नई सुबह – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” ममता…ज़रा मेरी पीठ खुजला दे…।” ” अभी आई…।” कहकर ममता शकुंतला जी की तरफ़ बढ़ी ही थी कि शीलप्रभा जी ने उसे आवाज़ दे दी,” ममता बहन..मेरी चोटी तो बना दे..।” ” अभी आई शील दीदी..।” कहते हुए ममता शकुंतला जी पीठ खुजलाकर शीलप्रभा जी के बिस्तर पर बैठकर उनकी चोटी बनाने लगी।तभी पास … Read more