बिखरता आसमान”-रीमा महेंद्र ठाकुर Moral stories in hindi

हाय””

थैक्यू, 

किस बात का””

आपने मेरी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली””

ओह””

हा””

आपकी पिक रियल है””

हा जी””

और नाम””

अफकोर्स  रियल ही है””

मेरा भी””

अच्छा जी”””

बहुत खूबसूरत है,आप””

थैक्यू “”

नीरव कु बात सुनकर”

स्याली के चेहरे पर ललिमा फैल गयी!

वैसे एक बात बोलूं, स्याली शर्माते हुऐ बोली”

 

हां जी बोलो”

 

बडा यूनिक नाम है आपका” नीरव जी””

अच्छा “”

जी”””

अच्छा मै चलती हूं “”

अभी रूको”””

अजनबियों से ज्यादा देर बात करना सही नही होता “

 

अच्छा मै अजनबी हूँ “

हा तो”””

अजनबी हो तभी तो एक हप्ते बाद थैक्यू बोल रहे हो””

ओह ये बात है”

हा तो”

 

चलो काफी रात हो गयी,कल कॉलेज भी  जाना है,

गुडनाईट “”

गुडनाईट “””

स्याली मोबाइल  एअर मोड पर करते हुऐ सोचे जा रही थी की किसी अजनबी से बात इतनी रात तक करना कितना सही है उसके लिए “”

सोचते सोचते कब नींद के आगोश मे चली गयी उसे पता न चला””

सुबह आंख खुली तो सूरज आसमान पर चढ गया था!

ओह आज तो देर हो गयी,उसने अनमने मन से मोबाइल  उठाया”

मैसेजर पर पहला मैसेज नीरव का था!

गुडमॉर्निंग “”

स्याली के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी! 

वो कुछ देर तक स्क्रीन  को घूरती रही फिर पंलग से उतरकर रोजमर्रा  के काम में  व्यस्त  हो गयी!

 

सारे काम निपटाकर  अभी स्याली बैठी ही थी की”

विडियो कॉल पर रिंग बज उठी”

उसने झट से मोबाइल बंद कर दिया!

फिर खुद को आईने,मे निहारने लगी”बिखर आये बालों को संवारते”हुऐ उसे कुछ अजीब लगा”

 

स्याली रात मे जब बिस्तर पर सोने आयी तो उसे महसूस हुआ जैसे उसका  कुछ खो गया हो”

उसे बेचैनी होने लगी”उसने मोबाइल चेक किया”

कही कोई मैसेज नही”

नीरव नाराज  तो नही हो गया!

स्याली मन ही मन सोचने लगी ,,

भला कोई ऐसे नाराज होता होगा,

उसने खुद को समझाया!

सोने से पहले उसने एक   मैसेज नीरव के लिऐ छोड दिया “

पूरी रात इसी ओह ओह मे बीत गयी,की नीरव कही सच मे नाराज तो नही हो गया!

अभी स्याली को झपकी लगी ही थी की””

बाहर दरवाजे  पर दस्तक सुनाई दी””

उनींदी अलसायी से स्याली दरवाजे की ओर बढ गयी!

 

दरवाजा खोलते ही सामने मम्मी पापा को देखकर  उसके खुशी का ठिकना न रहा””

हैप्पी बर्थ डे ,बेटा “”” मम्मी ने स्याली को खीचकर गले लगा लिया””आपलोग तो कल आने वाले थे””

कल आते तो आज सरप्राइज कैसे देते,पापा उसके सिर पर हाथ रखते हुऐ  बोले””

थैक्यू पापा”””

एक हप्ते की जर्नी कैसी रही””आप दोनों”की””

यादगार बेटा”””

यही खडे खडे ही सारी बात कर लोगें, अब अंदर भी चलो””

 

स्याली बेटा, “” हमारे बगैर एक हप्ता कैसे गुजरा आपका”

थोडा अच्छा  थोडा बुरा””

वो कैसे,पापा हंसते हुए बोले””

काम करना पडा वो बुरा,आराम किया वो अच्छा “

स्याली के बोलने के अंदाज से ,दोनों को हंसी आ गयी!

पापा आप लोग फ्रेश हो जाओ ,मै चाय बनाकर लाती हूँ! 

बिटिया बडी और समझदार हो गयी””

पापा की ओर देखती हुई मम्मी बोली””

हा ,आखिर बिटिया है किसकी”””

हा भाई आपकी ही है,मम्मी हंसते हुऐ बोली””

और आपके साहबजादे””

विनय को मत बीच मे लाया करो, ,उसे पढने दो””

उससे बात हुई ,

हा”””

चलो ठीक है कम से कम उसके पास मां से बात करने का समय तो है”””

पापा जी छोडो न “””

आपलोग कुछ देर आराम कर लो”””

मै रूम मे हूं कुछ जरूरत हो तो बुला लेना “”

ठीक है बेटा””

स्याली की नजर पंलग पर बैठते ही मोबाइल पर पडी””

मै आपसे अब बात नही करूंगा””

मैसेज था!!

क्यूं “”

आपको मुझपर भरोसा नही””

तुरंत जबाब आया””

है पर””

यदि है तो कल शाम मिलने आओ”

मै ऐसे कैसे”””

फिर आज से बात मत करना “”‘

कुछ मिनट दो “

ठीक है एक घंटा दिया”””

 

स्याली  काफी देर तक सोचती रही””

किसी फ्रेंड के साथ जाऐ””या अकेली””

कोई भरोसेमंद नही”””

उसने दृढ निश्चय किया, मना कर देगी””

फिर उसके मन ने उसे बहलाया,एक बार मिल लेने मे क्या बुराई है””

एक घंटा बीत चुका था!!

