मन का रिश्ता – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi
आज सुबह सुबह खबर मिली, आप नहीं रही। “यह कैसे हो सकता है?” मेरे मन को बहुत धक्का लगा ।आप तो मेरी बड़ी दीदी थी।मेरी सबकुछ ।पता नहीं कब से आपसे मन का रिश्ता जुड़ गया था ।आपसे सच कहा जाए तो कोई रिश्ता नहीं था । फिर भी एक मन का रिश्ता होता है … Read more