पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

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रचना अपनी शादी के सात महीने के बाद मायके आई थी | उसके पति रंजन उसे पहुंचाने आये थे | एकदिन रहकर वे दूसरे दिन लौट गये | कहकर गये कि सात दिन रहकर पापा के साथ वापस आ जाना | मैं लेने नहीं आऊंगा | रचना को यह अच्छा नहीं लगा कि रंजन सिर्फ … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों ??? – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

पापा मेरे प्यारे पापा , आप यहां नहीं हो लेकिन मुझे मालूम है कि आप मेरी हर बात सुन रहे हैं , मेरे दिल में उठते सवालों को आप समझ रहे हैं।  पापा आख़िर क्यों मैं बड़ी हो गई , मुझे फिर से आप की वही छोटी सी गुड़िया बनना है। जिसे आप ऊँगली पकड़ … Read more

काश! तू बड़ी ना होती – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      ” पापाजी…मिनी…।”   ” क्या हुआ मिनी को संदीप..बताओ..क्या हुआ..।” फ़ोन पर अपने दामाद की घबराई आवाज़ सुनकर मनोहर चीख पड़े।   ” वो मिनी…।” कहते हुए संदीप ने जो कुछ कहा, उसे सुनकर उन्हें कुछ होश नहीं रहा।उन्होंने पत्नी को आवाज़ लगाई,” मनोरमा..ज़ल्दी से एक थैले में चार कपड़े रखो..हमें तुरंत शहर जाना है।”     ” शहर!..मिनी … Read more

#पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों..?? – मीनाक्षी सिंह’ : Moral Stories in Hindi

ए री छुटकी.. यहां कैसे,,तू  बाहर गेट पर खड़ी है… दुपट्टा नहीं ले सकती .. जा अंदर जा.. साँझ  हो गई … ऐसे ही  चली आती है गेट पर.. बड़े भईया छुटकी से बोले… अगले दिन छुटकी अपनी मां से बाल बनवा रही थी … यह कैसे बैठी है… ठीक से कपड़े करके नहीं बैठ … Read more

पापा मै क्यों बड़ी हो गई… – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

रिया बदहवास घबराई हुई अपने घर का दरवाजा पीट रही थी…उसकी माँ निशा ने दरवाजा खोला। क्या हुआ रिया? दरवाजा तोड़ेगी क्या….फिर उसको देखकर अरे…इतनी घबराई क्यों है…रिया अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती है और बिस्तर पर गिरकर रोने लगती है। निशा उसके पापा विनीत से बोलती है…देखो रिया को क्या हो … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी क्यूं हो गई – सुनीता परसाई : Moral Stories in Hindi

रवि व सुषमा की शादी को पाँच साल हो गये थे।सब सवाल करते क्या बात है।कब तक की प्लानिंग है।वे दोनों बच्चे के लिए परेशान थे। पाँच साल बाद सुषमा के पांँव भारी हुए। घर में खुशी की लहर छा गयी। परिवार वाले सभी उसका ध्यान रखते। रवि रोज आफिस से आते समय सुषमा की  … Read more

“पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे गुड्डन की मां जरा देखो तो मैं क्या लेकर आया हूं अपनी गुड्डन के लिए? घर में घुसते ही देवेंद्र जी ने अपनी पत्नी सुनैना को आवाज़ लगाई। सुनैना अभी आई कहकर रसोई में से अपने आंचल से अपने हाथ पहुंचती हुई आई तो देखा। देवेंद्र जी अपने हाथ में एक सोने की चेन … Read more

*पंखहीन परी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    देखो बेटी,तुम इस घर की बडी बहू हो,इसलिये तुम्हे अपने मायके के बचपने को छोड़ना होगा।तुम्हारी ननद, तुम्हारे होने वाली देवरानी सब तुम्हे ही देख कर आचार विचार रखेंगे।     जी-माँ जी।       रीता की रितेश से शादी अभी दो माह ही पूर्व हुई थी।रितेश अपने घर मे अपने भाई व बहन से बड़ा था,इस कारण रीता … Read more

‘मन्नत: एक छोटी सी ख्वाहिश’ – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

श्यामा प्रसाद जी के बंगले में खूब चहल-पहल है। खुशियों से सबके चेहरे चमक रहे हैं। वाद्य यंत्रों और बधाई गीतों की आवाज दूर-दूर तक जा रही है। दादू-दादी आओ, पापा-मम्मी आओ…. मन्नत को झूला झुलाओ…….. गाओ सखियों मंगल गान… जन्मी हमारी राजदुलारी… मन्नतों से मांगी गई मन्नत आज 40 दिन की हो गई है। … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

राधा…. ओ राधा। अरी कहां है सारा दिन मौहल्ले के बच्चों के साथ धमा-चौकड़ी मचाती फिरती है। पिता का स्वर सुनकर 13 बर्ष की राधा को घर के भीतर आना ही पड़ा। “अरी ब्याह की उम्र हो चली है तेरी अगले माह लगन है”। पास-पड़ोस के लोग ताने मारने लगे हैं , लड़की घर में … Read more

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