यह अमीर ससुराल वाले बहू की बारी आते ही गरीब क्यूं हो जाते हैं ?? – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

नायरा , आओ हमारे साथ डांस करो , आखिर हमारे चाचा के लड़के रोहन की शादी हैं , रोहन और चाचा – चाची ने हमें घर की सगी बेटियों जैसा प्यार दिया हैं ,तुम तो हम सभी बहनों में सबसे अच्छा डांस करती हो मगर जब से शादी में आई हुं तब से देख रही … Read more

खुशियां कभी पैसो से नहीं खरीदी जा सकती !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

शीनम , तुमने मुझे बताया क्यूं नहीं कि पापा ने फोन किया था तुमको कल , वहां मम्मी की तबीयत इतनी खराब हैं और तुमने मुझे बताना भी जरूरी नहीं समझा गुस्से में बोला रोहित !! रोहित , पहली बात तो यह कि वह तुम्हारी मम्मी हैं और आए दिन उनकी तबीयत खराब होती रहती … Read more

पापा आपको शर्म नहीं आई , इस उम्र में यह सब करते हुए !! – स्वाती जैंन  : Moral Stories in Hindi

घनश्याम जी रात भर सोए नहीं थे , उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था , रात भर बुखार होने के कारण अब तो शरीर साथ भी नहीं दे रहा था फिर भी वे जैसे – तैसे उठे और अपने लिए चाय बनाई ताकि चाय के साथ कुछ खाकर दवाई ले पाए !! चाय … Read more

नफरत की दीवार !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

बस अंशुमन, बहुत हो गया तुम्हारा , कितने समय से मैं कुछ बोल नहीं रहा हुं इसका मतलब यह नहीं हैं कि मैं पागल हुं , मुझे भी सब समझ में आता हैं मगर इतने महिनों से चुप इसलिए हुं कि रिश्ते खराब नहीं करना चाहता था मगर अब तुमने और तुम्हारी पत्नी ने बोलने … Read more

अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अरे सुहानी , आज स्कूल से आने में इतनी देर कैसे हो गई ?? राजू आज तो जिद पर ही अड़ गया था कह रहा था मम्मी जब तक नहीं आएगी तब तक खाना नहीं खाऊंगा , ना कपड़े बदलने तैयार था और ना खाना खाने ! बड़ी मुश्किल से मैंने और नैना से समझा … Read more

मैं कठपुतली नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

चंचला की आंखों में आज फिर एक बार आंसू आ गए और वह अपने नित्यक्रम वाले रसोई के काम में लग गई मगर काम करते करते उसका मन पुरानी स्मृतियों पर जा अटका !! चंचला के पिता मोहन लाल जी के दोस्त छगनलाल जी उनके परिवार सहित मोहन लालजी के घर आने वाले थे , … Read more

घमंडी भाभी को ननद ने सिखाया सबक !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कमरे में इस तरह घुसने की और मेरा नेकलेस तुम्हारे हाथ में क्या कर रहा हैं ? प्रिया चिल्लाकर अपनी ननद रागिनी से बोली !! रागिनी बोली भाभी , मैं तो बस आपको मुंह दिखाई की रस्म के लिए बुलाने आई थी , मां ने कहा हैं नीचे सब मेहमान … Read more

तुम्हारा पिता हुं , कोई कबाड़ का सामान नहीं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

पापा , हम घर पहुंच चुके हैं ,चलिए आईए कहते हुए छोटे बेटे रोहन ने कार का दरवाजा खोला !! कांतिलाल जी बेटे के साथ घर के अंदर पहुंचे तो घर को टकटकी लगाए देखते रह गए !! बीच में बड़ा सा झूमर , महंगा फर्नीचर , मखमली सोफा , डायनिंग टेबल , एयर कंडीशनर … Read more

सास तो हो मगर गरीब मायके की बेटी की – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 मम्मी जी मैं अपने मायके से भर भर के सोना लाई हूं समझी मुझे कुछ बोलने से पहले सोच लीजिएगा।  अब इस घर की मालकिन मैं हूं आप नहीं, रीमा अपनी सांस गीता जी से बोली, गीता जी बोली, “भगवान से डरो बहू रोज सुबह से शाम तक सुनाती रहती हो जरा तो मेरी इज्जत … Read more

तुम्हारा मायका तुम्हारे ससुराल से बढ़कर हैं क्या ?? – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

नीलिमा , यह क्या आज अब तक खाना नहीं बना जबकि आज तो हम दोनों कितनी देरी से आई हैं सास उषा जी  अपनी बड़ी बहू निलिमा पर चिल्लाकर बोली !! मम्मी , आज मुन्नी ने बहुत परेशान किया , कुछ काम ही नहीं करने दिया !! अभी चलना सीखी हैं तो यहां वहां भागती … Read more

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