बंद मुठ्ठी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 महिला विद्यालय का वार्षिक समरोह में मुख्य अतिथि समाज सेविका श्रीमती कल्याणी जी थी, माला अर्पण और स्वागत समरोह के बाद कई रंगारंग कार्यक्रम थे। अंत में मुख्य अतिथि से कुछ कहने का आग्रह किया गया,      “मैं चाहती हूँ हमारे देश की हर लड़की शिक्षित हो, इसके लिये कभी भी किसी को कोई मदद चाहिए … Read more

असली बड़ी बहू – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 सावित्री जी की मृत्यु के बाद कल सारे कर्मकांड काज ठीक से संपन्न हो गये…,नाते -रिश्तेदार भी वापस जा चुके थे, इकलौती ननद भी अपने घर चली गई, अब घर में सिर्फ सावित्री जी के बड़े बेटे रमन का परिवार रह गया,। छोटी बहू नंदा सुबह का खाना बना कर बाहर निकल रही थी कि … Read more

वो अनाम रिश्ता – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 मुझे नये कार्यालय में आये दो महीने ही हुये, ऑफिस के पास ही घर ले लिया….,  ऑफिस जाते हुये अक्सर एक उदास मासूम चेहरा मुझे दिख जाता, जाने उन आँखों में क्या कशिश थी जो निगाहें बरबस बगल के घर की ओर उठ जाती थी..,खिड़की के जंगले को पकड़े वो उदास ऑंखें, होठों पर ख़ामोशी … Read more

खिलाड़ी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  “कहाँ पर वर्क कर रही हो..,मतलब किस कंपनी में…..”नितिन के फ्रेंड अमित ने पूछा, तो लतिका की आँखों में एक अनकहा दर्द उभर आया, लेकिन अपने को संभाल कर मुस्कुरा कर बोली “कहीं नहीं….”…।.रसोई में आ आँखों के किनारे लटके उस बूंद को साफ कर ली, जो अक्सर उसकी आँखों के कोर पर लटक आते.., … Read more

नज़रिया – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

छवि जब से बड़ी बहन अरुणा की बेटी संजना की शादी से लौटी है,कुछ अन्यमनस्क दिख रही थी, कभी दर्पण के सामने अपने केश देखती तो कभी माथे की लकीरें…, उसको इस तरह देख विशाल जी से रहा ना गया पूछ बैठे,   “क्या बात है छवि… जब से संजना की शादी से लौटी हो, कुछ … Read more

डर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मोबाइल की रिंगटोन सुनते ही विजय ने कॉल उठा लिया..    “क्या…, कैसे..”सुनते ही मैं भी विजय के पास आ गई।  “सुना तुमने श्याम जी के बेटे ने आत्महत्या करने की कोशिश की, अस्पताल से श्याम जी का फोन था .”फोन रखते विजय घबराये स्वर में बोले।     “अरे… ये कब हुआ, कैसे ..”मैं भी आवाक थी। … Read more

शक का शिकार वही क्यों बनती है….. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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तनु को तुरंत अस्पताल में एडमिट कराया गया। बाहर तनु का पति विशाल और सास रेवती -ससुर मनोहर जी चिंतामग्न बैठे थे। रेवती जी मन ही मन ईश्वर से मना रही थी तनु ठीक हो, ज्यादा ना जली हो।तनु के मायके खबर दे दी गई थी। बहू के जलने का मामला था। थोड़ी देर में … Read more

बदलाव की चाहत – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“रीना, हेमा भाभी को देखो इस उम्र में भी कितनी स्मार्ट और ऊर्जा से भरपूर लग रही, और तुम घूम फिर कर वही सूट या माही का रंग उड़ा पैजामा सेट पहन लेती हो, हमेशा थकान से बेहाल रहती हो।कुछ तो बदलो समय के हिसाब से…! गोवा के समुन्द्र तट पर बैठे राजीव ने जब … Read more

बस अब और नहीं – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

रह -रह कर बिजली चमक रही थी, सर्दी अचानक से बढ़ गई थी, सुप्रिया ने कस कर शाल अपने चारों तरफ लपेट लिया। बाहर जिंदगी अपनी पूरी रफ़्तार से दौड़ रही थी, बस सुप्रिया की ही जिंदगी ठहर गई। पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही पर सुप्रिया किस बात का जश्न मनाये, तलाक के केस … Read more

ये कैसा गठबंधन – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

नई नवेली रीना अपने कमरे में बैठी आँसू बहा रही थी,सोच रही थी “न जाने पापा को इस गांव के लड़के में क्या दिखा, जो मेरी शादी यहाँ कर दी, बिना सोचे -समझें…।” तभी रेडियो में “कोई मैके को कर दे सन्देश पिया का घर प्यारा लगे…”गाना आने लगा, विजय किसी काम से कमरे में … Read more

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