क्या सोचा””

कहां आना है”””

तिकडी चौराहा “”

पर वहाँ तो बहुत सूनसान होता है”

मिलने से पहले बिछडने का मन हो तो,किसी भीडभाड वाली जगह मिलते है””

अरे मेरा वो मतलब नही था!!

फिर डन””

ठिक है””

ब्लैक कलर के सूट मे आना”

ओके”””

अगले दिन शाम को तिकडी चौराहे  के पीछे बने गार्डन मे  ,स्याली समय के कुछ मिनट पहले पहुंच  गयी!!

  दूर से ही एक ब्लैक कार नजर आयी””

शायद यही होगा””

वो कार की ओर बढ गयी!

कार पर पीठ टिकाऐ एक युवक खडा था!

हाय

नीरव,

स्याली “”

आप तो पिक से ज्यादा हैडसम स्मार्ट है नीरव जी,

हाथ आगे बढाते हुऐ स्याली बोली,

और आप सुन्दर, ,

हा हा हा””

चलो अंदर बैठते है कुछ देर””

हा यही सही होगा””वैसे बडी सूनसान जगह ,है”

हा”””

कार का गेट खोलते हुऐ,  नीरव बोला””

कार का गेट खुलते ही स्याली चौंक उठी””

अंदर एक प्रोढ आदमी बैठा था”””

स्याली की नजर पडी तो वो समझ गयी की कुछ गडबड है,

वो पीछे पलटी ही थी की,नीरव ने उसका हाथ कसकर पकड लिया! 

नीरव ने उसे जोर से धक्का दिया ,स्याली की चीख निकल गयी”

वो सीधी जाकर अंदर बैठे उस शख्स पर गिरी,जिसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी!

वो तेजी से स्याली पर झपट पडा”

वाह मजा आ गया!!

ऐसी मिलती कहां है,उस शख्श के मुहं से दुर्गंध आ रही थी!

मिल गयी तो अब सम्भाल “

नीरव बेशर्मी से बोला “”

अब तक उस शख्स ने स्याली को बाहों के बीच कस लिया था!

स्याली चीख रही थी,पर उस सूनसान जगह पर उसे सुनने वाला कोई न था!

उस शख्स ने स्याली के मुहं पर अपना हाथ रखकर उसके उसके मुहं पर टेप चिपका दी”

और उसके तनमन को कुछ ही मिनटों मे कुचल दिया “”

स्याली की घुटी घुटी चीख उसी कार मे खो गयी!

वो शख्स अब हांफ रहा था। 

  मुहं मांगी,कीमत दिलाऊंगा “”

अरे यार तू पुराना ग्राहक है मेरा “”नीरव दांत दिखाते हुऐ बोला”

चल फिर चलते है,अपने सफर पर”

स्याली को अब उनकी बातों से कुछ फर्क नही पड रहा था”” 

वो मन ही मन खुद को कोश रही थी!

एक घंटे बाद कार अपनी मंजिल पर पहुँच गयी!

रेड एरिया, मंडी”””

दो दिन हो चुके  थे “स्याली को एक गंदी कोठरी मे छोड दिया गया था स्याली ने अन्न का एक दाना भी नही खाया था!!

ये छोरी अब खा ले नही तो मर जाऐगी”

स्याली के सामने एक  अंधेड औरत खडी थी”

मर जाने दो,

बिटिया ऐसे नही बोलते,आज से अब ये घर तुम्हारा है””

मेरा नही है”स्याली चीखी”

अम्मा तुम जाओ हम देखते है कितनी गर्मी है इसमें”

तू जा मै देख लूंगी, उस गुस्से वाले आदमी को वहां से धकियाते हुऐ अम्मा बोली””

बिटिया मान जाओ नही तो ये सब तुम्हें नोचकर  खा जायेगे 

प्रमोद ने बीस लाख लिऐ है तुम्हारे,,

प्रमोद कौन,,

अम्मा चुप हो गयी””

अम्मा मुझे मिलना है उससे “””

किससे””

जिसने मेरी जिदंगी खराब की है”

ठीक है””

अम्मा ने एक फोन किया, कुछ ही देर में, नीरव स्याली के सामने था!

नीरव पर नजर पडते ही स्याली आगबबूला हो गयी,वो झपटी”

और एक जोरदार चांटा नीरव के गाल पर पडा”””

साली। हराम”””एक गंदी गाली के साथ नीरव स्याली की ओर बढा!!

अम्मा बीच मे आ गयी””प्रमोद तू बाहर जा”

अम्मा हट आगे से,,,वो गुर्राया “”

साली अब देख तू मुझपर हाथ उठाने का नतीजा, अम्मा इसका खाना पीना बंद आज से,एक दिन मे दस दस भेज इसके पास,

स्याली के पेट पर लात मारते हुए नीरव,,बाहर चला गया! 

स्याली दर्द से करह उठी””

अम्मा उसके करीब आ गयी”””

बिटिया “””

अम्मा इसका क्या बिगाड था मैने”

मेरे पापा का गुरूर थी मै””

यहां पर सभी  अपने मां बाप का गुरूर,है,मंडी मे आने के बाद वापस जाना न मुमकिन है”

मान लो वापस भेज भी दिया ,तो अब वो अपनाऐंगें””नही”””

अम्मा बेबसी से बोली””

अम्मा मै कोशिश करूंगी”””

और अब नही बिखरने दूंगी किसी का आसमान””

बेटा एक बात बोलूं, दस्तक तो जरूर होती है,पर सुनकर अनसूना कर देते है अक्सर लोग, अम्मा ने बोलने के साथ लम्बी सांस भरी””””

समाप्त “””

रीमा महेंद्र ठाकुर   साहित्य संपादक, वरिष्ठ लेखक,

राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत “

#अटूट बंध

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