प्यार की एक कहानी (भाग 3 )- नीलम सौरभ

थोड़ी देर तक मुकुल उसका सिर सहलाता रहा फिर अचानक क्या हुआ कि उसे छोड़, “बाद में मिलता हूँ यार तुमसे!” बोलता, दौड़ता हुआ घर लौट आया। आते ही माँ को ढूँढ़ा, जाकर उससे जोरों से लिपट गया। “नहीं मारना मम्मा!…मुझे कुछ नहीं चाहिए…बस आप गुस्सा मत होना…चाहो तो स्टीकर्स भी मत दिलाना..पैसे भी नहीं … Read more

प्यार की एक कहानी (भाग 2)- नीलम सौरभ

अरे! आप तो न… हमेशा ही हमें गलत समझते हैं! ऐसा कछु नहीं है…वह तो हम.. हम तो…” अम्माँजी को एकाएक कोई माक़ूल जवाब नहीं सूझ पाया, बेचारी हकलाते हुए सफ़ाई देने का असफल प्रयास करने लगीं। “हमें बहलाने की बिल्कुल न सोचना रानी!..अपना नन्हा बबुआ समझ कर…न हमसे बेजा बहस ही करना!…ये बाल हमने … Read more

प्यार की एक कहानी (भाग 1)- नीलम सौरभ

वह हल्के कुहासे से भरी एक सुहानी सुबह थी। सवेरे की सैर पर निकले हुए लोगों के लिए अति आनन्द भरी थी। पर उस परिवार के वृद्ध मुखिया बब्बाजी आज बेहद गुस्से में भरे हुए शीघ्र ही घर लौट आये। रोज की नियमित दिनचर्या के तहत वे टहलने गये थे, लेकिन आज अपने पुराने ठिकाने … Read more

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