खुशहाल गृहस्थी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

छत पर धूप की तरफ अचार की बरनी रखकर अवन्तिका ने बड़ी और पापड़ बनाने की तैयारी शुरू कर दिया । तभी अनिता जी ने छत पर पहुँचकर देखते हुए कहा..ये क्या बहु ? इतने कम क्यों बना रही है , इतने में क्या होगा? दस दिन बाद होली है । इतने तो हमारे घर … Read more

आया नहीं, माँ बनूंगी – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

शादी एक खूबसूरत एहसास है। एक हसीन ख़्वाब है। शादी का अरमान और एक प्यार करने वाले पति का सपना, अमीर हो या गरीब, सभी लड़कियों में एक सा होता है। ऐसा ही सपना विनीता ने भी देखा था। शादी भी हुई, परन्तु प्यार करने वाला पति पाने का सपना ऐसे टुटा कि उसने एक … Read more

घमंडी भाभी को ननद ने सिखाया सबक !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कमरे में इस तरह घुसने की और मेरा नेकलेस तुम्हारे हाथ में क्या कर रहा हैं ? प्रिया चिल्लाकर अपनी ननद रागिनी से बोली !! रागिनी बोली भाभी , मैं तो बस आपको मुंह दिखाई की रस्म के लिए बुलाने आई थी , मां ने कहा हैं नीचे सब मेहमान … Read more

ननद-भौजाई – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

रेखा टेबल पर नाश्ते का प्लेट  लगाकर एक ओर खड़ी हो गई। सास-ससुर दोनों ननदें और पति खाने बैठे। ” यह क्या नाश्ते में आलू परांठा , चटनी, दही… मैं इतना भारी नाश्ता नहीं कर सकती… मैं उपमा खाऊंगी ” बड़ी ननद माया तुनककर बोली। ” क्यों तुम्हें तो आलू परांठा बहुत पसंद है “सास-ससुर … Read more

‘ननद’ – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

मिथिला की ननद मोहिनी उसकी हम उम्र थी। ननद भाभी के रिश्ते से ज्यादा दोनों प्यारी सखियां थी। दोनों की पसंद,  रहन-सहन, विचार, व्यवहार मेल खाते थे। सबको लगता वे दोनों बहने ही हैं। साईकिल सवार हो दोनों साथ प्रशाला जाती। मिथिला बाहर से ही मोहिनी को पुकारती। जब कभी मोहिनी का भाई आतिश घर … Read more

बहू और बेटी में फर्क क्यों? – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

बहु, बहु…सीमा जी की आवाज तेज हुई जा रही थी। आई मांजी, मिनी ने चेतन से खुद को छुडाना चाहा, छोड़िए माँजी बुला रही हैं चेतन, उसका पति: अब तो हमारे पास रुकना भी नही चाहतीं, पहले कैसे रूठ जाती थीं पल भर भी न मिलूं तो। मिनी: हंसते हुए, ज्यादा बातें न बनाइये, डांट … Read more

नया पहलू – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

‘अरे दीदी,आप माँ के पास बैठिए न ! उन संग गपशप कीजिए। यहां किचन में क्यों आ गईं ? मैं सब संभाल लूंगी यहां।’ अपनी ननद कविता को किचन में आया देखकर चेहरे पर प्रेमभरी मुस्कान लिए रिया तुरंत बोली। ‘भाभी, आप दूसरा काम देखें। मैं आपको सब्जियों का मसाला- प्याज, टमाटर, अदरक, लहसुन आदि … Read more

ननद (कभी सहेली कभी बहन कभी दुश्मन) – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

उमा जी के गाड़ी में बैठते ही फोन आ गया, “ भाभी कहां हैं? चल दी की नहीं? कब तक पहुंचेंगी”? उमा जी “बाईजी ,चल दी हूँ, अब ट्रेन जितना समय लगाती है, उतना तो लगाएगी ही, वरना मेरा मन तो है कि उड़कर पहुंच जाऊं”। यह कहकर खिलखिलाकर हंस पड़ी। वहां से आवाज़ आई … Read more

आपने मेरे भाई को अपने वश मे कर लिया है : Moral Stories in Hindi

“सासू माँ आप यह कैसी बात कर रही है??? संजना मेरी छोटी बहन जैसी ही है… मेरी हम उम्र है… मैं भला क्यो उसकी बातों का बुरा मानूँगी ।” “ नहीं बहू … वो घर में सबसे छोटी और सब भाइयों की दुलारी है ना… इसीलिए कभी-कभी ऐसी बातें कह देती है…।” “ कोई बात … Read more

बहू सिर्फ तेरी ननद ही नहीं, मेरी बेटी भी आई है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बहू, कल सुबह बहुत काम रहेगा, कल तेरी ननद आ रही है, थोड़ा समय से पहले उठ जाना ताकि तन्वी के आने तक सारा काम हो जायेगा, तो हम आराम से साथ में बैठ जायेंगे, ये कहकर साधना जी अपने कमरे में चली आई। नेहा भी सोने जा रही थी, पर अब उसे समझ नहीं … Read more

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