औरत के मन की व्यथा – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

शोभना आज फिर जल्दी, जल्दी घर के कामों को निपटाने में लगी हुईं थीं। उसके पति विकास ने हंसते हुए कहा क्या बात है आजकल तो आप अनुशासित जीवन जीने लगीं है मैडम??आज कल तुम मेरे आफिस जाने से पहले ही अपना सारा काम समाप्त कर लेती हो फिर पूरे दिन क्या करतीं हो?दिन में … Read more

आत्मसम्मान – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

आज पति को गुजरे लगभग बीस दिन बीत चुके थे। नमिता दीवार पर लगे पति के तस्वीर को सुनी निगाहों से निहार रही थी। उसके दिल दिमाग में झंझावात  सी चल रही थी। उसने उन्हें बचाने के लिए किस- किस को फोन लगाया था नमिता को याद नहीं!!   कुछ बहुत करीबी लोगों ने जिनके वक्त … Read more

“मां बाप भी स्वार्थी हो सकते हैं” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी.. खाना खा लो 2:00 बज गए, हां बहू.. कितनी बार कहेगी हमें भी पता है! अभी 10:00 बजे हमने दलिए का नाश्ता किया है तुझे खाना बनाने में इतना जोर आता है तो रहने दे हम हमारा खाना खुद बना लिया करेंगे! नहीं मम्मी जी… मैं तो ऐसे ही कह रही थी! दरअसल … Read more

रसीली बाई – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 मुन्नी बाई का मशहूर कोठा, और कोठे की आन बान और शान रसीली बाई। वैसे उसका असली नाम रश्मि था लेकिन वह खुद इस नाम को कब का भूल चुकी थी।   हर एक बाई की तरह उसकी भी यही दर्द भरी कहानी थी कि कोई अपना पैसे की  लालच में उसे वहां बेच कर गया … Read more

मैं बहू हूं मां जी काम वाली नहीं….. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रागिनी जब भी ससुराल जाती तो उसकी सास का व्यवहार ऐसा होता जैसे वो काम वाली हो, वह सुमित को बोलती ,पर एक बेटे की आंख में मां के प्यार की पट्टी बंधी होती तो वह उसकी कोई बात नहीं सुनता… लेकिन वह सोचती कि कब तक आत्मसम्मान के साथ समझौता करु… उसके मन यही … Read more

” एक फैसला आत्म सम्मान का” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

जैसे ही कॉलेज से नताशा घर आई तो उसकी बड़ी बहन गरिमा और उसके पति दोनों बच्चों के साथ आए हुए थे। उसे देखते ही खुश होते हुए बोले तुम्हारे घर के पास ही अपने किसी परिचित के यहां उनके बेटे के नामकरण संस्कार मेंआए थे तो सोचा तुमसे भी मिलते चलें। हमें नहीं पता … Read more

पहचान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मम्मी! मुझे भी रोटी पर मक्खन खाना है । चाची ने मीनू दीदी को मक्खन दे दिया और मुझे नहीं….. कोई बात नहीं गीतू , अच्छा ये तो बता …. तुम्हारे पेपर ख़त्म हो जाएँगे ना आज ? फिर कल तो गीतू मामा के घर जाएगी । जाओ ,  स्कूल बस आने  वाली होगी ।  … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – डॉ ममता सैनी : Moral Stories in Hindi

सरकारी अस्पताल के धुंधले गलियारों में, राजीव बेचैनी से बैठा हुआ था, अपने फोन को कसकर पकड़े हुए। उस सुबह ही खबर आई थी—उसके पिता, जो उसके लिए सब कुछ छोड़ चुके थे, को लकवा मार गया था। मुंबई में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी बनने के बाद, राजीव ने पिछले पांच वर्षों में अपने माता-पिता को … Read more

आत्मसम्मान का निर्णय – डॉ ममता सैनी : Moral Stories in Hindi

गाँव की पगडंडियों पर चलते हुए संध्या के कदम डगमगा रहे थे, लेकिन उसके हृदय में एक अदम्य साहस था। वह जानती थी कि आज का दिन उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा। संध्या का विवाह पच्चीस साल पहले अनुराग से हुआ था। अनुराग एक शिक्षित व्यक्ति था, लेकिन समाज के पुराने रीति-रिवाजों … Read more

एक फ़ैसला आत्मसम्मान के लिए – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नलिनी कॉलेज में लेक्चरर थी । उस दिन छुट्टी थी इसलिए कोई हड़बड़ी नहीं थी आदत से मजबूर उस दिन भी उसकी नींद जल्दी ही खुल गई थी । वह उठकर अपने कमरे से बाहर आई तो बादल छाए हुए थे ऐसा लग रहा था जैसे अब बरसने लगेंगे । वह बरामदे में ही एक … Read more

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