सांसों की डोर -शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

जोगाराम एवं देवकी दोनों पलंग पर लेटे एक दूसरे को निहार रहे थे दुख और उम्र के कारण कैसे तो उनके चेहरे कुम्हला गये थे। उम्र के निशान उनके शरीर पर अपनी छाप छोड़ रहे थे। तभी जोगाराम बोला देवकी जब तू व्याह कर आई थी कैसी गोरी चिट्टी, छुईमुई सी थी। कितनी सुन्दर थी,मेरा … Read more

दोहरे मापदंड – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये क्या बात हुई मम्मी कि भैया कुछ भी करे आप उसे तो रोकतीं नहीं किन्तु मुझे आज सहेली के जन्मदिन की पार्टी में जरा देर क्या हो  गई इतना सुना रही हो । मैं तो ज्यादा कहीं आती जाती  भी नहीं हूं जबकि भैया न तो ढंग से पढ़ते हैं और देर रात गए … Read more

बुजुर्ग की नसीहत – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

बच्चों की बात को लेकर पड़ोसी आपस में झगड़ पड़े।झगडा इतना बढ़ गया कि दोनों परिवारों ने सारी सीमाएं लांघ दी।वे लड़ते हुए घर के बाहर  सड़क तक पहुंच गए।एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, दोषारोपण के तीर सन सनाते चल रहे थे। वे अभद्र भाषा का प्रयोग, गाली-गलौज कर एक दूसरे को नीचा दिखाने पर आमादा … Read more

प्रेम से सींचें रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रामेश्वरी जी एक सीधी सादी, सुलझीं महिला थीं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थीं ‌ग्रामीण परिवेश में हमेशा रहीं थीं किन्तु उनकी सोच, समझने की शक्ति निराली थी। वे किसी भी समस्या से घबरातीं नहीं थीं, वल्कि समाधान सोचने में जुट जातीं। उनके इसी गुण ने उन्हें परिवार, मुहल्ले में एक अलग स्थान दिया था।जब भी … Read more

प्यार, विश्वास का गला घोंट दिया – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

मैडम अब हम क्या कहें आपसे शायद हमारे दिए संस्कारों में ही कोई कमी रह गई जो आज यह दिन देखना पड़ा। इसके कारण किसी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहे। क्या सोचा था क्या हो गया। इसका उज्जवल भविष्य बनाने के लिए हमने क्या नहीं किया।इसे डाक्टर बनाने के लिए ,इसकी खुशी के … Read more

जिजीविषा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रीता अपने तीन बच्चों के साथ घर -घर काम करके गुजारा करती थी।उसका पति कमाता तो बहुत था। कारीगर था सो अच्छा पैसा मिलता था किन्तु उसका सहयोग परिवार खर्च में नगण्य था, कारण वह सब पैसा शराब पीने में उड़ा देता और कभी कभी तो रीता से उसके पैसे भी झपट लेता।न देने पर … Read more

सास से प्यार भरा रिश्ता – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अरे माला तू यहां कैसे माल में घूमते हुए जैसे ही रूपा की नजर माला पर पड़ी वह चहक कर बोली और दोनों गले लग गईं ।माला बोली अभी अभी छः माह पहले ही मेरे पति का स्थानांतरण यहां हुआ है। चल आज मैं जल्दी में हूं फोन नंबर दे और मैं अपना भेजतीं हूं।कल … Read more

भाभी मां – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

लक्ष्मी मात्र सोलह वर्ष की उम्र में व्याह कर रघु के घर आ गई। गरीब किसान की बेटी थी। मां बापू दूसरों के खेतों पर काम करने जाते, पीछे वह घर का काम एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखती। ससुराल आकर भी खेलने-खाने की उम्र में घर गृहस्थी के कामों में झोंक दी गई। … Read more

मां का मान पत्नी का अपमान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

शुभा अभी घर के सुबह के कार्यों को निबटा  ही रही थी कि फोन की घंटी बजी। फोन उठाते ही अंश के स्कूल से फोन था आप जल्दी विद्यालय पहुंचे अंश खेलते खेलते गिर गया है उसे चोट आई है अस्पताल ले जाना पड़ेगा देरी न करें। फोन रख उसने अपनी सास से कहा मम्मी … Read more

बेटी की खुशी***एक पिता की नजर से – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रोहन और मिताली एक मल्टीनेशनल कंपनी में बैंगलोर में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। दोनों तीन साल से एक ही जगह काम कर रहे थे सो आपस में मित्रता थी किन्तु यह मित्रता कब प्यार में बदल गई  वे स्वयं भी इससे अनजान थे। दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे और बात शादी तक जा … Read more

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