नई सुबह – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” ममता…ज़रा मेरी पीठ खुजला दे…।”       ” अभी आई…।” कहकर ममता शकुंतला जी की तरफ़ बढ़ी ही थी कि शीलप्रभा जी ने उसे आवाज़ दे दी,” ममता बहन..मेरी चोटी तो बना दे..।”       ” अभी आई शील दीदी..।” कहते हुए ममता  शकुंतला जी पीठ खुजलाकर शीलप्रभा जी के बिस्तर पर बैठकर उनकी चोटी बनाने लगी।तभी पास … Read more

बिगड़ते रिश्ते को हवा मत दो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” आपने ठीक किया माँ जो भाभी को डाँट दिया।खुद तो खाली हाथ आईं हैं.., ऊपर से प्लेटें-बाउलें तोड़कर आपके मँहगे-मँहगे सेट भी खराब करती रहतीं हैं।भाभी का यही हाल रहा तो माँ..।”  ” चुप करो मानसी…। तुम्हारी माँ को तो बहू को डाँटने के लिये बहाना चाहिये,कम से कम तुम तो #आग में घी … Read more

आँखों पर पड़ा पर्दा : Moral Stories in Hindi

  ” महारानी को घर आने की फुर्सत मिल गई..मैं पहले से ही जानती थी कि तू पढ़ाई के बहाने कहीं नैन-मटक्का करने जाती है..स्कूल से कोई इस समय घर लौटता है क्या?” घड़ी की सुई पाँच पर टिकते देख लाजवंती रेखा पर चिल्लाई।    ” वो चाची…।” रेखा को बोलते देख घनश्याम ने उसे चुपचाप अंदर … Read more

ड्रेसिंग टेबल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    हमारे समय में हर पिता अपनी बेटी को विवाह में पलंग, डाइनिंग टेबल, सोफ़ासेट, टीवी, फ़्रिज के साथ एक ड्रेसिंग टेबल देकर ही ससुराल विदा करते थें।मैंने अपनी तीन बड़ी बहनों की शादी देखी थी।बड़ी दीदी को एक शीशे वाला आदमकद ड्रेसिंग टेबल मिला।मंझली दीदी को डबल शीशे वाला(फ़ोल्डिंग) ड्रेसिंग टेबल और नमिता दी के … Read more

परिवार की कद्र – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” निशि..रोज तो तुम्हारा अपनी पड़ोसिनों के साथ ही उठना-बैठना होता है..अभी तो माँ-पापा जी के पास बैठो…उनसे बातें करो..।” आनंद निशि पर चिल्लाया।तब निशि भी उसी लहज़े में बोली,” तुम्हारे माँ-पिताजी तो चार दिन रहकर चले जायेंगे…काम तो मेरे पड़ोसी ही आयेंगे ना..।”   ” पड़ोसी ही काम…तुम्हारा दिमाग तो ठीक..।” बात बढ़ती देख आनंद … Read more

रिश्ता हो तो ऐसा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” क्या सीमा…दो बच्चों के बाद फिर से…इतने तो उपाय हैं..अपनाया नहीं..पढ़-लिखकर भी गँवार ही रही…हा-हा..।” कहते हुए शिल्पी अपनी ननद का उपहास करने लगी।तब उसकी सास बोली,” छोटी बहू..बच्चे तो भगवान की देन है…सीमा फिर से माँ बनने वाली है..ये तो खुशी की बात है..आशीर्वाद देने की बजाय तुम इसकी हँसी उड़ा रही हो..ये … Read more

सूरत नहीं, सीरत भली – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” नीतू..तू अपना मनहूस चेहरा लेकर फिर मेरे सामने आ गई…चल भाग यहाँ से…।” कल्पना ज़ोर-से अपने जेठ की बेटी पर चिल्लाई।चाची की कड़वी बात सुनकर नीतू का मन आहत हो गया।वो कमरे में जाकर रोने लगी तभी उसकी दादी आ गई और उसके सिर पर प्यार-से हाथ फेरते हुए बोली,” मेरी लाडो..तू मनहूस नहीं … Read more

थैंक यू बेटा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      हाथ में चाय का कप लिये शैलेश अखबार पढ़ रहा था कि उसकी नज़र हेडलाइन पर ठहर गई,’ बेस्ट सेलर किताब- वरदान के लेखक ‘ श्री शिव मंगल जी’ का सम्मान समारोह’।नीचे छपी तस्वीर देखकर वो चौंक पड़ा,” पापा जी!” उसे यकीन नहीं हुआ।उसने बड़े भाई शीलेश को फ़ोन किया,” भईया..आज की हेडलाइन देखी..।”   ” … Read more

अहंकार कभी न करना – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” अंकित..खबरदार जो मनु के खिलौने को हाथ लगाया..लंदन से इसके पापा ने मंगवाया है..।तुम भी अपने पापा से..अ.रे.रे..रे..तुम्हारे पास तो ढ़ंग के कपड़े भी नहीं है..खिलौने कहाँ से..।” कहते हुए रीना व्यंग्य-से हँसी और उसने अपने जेठानी के बेटे अंकित के हाथ से खिलौना छीन लिया।        रीना के ससुर दीनदयाल जी की अचानक मृत्यु … Read more

बेटी तो है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” सुनीलsss.., जब एक हाथ से काम होता नहीं तो चुपचाप बैठे क्यों नहीं रहते…।कितना मंहगा शो- पीस था…तुमने तोड़ दिया…इसका पैसा क्या…।” कामिनी अपने देवर पर चिल्ला रही थी कि तभी सुनील की पत्नी नंदा आ गई,” साॅरी दीदी..इनसे गलती से गिर गया है।मैं इसके पैसे दे दूँगी…।”       ” कहाँ से देगी…तुझे खिलाते हम … Read more

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