बहु के बच्चे खिलाने की उम्र में जब सासू मां हो गई प्रेग्नेंट !! – स्वाती जैंन: Moral stories in hindi

मम्मी जी , आपको शर्म आनी चाहिए इस उम्र में यह सब करते हुए !! अब क्या मुंह दिखाएंगें हम लोग दुनिया वालों को ?? और क्या कहेंगे सभी को कि इस उम्र में मेरी सास मां बनने वाली हैं और वह भी किसके बच्चे की क्या पता ??

मुझे मां बने अभी एक ही साल हुआ हैं !! जहां बेटे बहू के बच्चे पालने की उम्र हैं आपकी , वहां आप अपना बच्चा लेकर घूमेंगी अब !! शर्म आनी चाहिए आपको !! मुझे तो आपको अपनी सास कहने में भी शर्म आ रही हैं और अगर यह बात आपके बेटे आलोक को पता चल गई तो आप सोच भी नहीं सकती क्या होगा आपका ?? सलोनी अपनी सास विमला जी से बोली !!

विमला जी जिनके पास कहने को कुछ शब्द नही थे , खामोशी से अपनी बहू की बातें सुने जा रही थी अंत में सिर्फ इतना बोली कि बेटे आलोक को अभी कुछ मत बताना !!

सलोनी बोली हां देखा , कैसे बेटे के नाम से हवाईयां उड़ रही हैं आपकी ?? जब यह कुकर्म किया तब बेटे बहू की याद नहीं आई जो अब सभी के सामने यह बात खुलने का डर सता रहा हैं !!

मैं तो आलोक को सारी बातें बताकर रहुंगी , आने दिजिए , अभी कमरे में जाकर सब बताती हुं उनको !! पता नहीं कहां मुंह काला करके आई हैं इस उम्र में !!

विमला जी फफक फफककर रो पडी और खो गई अतीत के गलियारे में !!

हंसता खेलता परिवार था विमला जी का !! विमला जब केवल सतरा बरस की थी उनकी शादी उनसे दो साल बडे चंद्रशेखर जी से हो गई थी !! चंदशेखर जी तब अध्यापक बनने के लिए बी.एड की परिक्षा दे रहे थे और दो साल बाद उनका यह सपना पूरा हुआ अब पति चंद्रशेखर जी सरकारी स्कूल में अध्यापक बन चुके थे !! विमला जी केवल उन्नीस वर्ष की थी और उन्होने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया जिनका नाम उन्होने आलोक और सीमा रखा !!

विमला जी अब घर में पुरी तरह रच बस गई थी और अपना घर , परिवार और बच्चे संभालती थी !! बहुत छोटी उम्र में शादी हो जाने के कारण उनमें पहले इतनी समझ नहीं थी मगर वक्त के साथ साथ वे सब कुछ सीख गई थी !! वक्त के साथ हालातों ने अजीब करवट ली और एक दिन अचानक एक सड़क दुर्घटना में चंद्रशेखर जी की मौत हो गई , उसके बाद घर परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी अकेले विमला जी पर आ गई !!

विमला जी के सास – ससुर भी उन्हीं के साथ रहते थे !! दो बुढे व्यक्ति , दो बच्चों सभी का दायित्व को पुरा करने के लिए विमला जी ने आचार पापड़ बनाने का काम शुरू कर दिया मगर आचार – पापड़ के काम से भी घर का खर्चा पुरा नहीं होता था !!

पडोस में रहने वाली सुनीता भाभी के पति एक बडे हॉस्पिटल में काम करते थे , जहां एक ऐसी औरत की जरूरत थी जो डिलीवरी वाली मांओ की देखभाल कर सकें !!

जब सुनीता भाभी ने यह बात विमला जी को बताई तो विमला जी इस नौकरी के लिए तुरंत तैयार हो गई और अब विमला जी घर – परिवार संभालने के साथ साथ हॉस्पिटल में नौकरी पर भी जाने लगी थी , ताकि वे घर का खर्च निकाल पाए !!

शनिवार और रविवार हॉस्पिटल से उनको छुट्टी दी जाती थी तब विमला जी ऑर्डर लिए हुए आचार पापड़ तैयार करती !!

विमला जी को एक बेटा आलोक और एक बेटी सीमा थी !! जिनकी पढ़ाई लिखाई का खर्च और सास ससुर की दवाईयों का खर्च विमला जी नौकरी करके पुरा कर रही थी मगर विमला जी की सास रूपमती जी को विमला जी का हॉस्पिटल जाकर नौकरी करना बिल्कुल पसंद नहीं था !!

शुरुवाती दौर में तो वह कुछ नहीं बोली क्योंकि रूपमती जी और उनके पति कमलेश जी की दवाईयों का खर्च भी तो विमला जी ही उठा रही थी !!

अगला भाग

बहु के बच्चे खिलाने की उम्र में जब सासू मां हो गई प्रेग्नेंट !!(भाग 2) – स्वाती जैंन: Moral stories in hindi

आपकी सखी

स्वाती जैंन

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!