भाभी मैं तुम्हारी नौकर नहीं हूं – बीना शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आंगन में किसी बात पर ननद राधिका और भाभी अंजलि को आपस में खिलखिलाते देखकर विमला ने राहत की सांस ली थी कुछ देर पहले चाय के ऊपर दोनों मे मनमुटाव हो गया था दरअसल उनकी बहू अंजलि बेहद शांत स्वभाव की गृह कार्य में निपुण दक्ष युवती थी जो खुशी-खुशी घर का सारा काम कर लेती थी

सबके मनपसंद व्यंजन वह बड़ी फुर्ती से बना देती थी जिसके कारण घर के सभी लोग उसे बेहद प्यार और सम्मान देते थे इसके विपरीत उनकी बेटी राधिका थोड़ी आलसी और खुदगर्ज युवती थी जिसे सिर्फ अपने काम से ही मतलब था उसे किसी के दुख दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता था।

एक दिन जब अंजली सो कर उठी तब उसके सर में बेहद दर्द था दर्द के कारण उससे बिस्तर से उठा भी नहीं जा रहा था राधिका उस वक्त किसी काम से उसके कमरे में आई तो अंजलि उससे बोली “दीदी एक कप चाय बना दो सर में बहुत दर्द है” यह सुनकर राधिका चाय बनाने की बजाय उससे गुस्से में बोली” भाभी मैं तुम्हारी नौकर नहीं हूं

जो तुम्हारे लिए चाय बनाऊं खुद उठकर बना लो” यह कहकर वह अपने कमरे में चली गई थी राधिका की बात सुनकर अंजलि को बड़ी ठेस पहुंची थी हमेशा शांत रहने वाली अंजलि नाराजगी भरे स्वर में राधिका से बोली “दीदी आज के बाद मुझसे बात ना करना।”

     उसकी सास विमला उस वक्त मंदिर में पूजा कर रही थी पूजा करते हुए उन्होंने ननंद भाभी की बात सुन ली थी सारी बातें सुनने के बाद वे राधिका के पास गई और उससे बोली” बेटी भाभी से माफी मांगो” मैंने ऐसा क्या कह दिया जो मैं माफी मांगू मैंने बस छोटी सी बात तो कही है कि मैं तुम्हारे नौकर नहीं हूं”

राधिका मम्मी से बोली तो वे उसे प्यार से समझाते हुए बोली”बहू भी मेरे लिए बेटी की तरह ही है जैसे मैं तुम्हें प्यार करती हूं वैसे ही बहू से भी बेटी की तरह प्यार करती हूं  बेटी बेशक तुमने अपनी भाभी से छोटी सी बात कही है लेकिन रिश्तो के बीच छोटी -छोटी बातें कभी कभी बडी खाई का रूप ले लेती हैं जो आगे चलकर रिश्तों में कड़वाहट भर देती है जिससे रिश्तों का माधुर्य खत्म  होकर रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाते हैं, यदि इतनी सी बात पर तुम्हारी भाभी ने तुमसे बोलना बंद कर दिया तो क्या तुम बर्दाश्त कर पाओगी?

    यदि तुम्हारी भाभी भी तुम्हारे किसी काम को ऐसे ही मना करदेँ तो तूझे कैसा लगेगा? सुख में तो  वह तुझ से कभी किसी काम को करने के लिए नहीं कहती आज दुख में जरा सा काम करने को कह दिया तो तुमने मना कर दिया बेटी दूख में एक दूसरे की मदद करने से रिश्ते और भी मजबूत हो जाते हैं और मना कर देने से पल भर में बिखर जाते हैं इससे पहले कि तेरी भाभी के दिल में तेरे लिए कड़वाहट भर जाए तू उसे चाय बना कर दे और उससे माफी मांग ले” मम्मी की बात सुनकर राधिका शर्मिंदा हो गई थी।

            वह रसोई में गई अदरक ,इलायची और लौंग कूटकर भाभी की मनपसंद चाय बनाई फिर कप में डालकर भाभी के पास आकर बोली “भाभी माफ कर दो मुझे ऐसा नहीं बोलना था चाय पी लीजिए मैंने आपके लिए चाय बना दी हैं मैं आगे से ऐसी गलती नहीं करूंगी” शांत स्वभाव की अंजलि ने गुस्से में बोल तो दिया था

कि आज के बाद मुझसे बात ना करना परंतु, जब राधिका ने पश्चाताप भरे स्वर में अपनी गलती के लिए माफी मांगी तो अंजलि का दिल मोम की तरह पिघल गया था उसने झट से चाय हाथ में ले ली मुस्कुराते हुए बोली ” दीदी काम करने से कोई नौकर थोड़े ही हो जाता है मैं तो दिनभर सबका काम करती हूं फिर क्या मैं भाभी की जगह तुम्हारी नौकर हुई? “भाभी मम्मी ने मेरी वैसे ही क्लास ले ली है अब आप फिर से मेरी क्लास लेने लगी मैंने कहा ना मैं अपनी गलती पर शर्मिंदा हूँ “राधिका ने खिसियाते हुए कहा तो अंजलि ने प्यार से उसे गले से लगा लिया था।

बीना शर्मा

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