प्यार में दूरी क्यों? – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 सेंट्रल माॅल से खरीदे सामानों के दोनों थैले साक्षी ने सोफ़े पर रखे और गृहसेविका को एक गिलास पानी लाने को कहा।तभी उसकी माँ नंदिता जी ने उसे पानी का गिलास थमाया।   ” अरे माँ..आप क्यों…चंदा नहीं है क्या?” उसने आश्चर्य- से पूछा।   ” है ना…वो सब्ज़ियाँ काट रही थी तो मैं ही तेरे लिये … Read more

रिश्तो में बढ़ती दूरियां – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

सुन, सुन, सुन अरे दीदी सुन, तेरे लिए एक रिश्ता आया है। रिया को जब से पता चला था कि उसकी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे हैं। यही फिल्मी गाना गा, गा कर अपनी दीदी सीमा को  चिढ़ा रही थी।  यह है रमाकांत जी की दो बेटियां रिया और सीमा। दोनों एक दूसरे … Read more

ये दूरियाँ – डॉ ऋतु अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

   पुष्पा आज अकेली कमरे में बैठी थी। कहने को चार संताने थीं उसकी पर आज कोई झूठे मुँह भी उससे यह नहीं पूछता था कि माँ तुम कैसी हो। बस उसकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कभी नौकर या कोई बहू पल भर को आते थे। खाना- नाश्ता, फल, दूध इत्यादि रखकर फ़ौरन ही चले … Read more

रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ – डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

कथानायिका विमला की कहानी  करीब पचास-साठ वर्ष  पूर्व की है।उस समय समाज में नारी की स्थिति अत्यधिक दयनीय  थी।उसे अपनी इच्छा और भावनाओं को व्यक्त करने का कोई अधिकार नहीं था। परिवार  के लिए बस वह एक कठपुतली  मात्र थी।विमला अपने सभी भाई-बहनों में छोटी थी,इस कारण घर में सबकी लाडली थी।विमला देखने में अत्यधिक … Read more

हर सास बुरी नहीं होती – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

रात के 2:30 बजने वाले थे लेकिन नंदिनी की आंखों से नींद कोसों दूर थी बार-बार आने वाली हिचकी ने उसे परेशान कर रखा था जैसे ही वह सोने की कोशिश करती तभी उसे हिचकी आ जाती उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह इस समस्या से निजात पाएं दिनभर ऑफिस में … Read more

दरार – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सब अड़ोसी पड़ोसी और रिश्तेदार यही सोच रहे थे कि यह भी कोई उम्र है जाने की। वह भी इतने बुरे तरीके से, मासूम से बच्चे को छोड़कर। भगवान इसके साथ ऐसा क्यों हुआ, ऐसा किसी के साथ ना हो। आरती का पार्थिव शरीर आंगन में पड़ा था। 5 साल के बच्चे पार्थ को स्कूल … Read more

रिश्तों मे बढ़ती दूरियां – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मेरी शादी को १० साल हो गए थे  | हर साल कोई भी तीज त्यौहार हो मायके से मेरे लिए सब कुछ आता था |कई बार मैं फोन करके अपने भाई भाभी या मां को बोल देती कि, आपने जो साड़ी भेजा उसका रंग मुझे अच्छा नही लगा | या आपने मेरे पसंद की मिठाई … Read more

नाराजगी – आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

माँ आपको मामा मामी बार बार फोन कर रहे हैं आप उठाती क्यूं नही?मेरे फोन पर मामा का फोन आया हैं बात करो! हाँ हल्लौ सब ठीक तो हैं न जीजी कोई बात हो गया क्या! आप फोन नही उठा रही ,आप आ तो रही हैं न इस बार पूजा मे! माँ ने बडे ही … Read more

रिश्तों पर पड़ीं धुंधली परत…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“आइने गुज़रा हुआ वक़्त नहीं बताया करते सुमन….हम उसको पकड़ कर बैठे रहते हैं… जो हो गया जो बीत गया बस वो हमारे मानस पटल पर ऐसे अंकित हो जाते हैं कि हम चाहकर भी उनसे अलग नहीं हों पाते हैं ….देखो ना तुम आज भी छोटी के व्यवहार को लेकर दुखी होकर बैठ गई … Read more

खुश रहने को एक वजह काफी है । – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या बात है पल्लवी आजकल बड़ी सुस्त सी रहती है तू ऑफिस में ….सब ठीक तो है ना?” चाहत ने पूछा। “हां चाहत बस सब ठीक ही है!” पल्लवी फीकी हंसी हंसते हुए बोली। ” चल कैंटीन में चलकर एक एक कप काफी पीकर आते है!” चाहत उसका हाथ पकड़ कर बोली। ” नहीं … Read more

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