट्री … Read more

ससुराल ऐसा ही होता है – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज  इतवार था ।सुबह उठकर चाय ही बनाने जा रही थी कि फोन बज उठा । देखा तो मम्मी जी का फोन था । मन में अनेकों पुरानी बातें घूमने लगी..हमारी बातें तो काफी समय से बंद है तो आज क्यों कॉल आ रहा  , सब ठीक तो होगा ? खैर ..सवालों को अपने दिमाग … Read more

माँ का मोह – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

अब हमारे बीच कुछ भी नहीं बचा…अंदर ही अंदर खोखला हो गया है हमारा ये रिश्ता….और कितना निभाऊँ मेंयह रिश्ता तुम ही बताओ रिया….. अब हमारे बीच नार्मल पति – पत्नी जैसा कुछ रहा ही नहीं ,अपनी पत्नि रिया से यह बात कहते कहते नीरज की आँखें आंसुओं से भीग गई…. और दूसरी तरफ रिया … Read more

“मोहताज” – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

जानती हो उस दिन मेरा मन कचोट कर रह गया था। मैंने अपनी पूरी जिंदगी उसके दरवाजे पर ही बीता दिया लेकिन उसे तनिक भी लिहाज नहीं। बिना लाग लपेट के कह दिया था कि–” मैंने तुम्हारे परिवार का ठेका लिया है क्या? तुम अपने लड़के को पढ़ाओ या मत पढ़ाओ उससे मेरा क्या लेना … Read more

बुजुर्ग मोहताज नहीं होते – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मायके में कुछ दिन रहने आई रचना ने जब अपनी मम्मी की बात सुनी और उनके आंसू देखे तो मानो, उसे ऐसा लगा, किसी ने उसके मुंह पर कसकर तमाचा जड़ दिया हो।   उसकी मम्मी उसे बहाने से बाहर ले गई। ” चल रचना, बाजार चलते हैं मुझे सूती सूट लेने हैं और तू भी … Read more

भगवान थोड़ी जिंदगी और दे दो – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई रागिनी जी की आंखों से आंसू की बूंदे निकलकर तकिये को भिगो रही थीं… । अपनी बिमारी से ज्यादा पति और बेटे की बेबसी उन्हें खल रही थी। बिना किसी औरत के घर संभालना कितना मुश्किल होता है ये बात सब समझ रहे थे। दोनों का उतरा हुआ चेहरा … Read more

मोहताज – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आंखो के लिए भी नीचे काले काले रंग निशान ,चेहरा पीला सा पड़ गया था। हाथ पैरों में तो मानो जान ही नहीं रही। अकेले कमरे में घुट घुट कर बैजान सी हो रही थी। वो बिंदास रहने वाली पूजा। जैसा नाम वैसा ही व्यवहार । सबसे मिलना जुलना हसना ,हसाना मानो फूल सी काया … Read more

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